देश में पहली बार लागू हुई पुल संधारण नीति: हाई-टेक तरीके से होगा पुलों का निरीक्षण, IIT दिल्ली-पटना को सौंपा गया थर्ड पार्टी ऑडिट का जिम्मा – Patna News h3>
पत्रकारों से बात करते मंत्री नितिन नवीन।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने “बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं संधारण नीति-2025” के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार में सड़क और पुल निर्माण के क्षेत्र में बहुत काम हुए हैं। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिली है। अब राज्य के कि
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पत्रकारों को योजना की जानकारी देते मंत्री और अधिकारी।
देश में पहली बार लागू हुई पुल संधारण नीति
मंत्री ने बताया कि बिहार भारत का पहला राज्य है जिसने ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी को आधिकारिक रूप से लागू किया है। इसकी परिकल्पना विजन-2020 के तहत हुई थी और इसे 03 जून 2025 को मंत्रिपरिषद से स्वीकृति प्राप्त हुई।
राज्य में 3968 बड़े और छोटे पुलों का निर्माण हो चुका है, जिनमें 532 मेगा और मेजर ब्रिज शामिल हैं। इतने बड़े पैमाने पर बने पुलों के लिए सशक्त संधारण नीति जरूरी थी ताकि दुर्घटनाओं और परेशानी से बचा जा सके।
हाई-टेक तरीके से होगा पुलों का निरीक्षण
नितिन नवीन ने बताया कि नई नीति के तहत पुलों की विजुअल और नॉन डिस्ट्रक्टिव टेस्ट (NDT), सेंसर और ड्रोन की मदद से वाकिया जाएगा। इसके बाद ब्रिज हेल्थ इंडेक्स (BHI) और मेनटेंनेंस प्रायरिटी इंडेक्स (MPI) तैयार किए जाएंगे।
7 स्तर पर होगा संधारण कार्य
पुलों के रखरखाव की योजना को सात कैटेगरी में बांटा गया है-:
- प्रारंभिक सुधार
- नियमित संधारण
- सामयिक संधारण
- लघु सुधार
- विशेष मरम्मति
- असाधारण मरम्मति
- अप्रत्याशित मरम्मति
वहीं अब 60 मीटर से अधिक लम्बाई वाले पुलों का संधारण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा किया जाएगा, जबकि इससे छोटे पुलों का रखरखाव संबंधित पथ प्रमंडल करेगा।
IIT को सौंपा गया थर्ड पार्टी ऑडिट का जिम्मा
नितिन नवीन ने जानकारी दी कि 250 मीटर से अधिक लंबाई के पुलों की सेफ्टी ऑडिट के लिए IIT दिल्ली और पटना को नामांकित किया गया है। IIT दिल्ली उत्तर बिहार के 40 पुलों का ऑडिट करेगा। IIT पटना दक्षिण बिहार के 45 पुलों का ऑडिट करेगा। इसके लिए 16.61 करोड़ रुपये की परामर्शी राशि तय की गई है।
स्थानीय अभियंताओं को दी गई विशेष ट्रेनिंग
6 मीटर से लेकर 250 मीटर तक के पुलों की स्थिति का मूल्यांकन विभागीय अभियंताओं द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य के लिए लगभग 600 अभियंताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। दो मेगा पुलों – आरा-छपरा पुल और अरवल-सहार पुल की रियल टाइम हेल्थ मॉनिटरिंग के लिए IIT दिल्ली को प्रस्ताव मांगा गया है। वहीं बैरीयाही घाट पुल पर डिजिटल ब्रिज सेफ्टी ऑडिट का कार्य वाइटल इंवारमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया गया है।
वहीं इस मौके पर विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह और विशेष सचिव शिर्षत कपिल भी मौजूद रहे।