देखें video: जुलाई में रूठा मानसून, 21 दिन सिर्फ 8 दिन ही बरसे बादल | Monsoon sullen in July, 21 days it rained only for 8 days | Patrika News h3>
भोपालPublished: Jul 22, 2023 07:27:36 pm
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बड़ा तालाब, कलियासोत, केरवा फुलटैंक लेवल अभी तक नहीं छू पाए
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पिछले साल जुलाई में 21 दिनों में 19 दिन हुई थी बारिश
भोपाल. इस बार जुलाई के दूसरे पखवाड़े में लगता है मानसून रूठ गया है। 24 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में बनने वाला सिस्टम भी इतना मजबूत नहीं है जो राजधानी में जमकर बारिश करा दे। यही वजह है कि आधा जुलाई बीतने के बाद भी बड़ा तालाब, कलियासोत, केरवा अपने फुलटैंक लेवल को भी नहीं छू पाए हैं। कोलार डैम में दूसरे जिलों में हुई बारिश के कारण पानी बढ़ा है। लेकिन ओवर फ्लो नहीं हुआ।
21 दिन में 8 दिन बारिश
जुलाई माह में 21 दिनों में सिर्फ 8 दिन बारिश Rain हुई, दो दिन तेज बारिश हुई। जबकि पिछले साल July जुलाई में 21 दिनों में 19 दिन बारिश हुई थी। जुलाई में कम बारिश से इस बार बारिश के दिन कम हो सकते हैं। इस बार 21 दिन आद्रता 80 फीसदी से ऊपर रही है। इस कारण उमस ज्यादा बढ़ गई।
सीजन में पहली बार खुले कोलार डैम के दो गेट
कोलार डैम के गेट चार घंटे तक गेट खोले गए। डैम का एफटीएल 462 मीटर है, लेकिन डैम में 457 मीटर पर पानी पहुंचते ही शुक्रवार को गेट खोले गए। यहां लगातार बारिश से पानी की आवक डैम में बनी हुई है। वर्ष 2022 में भी जुलाई माह में ही कोलार डैम के गेट खोल दिए गए थे।
60 फीसदी जलापूर्ति
शहर की 60 फीसदी आबादी को कोलार डैम से जलापूर्ति होती है। यहां से रोजाना 36 एमजीडी पानी लिया जाता है। भोपाल के लिए डैम में 70 एमसीएम पानी आरक्षित रखा जाता है।
द्रोणिका हो गई शिफ्ट
वर्तमान में मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, गुना, दमोह, रायसेन रायपुर से होकर ओडिशा में बने कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। विदर्भ और उससे लगी मध्य प्रदेश की सीमा पर विंडशियर जोन (विपरीत दिशा की पूर्वी एवं पश्चिमी हवाओं का टकराव) बना हुआ है। ईरान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ भी मौजूद है। इन तीन मौसम प्रणालियों के सक्रिय रहने से मप्र के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है।
जुलाई में लगातार 80 से अधिक आद्र्रता
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला का कहना है कि इस बार 1 जुलाई से 21 जुलाई तक अधिकांश दिन आद्रता 80 प्रतिशत से ज्यादा रही। वहीं कुछ दिन 90 से 95 तक रही। अभी लगातार Rain वर्षा या बादल के कारण उमस की स्थिति कम थी परंतु दो दिनों से वर्षा नहीं हुई एवं बादल भी कम थे तापमान जिसके कारण बढ़ गया। तापमान के बढऩे एवं आद्रता भी अधिक मात्रा में होने के कारण उमस की स्थिति बहुत ज्यादा रही यह स्थिति कभी-कभी जुलाई के महीने में बन जाती है। जुलाई महीने में बारिश का मिजाज समझ से परे है। शहर के एक हिस्से में बारिश तो दूसरे हिस्से में धूप निकली रहती है। सुबह धूप खिली थी। दोपहर बाद कई हिस्सों में तेज बौछारे भी पड़ी। नमी के कारण लोकल स्तर पर धूप खिलते ही हीङ्क्षटग के कारण बादल बन रहे हैं और बारिश हो रही है। सुबह आर्दता 88 प्रतिशत थी। दोपहर में बादल बने और शहर के कई हिस्सों में बारिश हुई। इस दौरान सिटी में 11.6 और बैरागढ़ में 3.9 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अभी मौसम का मिजाज ऐसा ही
