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दो स्थानों पर संचालित हो सकता है संप्रेक्षण गृह: हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शासन की टीम के साथ स्थानीय अधिकारियों ने किया निरीक्षण – Gorakhpur News

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दो स्थानों पर संचालित हो सकता है संप्रेक्षण गृह:  हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शासन की टीम के साथ स्थानीय अधिकारियों ने किया निरीक्षण – Gorakhpur News

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दो स्थानों पर संचालित हो सकता है संप्रेक्षण गृह: हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शासन की टीम के साथ स्थानीय अधिकारियों ने किया निरीक्षण – Gorakhpur News

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गोरखपुर के राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) में शासन से आयी टीम ने शनिवार को निरीक्षण किया।

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हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद गोरखपुर के पादरी बाजार स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह (किशोर) चर्चा में है। शनिवार को शासन की टीम के साथ स्थानीय अधिकारियों ने संरक्षण गृह का निरीक्षण किया। वहां रह रहे बाल अपचारियों को मिलने वाली सुविधा की हकीकत जांची।

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खाने-पीने की व्यवस्था देखी। सबकुछ ठीक मिला है। कम जगह में अधिक बाल अपचारियों के रखने का मुद्दा भी उठा था इसलिए इसपर भी विचार हुआ।

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सूत्रों की मानें तो अधिकारियों ने तय किया है कि दो स्थानों पर यह संप्रेक्षण गृह संचालित होगा। जहां दो-दो जिलों के बाल अपचारी रखे जाएंगे।

शनिवार को गोरखपुर पहुंची शासन की टीम ने स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों के साथ पूरे परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम भी मौजूद रही।

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टीम ने स्टोर रूम से दाल, चावल, आटा, नमक, मसाला समेत सभी तरह की खाद्य सामग्रियों के नमूने लिए, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। करीब दो घंटे तक सघन निरीक्षण और बाल अपचारियों से फीडबैक लिया गया। उसके बाद टीम शाम को लखनऊ लौट गई। टीम के साथ गोरखपुर के एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह और जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर भी मौजूद रहे।

उनका कहना है कि टीम पूरी व्यवस्था से संतुष्ट दिखी। कहीं कोई कमी नहीं मिली है। पुलिस की ओर से एसपी सिटी अभिनव त्यागी भी निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे। अब जानिए क्या है मामला देवरिया जिले के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/एडीजे मनोज कुमार तिवारी ने 17 मई को बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया था।

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गोरखपुर के अलावा यहां देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर के बाल अपचारी भी रखे गए हैं। वह देवरिया के बाल अपचारियों की स्थिति देखने आए थे। उन्हें यहां कई कमियां मिलीं। आटा में कीड़ा पाया गया।

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में 100 की क्षमता वाले संप्रेक्षण गृह में 257 अपचारियों को रखने की बात का जिक्र भी किया।

निरीक्षण के बाद देवरिया में प्रकाशित खबर का संज्ञान हाईकोर्ट के जस्टिस ने लिया और इस मामले में जनहित याचिका कायम की गई। 71 बाल अपचारियों के खराब हालत में होने की बात भी कही गई थी। कोर्ट में लगाया जाएगा जवाब निरीक्षण के बाद कोर्ट में भी जवाब लगाया जाएगा। शनिवार को शासन की ओर से महिला एवं बाल कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पुनीत कुमार मिश्र और दिलीप कुमार वर्मा ने संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया।

टीम ने सभी कमरों, स्टोर रूम, किचन, शौचालय सहित पूरे परिसर का निरीक्षण किया। देवरिया के बाल अपचारियों से भी बातचीत की गई। टीम ने बताया कि संप्रेक्षण गृह में कोई कमी नहीं मिली है। सूरजकुंड में भवन देखने पहुंची टीम राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह पहले सूरजकुंड में संचालित हो रहा था। शासन से आयी टीम उस भवन का निरीक्षण करने भी पहुंची, जहां संप्रेक्षण गृह संचालित हो रहा था।

यहीं देवरिया व कुशीनगर के बाल अपचारियों को रखने की तैयारी है। पादरी बाजार में महराजगंज व गोरखपुर के बाल अपचारी रखे जाएंगे। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

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