देवेश चंद्र ठाकुर की जगह लेंगे अवधेश नारायण सिंह, विधान सभा के साथ परिषद भी संभालेंगे बीजेपी नेता
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गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह को बिहार में उच्च सदन (विधान परिषद) का कार्यकारी सभापति नामित किए जाने की संभावना है। कहा जा रहा है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी सहमति दे दी है। दरअसल निवर्तमान अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर के जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर सीतामढ़ी लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद यह पद खाली हो गया है। तीन बार के एमएलसी, ठाकुर ने लगभग दो वर्षों तक पद पर रहने के बाद 14 जून को परिषद अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ दिया है।
देवेश चंद्र ठाकुर ने तत्कालीन महागठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के कार्यकाल के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अवधेश नारायण सिंह की जगह लेते हुए अध्यक्ष का पद संभाला था। हालांकि, अब तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। भाजपा और जद (यू) के बीच बनी सहमति के मुताबिक, इस बार अवधेश सिंह पूर्णकालिक अध्यक्ष बनेंगे। एक वरिष्ठ एमएलसी ने कहा, उनकी पदोन्नति का प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए तैयार है।
वहीं अवधेश सिंह ने एचटी से बात करते हुए कहा कि पार्टी उनके लिए उचित समझी जाने वाली किसी भी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, मैं एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता हूं और पार्टी मुझे जो भी काम सौंपेगी उसके लिए तैयार हूं। भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अवधेश सिंह को 20-22 जुलाई को शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहा, उपसभापति का पद जेडीयू कोटे से आएगा, और पार्टी के वरिष्ठ नेता और शिक्षाविद् राम वचन राय का मानसून सत्र के दौरान इस पद के लिए चुना जाना तय है।
यह भी पढ़िए- देवेश चंद्र ठाकुर के बयान से भाजपा भी उबली; निखिल बोले- यादव की उपेक्षा से बिहार का भला नहीं हो सकता
हालांकि, विपक्षी दल के नेताओं के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री से परंपरा के अनुरूप विपक्षी दल के एक नेता को उपाध्यक्ष नियुक्त करने का आग्रह किया है। आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि उपसभापति का पद विपक्षी दलों के लिए छोड़ने की परंपरा है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री परंपरा का पालन करेंगे।
आपको बता दें जून 2020 से अगस्त 2022 तक बीजेपी के अवधेश नारायण सिंह ही विधान परिषद के सभापति थे। और उस समय विधानसभा में विजय सिन्हा स्पीकर थे। लेकिन जब महागठबंधन सरकार बनी तो स्पीकर का पद आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी को मिला और परिषद में सभापति का पद जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर को मिला। और जब एक बार फिर नीतीश एनडीए में लौट आए हैं तो पुराने फॉर्मूले पर विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी बीजेपी के नेता को सभापति का पद मिलने जा रहा है। विधानसभा में बीजेपी के नंद किशोर यादव स्पीकर हैं।
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गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह को बिहार में उच्च सदन (विधान परिषद) का कार्यकारी सभापति नामित किए जाने की संभावना है। कहा जा रहा है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी सहमति दे दी है। दरअसल निवर्तमान अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर के जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर सीतामढ़ी लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद यह पद खाली हो गया है। तीन बार के एमएलसी, ठाकुर ने लगभग दो वर्षों तक पद पर रहने के बाद 14 जून को परिषद अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ दिया है।
देवेश चंद्र ठाकुर ने तत्कालीन महागठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के कार्यकाल के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अवधेश नारायण सिंह की जगह लेते हुए अध्यक्ष का पद संभाला था। हालांकि, अब तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। भाजपा और जद (यू) के बीच बनी सहमति के मुताबिक, इस बार अवधेश सिंह पूर्णकालिक अध्यक्ष बनेंगे। एक वरिष्ठ एमएलसी ने कहा, उनकी पदोन्नति का प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए तैयार है।
वहीं अवधेश सिंह ने एचटी से बात करते हुए कहा कि पार्टी उनके लिए उचित समझी जाने वाली किसी भी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, मैं एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता हूं और पार्टी मुझे जो भी काम सौंपेगी उसके लिए तैयार हूं। भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अवधेश सिंह को 20-22 जुलाई को शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहा, उपसभापति का पद जेडीयू कोटे से आएगा, और पार्टी के वरिष्ठ नेता और शिक्षाविद् राम वचन राय का मानसून सत्र के दौरान इस पद के लिए चुना जाना तय है।
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हालांकि, विपक्षी दल के नेताओं के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री से परंपरा के अनुरूप विपक्षी दल के एक नेता को उपाध्यक्ष नियुक्त करने का आग्रह किया है। आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि उपसभापति का पद विपक्षी दलों के लिए छोड़ने की परंपरा है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री परंपरा का पालन करेंगे।
आपको बता दें जून 2020 से अगस्त 2022 तक बीजेपी के अवधेश नारायण सिंह ही विधान परिषद के सभापति थे। और उस समय विधानसभा में विजय सिन्हा स्पीकर थे। लेकिन जब महागठबंधन सरकार बनी तो स्पीकर का पद आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी को मिला और परिषद में सभापति का पद जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर को मिला। और जब एक बार फिर नीतीश एनडीए में लौट आए हैं तो पुराने फॉर्मूले पर विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी बीजेपी के नेता को सभापति का पद मिलने जा रहा है। विधानसभा में बीजेपी के नंद किशोर यादव स्पीकर हैं।