धामी 30 दिन बाद एसजीपीसी प्रधान पद से इस्तीफा वापस लेने को राजी – Amritsar News

4
धामी 30 दिन बाद एसजीपीसी प्रधान पद से इस्तीफा वापस लेने को राजी – Amritsar News

धामी 30 दिन बाद एसजीपीसी प्रधान पद से इस्तीफा वापस लेने को राजी – Amritsar News

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान पद से 30 ििदन पहले इस्तीफा दे चुके जत्थेदार ज्ञानी हरजिंदर सिंह धामी एक-दो दिन में दोबारा प्रधान पद की कमान संभाल लेंगे। इसकी पुष्टि उन्होंने खुद मंगलवार को होशियारपुर में अकाली दल के पूर्व प्रधान सुखबीर सिं

.

इस मौके पर सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कुछ ताकतें हैं जो अकाली दल को कमजोर करने के लिए साजिशें रच रही हैं। उनकी सभी कोशिशें असफल रहेंगी। हरजिंदर सिंह धामी ईमानदार और पार्टी को समर्पित नेता हैं जिन्होंने हमेशा अकाली दल की मजबूती के लिए काम किया और हमें पूरा विश्वास है कि एडवोकेट धामी की अगुवाई में आने वाले समय में एसजीपीसी सिख पंथ की सेवा के लिए महान कार्य करेगी।

{शेष पेज 5 पर

श्री अकाल तख्त साहिब में िनगरान कमेटी ने शुरू की सदस्यता मुहिम, ज्ञानी हरप्रीत िसंह पहले सदस्य बने

श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा गठित निगरान कमेटी ने अरदास के बाद मंगलवार को शिअद का मैंबरशिप अभियान शुरू किया। श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह रसीद कटवाकर पार्टी के पहले सदस्य बने। समिति के सदस्यों मनप्रीत सिंह अयाली, गुरप्रताप सिंह वडाला, संता सिंह उमैदपुर, इकबाल सिंह झूंडा, बीबी सतवंत कौर ने कहा कि तख्त श्री से उन्हें यह आदेश मिला था कि अकाली दल की नई भर्ती शुरू की जाए।{शेष पेज 5 पर

वर्किंग कमेटी अपनी पार्टी बनाना चाह रही : बीबी जागीर कौर

भर्ती कमेटी के समर्थन में अकाली दल बागी गुट भी श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा । शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल बादल अगर भर्ती कर रहा है तो वे श्री अकाल तख्त साहिब के नियमों के अनुसार नहीं है। श्री अकालतख्त साहिब की ओर से बनाई गई भर्ती कमेटी जो मेंबरशिप अभियान चला रही है, वही सही है। हो सकता है कि वर्किंग कमेटी अपनी अलग पार्टी बनाना चाहते हों।

फैसले की जानकारी देते जत्थेदार एचएस धामी।

दमदमी टकसाल के मुखी धुम्मा से मिल सकते हैं सुखबीर 28 मार्च को विरोध का ऐलान कर चुके दमदमी टकसाल के मुखी हरनाम सिंह धुम्मा से मिलने भी सुखबीर पहुंच सकते हैं। सुखबीर के करीबियों ने संपर्क साधने शुरू कर दिए हैं। विरोध कर रहे संंगठनों को शांत करने के लिए सुखबीर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जत्थेदारों की नियुक्ति और सेवा​मुक्ति का ​सर्वमान्य नियम तय करने के प्रयास भी शुरू कर सकते हैं।

कमेटी ने 18 को सदस्यता अभियान शुरू करने का पहले ही ऐलान कर रखा था। ऐसे सुखबीर ने इसी दिन को धामी के पास जाने के लिए चुना ताकि कमेटी के सदस्यता अभियान की ओर सिख पंथ का कम ध्यान जाए। जत्थेदार का कमेटी सदस्यों को बुलाना एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जाएगा। इससे विरोध कम होने भी संभावना है।

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News