दुनिया पलट सकती है, अमित शाह की बात नहीं: मुख्य सचेतक बोले- उन्होंने वादा किया था, जवाई नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा – Jalore News h3>
जवाई नदी पुनर्जीवित होगी, क्योंकि दुनिया पलट सकती है-अमित शाह की बात नहीं पलट सकती। विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अमित शाह ने वादा किया था कि जवाई नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा। ‘संकल्प से सिद्धि अभियान’ को लेकर बुधवार को जालोर आए मुख्य सचेतक जो
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बजट में भी हुई घोषणा
गर्ग ने कहा कि जवाई पुनर्भरण योजना की बजट में घोषणा की गई थी। उसकी डीपीआर बनना शुरू हो गई। डीपीआर बनकर आएगी उसके बाद ही पता चलेगा, कि पानी कहां से आएगा, कितना आएगा और कहां तक जाएगा। उसके बाद डीपीआर के आधार पर ही काम शुरू होगा।
हम धरातल पर काम कर रहे
कार्यक्रम में आए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि हम धरातल पर काम रहे हैं, हर जिले में जाकर वहां की स्थिति के बारे में पता कर समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं।
पिछली गहलोत सरकार की तरह नहीं जो जयपुर एसी में बैठकर और ट्वीट कर इतिश्री करने में विश्वास करते थे। उन्होंने पिछली अशोक गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार के समय पांच साल में 44 जीएसएस बने जबकि हमारी सरकार के दो बजट में ही पहले साल 30 और इस साल 50 जीएसएस बन जाएंगे, जो पिछली सरकार से दो गुना है। यही काम गहलोत सरकार कर लेती तो आज वोल्टेज की समस्या नहीं झेलनी पड़ती।
एसी में बैठकर काम करती थी पिछली सरकार
उन्होंने कहा कि इस बिजली में कहीं लोड शेडिंग नहीं करनी पड़ी, बिजली की कहीं कोई समस्या नहीं आई और राजस्थान में पर्याप्त बिजली मिल रही है। हां आंधी तूफान आ गया, सिस्टम को अपग्रेड करना हो, तो थोड़ी बहुत समस्या रही होगी। उन्होंने कहा कि वोल्टेज की नहीं इसके लिए हमने केंद्र सरकार को 1200 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाकर भेजा है, जिससे जगह-जगह केपेसीटर लगेंगे जिससे यह समस्या नहीं रहेगी।
प्रेस वार्ता में मौजूद मंत्री, सांसद समेत भाजपा पदाधिकारी।
केंद्र सरकार की 11 साल की उपलब्धियां गिनाई
इससे पहले उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की 11 साल की उपलब्धियों को आम जन के बीच संकल्प से सिद्धि अभियान के तहत लेकर जाएंगे और उन उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाएंगे ताकि लोगों को पता चल सके कि 11 साल में सरकार ने क्या-क्या काम किए। इसके लिए हम अपने कार्यकर्ताओं को कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण देंगे वे बूथ, मंडल स्तर पर जाकर इन उपलब्धियों की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ता था, लेकिन अब घर घर शौचालय बन गए हैं ऐसे में इससे निजात मिल गई।