दिल्‍ली में बाढ़ का पानी घटा पर मुसीबत नहीं, सांपों और बीमारियों का खतरा! सब नॉर्मल कब तक होगा? 10 बड़े अपडेट

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दिल्‍ली में बाढ़ का पानी घटा पर मुसीबत नहीं, सांपों और बीमारियों का खतरा! सब नॉर्मल कब तक होगा? 10 बड़े अपडेट

दिल्‍ली में बाढ़ का पानी घटा पर मुसीबत नहीं, सांपों और बीमारियों का खतरा! सब नॉर्मल कब तक होगा? 10 बड़े अपडेट

यमुना में बार-बार बाढ़… दिल्ली में पहले कभी नहीं देखे ऐसे हालात

एक ही समय में यमुना में बार-बार बाढ़ जैसी स्थिति इस साल ही देखने को मिली है। इसके पहले ऐसा कभी किसी ने नहीं देखा। इसके पीछे ज्यादा बारिश, ड्रेनेज कंजेशन और हथिनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने को कारण बताया गया है। सेंट्रल वॉटर कमिशन के चेयरमैन और जल संसाधन क्षेत्र में 38 सालों तक कार्यरत रहे एस. मसूद हुसैन के अनुसार 1978 और आज की बाढ़ दोनों में फर्क है। उस समय दिल्ली को काफी नुकसान हुआ था, क्योंकि यमुना के दोनों तरफ बांध नहीं थे और पानी दूर तक फैल गया था। इस बार तो बांध ने करोड़ों लोगों की जान बचा ली।

​दिल्लीवालो! आज इन रास्तों से बचकर निकलें, अभी पढ़ लीजिए ट्रैफिक अलर्ट​

आज खुल सकता है कश्‍मीरी गेट ISBT

आज खुल सकता है कश्‍मीरी गेट ISBT

कश्मीरी गेट आईएसबीटी को बसों के संचालन के लिए तैयार कर लिया गया है, लेकिन उच्चाधिकारियों की तरफ से अधिकारिक तौर पर आदेश नहीं मिलने की वजह से रोडवेज की दिल्ली सेवा अभी बहाल नहीं की गई है। यमुना में आई बाढ़ का पानी आईएसबीटी तक पहुंच गया था। जिस पर छह दिन पहले इसे बंद कर दिया था। जिसके बाद गुड़गांव डिपो से दिल्ली की सेवा रोक ली गई थी। वहीं दिल्ली होकर निकलने वाली लंबी दूरी की बसों का संचालन केएमपी से किया जाने लगा। चंडीगढ़ की बसें भी वाया केएमपी भेजी जा रही है। ऐसे में दिल्ली जाने वाले यात्री बेहद परेशान हैं और उन्हें मजबूरी में मेट्रो, टैक्सी या फिर निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।

दिल्‍ली का मौसम पूर्वानुमान: आज के बाद कम होगी बारिश

दिल्‍ली का मौसम पूर्वानुमान: आज के बाद कम होगी बारिश

दिल्‍ली में बारिश के आने और जाने का दौर अभी जारी रहेगा। बुधवार के बाद बारिश फिर दो दिनों के लिए कम हो जाएगी। इन दो दिनों में जबर्दस्त उमस वाली गर्मी से लोग बेहाल रहेंगे। इसके बाद वीकेंड आते-आते फिर बारिश में थोड़ा इजाफा होगा। यानी उमस वाली गर्मी अभी लोगों को सताती रहेगी। बारिश भी बीच-बीच में आकर तड़का लगाएगी। विस्‍तार से मौसम की जानकारी पढ़ें​

दिल्‍ली के इन रिहायशी इलाकों से बाढ़ का पानी पूरी तरह हटा

दिल्‍ली के इन रिहायशी इलाकों से बाढ़ का पानी पूरी तरह हटा

यमुना का जलस्तर घटने के साथ तटीय इलाकों से पानी पूरी तरह से निकल चुका है। यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, मुखर्जी नगर, विश्वकर्मा कॉलोनी, जैतपुर इन सभी इलाकों में बाढ़ का पानी जमा था, जो अब निकल चुका है। राजघाट से लेकर भैरो मार्ग तक सड़कों पर पानी भी भरा था, जो अब साफ हो चुका है। मंगलवार को कश्मीरी गेट बस अड्डे के पास कुछ दूर तक रिंग रोड पर पानी जमा था। बाढ़ और सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है कि राजघाट के पास भी रिंग रोड पर पानी जमा था। लेकिन, यह पानी बारिश का था, जो रोड साइड में बने छेद न खुलने के चलते जमा था।

