दो दशक से बिहार की राजनीति के कैसे केन्द्र बिंदु हैं नीतीश कुमार, जानिए

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दो दशक से बिहार की राजनीति के कैसे केन्द्र बिंदु हैं नीतीश कुमार, जानिए

दो दशक से बिहार की राजनीति के कैसे केन्द्र बिंदु हैं नीतीश कुमार, जानिए

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पिछले दो दशक से बिहार की राजनीति के केन्द्रबिंदु तथा राजनीतिक धुरी बने हैं नीतीश कुमार। राजनीति में वे पांच दशक पूरा कर चुके हैं। विधायक, सांसद और केन्द्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने नयी पहचान बनायी। मुख्यमंत्री के रूप में वे बिहार के ‘विकास पुरुष’ कहलाए जाते हैं। नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 में नालंदा के हरनौत के कल्याण बिगहा गांव हुआ। उनके पिता कविराज राम लखन स्वतंत्रता सेनानी थे और आधुनिक बिहार के संस्थापकों में से एक महान गांधीवादी अनुग्रह नारायण सिन्हा के करीब थे। वे आयुर्वेदिक वैद्य भी थे। नीतीश कुमार का उपनाम मुन्ना है।

उन्होंने 1972 में  पटना के बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी) से विद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद बिहार राज्य बिजली बोर्ड में इंजीनियर के रूप में अपनी सरकारी सेवा की शुरूआत की। लेकिन वे यहां आधे मन से काम करते रहे। उनका मन नहीं लगा और बाद में राजनीति में आ गए। 1974 व 1977 में जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल रहे। इसी समय उन्हें उस समय के महान समाजसेवी एवं राजनेता सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के करीब आने का अवसर मिला। वे पहली बार बिहार विधानसभा के लिए 1985 में चुने गये थे। 1987 में वे युवा लोकदल के अध्यक्ष बने। 1989 में उन्हें बिहार में जनता दल का सचिव चुना गया और उसी वर्ष वे नौंवी लोकसभा के सदस्य भी चुने गये थे। 1990 में वे पहली बार केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री बने। 1989 और 2000 में उन्होंने बाढ़ लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1973 में नीतीश कुमार का विवाह मंजू कुमारी सिन्हा से हुआ, वे अध्यापिका थीं। उन्हें एक बेटा निशांत है, जो बीआईटी-मेसरा से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। वर्ष 2000 में वे पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाए। वर्ष 2005 से ( मांझी के 9 माह के कार्यकाल को छोड़) वे लगतारा बिहार के मुख्यमंत्री हैं। 

विधायक बने: 

वर्ष 1985 में पहली बार बिहार विधानसभा के लिए निर्वाचित। 

सांसद बने: 

नौवीं लोकसभा के लिए 1989 में पहली बार चुने गए। इसके बाद 1991, 1996, 1998, 1999 व 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए। 

केंद्र में मंत्री बने: 

– अप्रैल से नवंबर 1990 :  केन्द्रीय कृषि व सहकारिता राज्य मंत्री

– 19 मार्च 1998-05 अगस्त 1999 तक:  केंद्रीय रेल मंत्री।

– 13 अक्टूबर 1999 से 22 नवंबर 1999 तक : भूतल परिवहन मंत्री।

– 27 मई 2000 से 20 मार्च 2001 तक: कृषि मंत्री।

– 22 जुलाई 2001 से 21 मई 2004 तक: रेल मंत्री।

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