मौसम विज्ञानी एचएस पांडे ने बताया कि अभी उड़ीसा की ओर एक लो प्रेशर एरिया बना है। मानसून ट्रफ सीधी होते हुए गुजर रही है। ऐसे में बड़ी मात्रा में नमी आ रही है, जिससे बारिश हो रही है। आगे भी यहीं स्थिति रहेगी।
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भोपालPublished: Jul 22, 2023 07:27:36 pm
बड़ा तालाब, कलियासोत, केरवा फुलटैंक लेवल अभी तक नहीं छू पाए
पिछले साल जुलाई में 21 दिनों में 19 दिन हुई थी बारिश
भोपाल. इस बार जुलाई के दूसरे पखवाड़े में लगता है मानसून रूठ गया है। 24 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में बनने वाला सिस्टम भी इतना मजबूत नहीं है जो राजधानी में जमकर बारिश करा दे। यही वजह है कि आधा जुलाई बीतने के बाद भी बड़ा तालाब, कलियासोत, केरवा अपने फुलटैंक लेवल को भी नहीं छू पाए हैं। कोलार डैम में दूसरे जिलों में हुई बारिश के कारण पानी बढ़ा है। लेकिन ओवर फ्लो नहीं हुआ।
21 दिन में 8 दिन बारिश
जुलाई माह में 21 दिनों में सिर्फ 8 दिन बारिश Rain हुई, दो दिन तेज बारिश हुई। जबकि पिछले साल July जुलाई में 21 दिनों में 19 दिन बारिश हुई थी। जुलाई में कम बारिश से इस बार बारिश के दिन कम हो सकते हैं। इस बार 21 दिन आद्रता 80 फीसदी से ऊपर रही है। इस कारण उमस ज्यादा बढ़ गई।
सीजन में पहली बार खुले कोलार डैम के दो गेट
कोलार डैम के गेट चार घंटे तक गेट खोले गए। डैम का एफटीएल 462 मीटर है, लेकिन डैम में 457 मीटर पर पानी पहुंचते ही शुक्रवार को गेट खोले गए। यहां लगातार बारिश से पानी की आवक डैम में बनी हुई है। वर्ष 2022 में भी जुलाई माह में ही कोलार डैम के गेट खोल दिए गए थे।
60 फीसदी जलापूर्ति
शहर की 60 फीसदी आबादी को कोलार डैम से जलापूर्ति होती है। यहां से रोजाना 36 एमजीडी पानी लिया जाता है। भोपाल के लिए डैम में 70 एमसीएम पानी आरक्षित रखा जाता है।
द्रोणिका हो गई शिफ्ट
वर्तमान में मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, गुना, दमोह, रायसेन रायपुर से होकर ओडिशा में बने कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। विदर्भ और उससे लगी मध्य प्रदेश की सीमा पर विंडशियर जोन (विपरीत दिशा की पूर्वी एवं पश्चिमी हवाओं का टकराव) बना हुआ है। ईरान के पास एक पश्चिमी विक्षोभ भी मौजूद है। इन तीन मौसम प्रणालियों के सक्रिय रहने से मप्र के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है।
जुलाई में लगातार 80 से अधिक आद्र्रता
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला का कहना है कि इस बार 1 जुलाई से 21 जुलाई तक अधिकांश दिन आद्रता 80 प्रतिशत से ज्यादा रही। वहीं कुछ दिन 90 से 95 तक रही। अभी लगातार Rain वर्षा या बादल के कारण उमस की स्थिति कम थी परंतु दो दिनों से वर्षा नहीं हुई एवं बादल भी कम थे तापमान जिसके कारण बढ़ गया। तापमान के बढऩे एवं आद्रता भी अधिक मात्रा में होने के कारण उमस की स्थिति बहुत ज्यादा रही यह स्थिति कभी-कभी जुलाई के महीने में बन जाती है। जुलाई महीने में बारिश का मिजाज समझ से परे है। शहर के एक हिस्से में बारिश तो दूसरे हिस्से में धूप निकली रहती है। सुबह धूप खिली थी। दोपहर बाद कई हिस्सों में तेज बौछारे भी पड़ी। नमी के कारण लोकल स्तर पर धूप खिलते ही हीङ्क्षटग के कारण बादल बन रहे हैं और बारिश हो रही है। सुबह आर्दता 88 प्रतिशत थी। दोपहर में बादल बने और शहर के कई हिस्सों में बारिश हुई। इस दौरान सिटी में 11.6 और बैरागढ़ में 3.9 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अभी मौसम का मिजाज ऐसा ही
मौसम विज्ञानी एचएस पांडे ने बताया कि अभी उड़ीसा की ओर एक लो प्रेशर एरिया बना है। मानसून ट्रफ सीधी होते हुए गुजर रही है। ऐसे में बड़ी मात्रा में नमी आ रही है, जिससे बारिश हो रही है। आगे भी यहीं स्थिति रहेगी।