बारिश का असर, साफ हो चुके रास्तों पर फिर भरा पानी

बारिश का असर, साफ हो चुके रास्तों पर फिर भरा पानी

कड़ी मशक्कत के बाद जिन रास्तों पर भरा पानी निकाला गया था, मंगलवार को दोपहर में हुई बारिश ने उन पर फिर पानी फेर दिया। तेज बारिश के बाद सेंट्रल दिल्ली में जगह-जगह फिर से जलभराव हो गया, जिसकी वजह से ट्रैफिक पर असर पड़ा। राहत की बात यह रही कि किसी भी रास्ते को बंद नहीं करना पड़ा। कुछ जगहों पर बसों के खराब होकर रुक जाने से भी ट्रैफिक प्रभावित हुआ।

ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर सड़कों से अब डायवर्जन हटा लिया गया है और रास्ते ट्रैफिक की आवाजाही के लिए पूरी तरह से खुल गए हैं। राजघाट से पावर हाउस की तरफ जाने वाले रास्ते पर काम चल रहा है, इसलिए इस रोड का एक कैरिजवे बंद है।

बाढ़ का पानी उतरने के बाद भी क्यों है पेयजल संकट?

बाढ़ का पानी उतरने के बाद भी क्यों है पेयजल संकट?

तीनों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट ने मंगलवार से पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर दिया है। इसके बावजूद कई इलाकों में पानी सप्लाई न होने की शिकायतें मिल रही हैं। जिन एरिया में पानी सप्लाई शुरू हुई है, वहां भी लोग मटमैला पानी आने या काफी कम समय के लिए सप्लाई की शिकायतें कर रहे हैं।

पेयजल संकट की वजह ये है कि 32 एमजीडी पानी की सप्लाई पल्ला और यमुना के समीप के हिस्सों में ट्यूबवेल लगे हुए हैं। बाढ़ की वजह से ये ट्यूबवेल ठप पड़े हैं। इसकी वजह से पानी का संकट बना हुआ है। कुछ जगह गंदे पानी की समस्या इसलिए आई है, क्योंकि पेयजल लाइनें पांच दिन से सूखी पड़ी थीं और उनमें मिट्टी जमा थी। पानी सप्लाई शुरू होने की वजह से मिट्टी और गंदगी की वजह से कुछ जगह गंदा पानी आ रहा है।

बाढ़ ने रौंदी 35 लाख की घास और हजारों पौधे

बाढ़ ने रौंदी 35 लाख की घास और हजारों पौधे

दिल्ली में आई बाढ़ का असर न सिर्फ यहां के लोगों पर पड़ा है, बल्कि यमुना किनारे डिवेलप हो चुके या हो रहे प्रोजेक्ट्स पर भी हुआ है। इसका ताजा उदाहरण असिता ईस्ट और इसके जैसे कई प्रोजेक्ट हैं। महज दस महीनों में यमुना के किनारे असिता ईस्ट पार्क को डिवेलप किया गया, लेकिन अब यहां हर तरफ पानी नजर आ रहा है। यहां लगे 4 हजार से अधिक पौधे और 33.5 लाख की रिवराइन घास पानी में बर्बाद हो चुकी है।

उम्मीदों की धूप में सूख रहीं मासूमों की भीगी किताबें

उम्मीदों की धूप में सूख रहीं मासूमों की भीगी किताबें

चौथी क्लास में पढ़ने वाले वाली गोमती का परिवार यमुना खादर की झुग्गियों में रहता था। बाढ़ की वजह से आशियाना उजड़ चुका है। उनके परिवार का नया और अस्थाई ठिकाना है, लक्ष्मी नगर से आईटीओ की ओर जाने वाली सड़क के किनारे बने बाढ़ राहत कैंप। मंगलवार की सुबह जब धूप खिली तो वह अपनी गीली किताबों को एक चारपाई पर रख कर सुखाने लगी। सड़क के किनारे धूप में सूखते ये पन्ने उम्मीदें हैं, गोमती के दोबारा स्कूल लौट जाने की। वह बताती हैं कि हमलोग सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। साल में एक बार ही किताबें मिलती हैं। बाढ़ में कुछ किताबें बह गईं हैं। कुछ बची हैं, वे पूरी तरह से गीली हो चुकी हैं। मम्मी-पापा मजदूरी करते हैं। वह अब हमारे लिए खाने की व्यवस्था करेंगे या हमारी किताबें खरीदेंगे?

यह कहानी सिर्फ गोमती की नहीं, बल्कि दिल्ली में बाढ़ से प्रभावित उनके जैसे सैकड़ों बच्चों की है। सड़क के किनारे अपनी किताबों को सुखा रहे बच्चों को यहां गुजरने वाले लोगों की निगाहें एक बार ठहर कर देखती हैं। फिर वे अपनी मंजिल की ओर निकल जाते हैं। लेकिन अपनी किताबों को सुखा रहे बच्चों की मंजिल तो उनके स्कूल हैं, जिसके लिए वे हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।

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