दिल्ली के लड़के ने बदली भारतीय टेस्ट क्रिकेट की तस्वीर: सबसे सफल भारतीय कप्तान बने, वर्ल्ड कप सहित 5 ICC टाइटल जीते h3>
स्पोर्ट्स डेस्क17 घंटे पहले
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विराट कोहली ने 2008 में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया था। वे डेब्यू मैच में 12 रन पर आउट हो गए।
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। कोहली ने सोमवार को एक इंस्टा पोस्ट के जरिए संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने कहा- ‘टेस्ट क्रिकेट ने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया, वो पाठ सिखाए जो जिंदगीभर मुझे याद रहेंगे।’
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कोहली के टेस्ट से संन्यास के मौके पर जानते हैं, उनकी प्रोफेशनल प्रोफाइल। परिवार और दोस्तो में चीकू नाम से पुकारे जाने वाले विराट का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ। दिल्ली के उत्तम नगर में पले-बढ़े कोहली ने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन, हर बार कड़ी मेहनत, लगन और मजबूत इरादों के दम पर दमदार वापसी की। वे इंटरनेशनल क्रिकेट में 82 शतक जमा चुके हैं। उन्हें किंग कोहली, चेज मास्टर और रन मशीन जैसे उपनाम दिए गए।
विराट कोहली की प्रोफेशनल प्रोफाइल
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कोहली का डोमेस्टिक करियर
9 साल की उम्र में थामा बल्ला विराट कोहली ने 9 साल की छोटी-सी उम्र में पहली बार बल्ला थामा। साल 1997 में विराट ने बचपन के कोच राजकुमार शर्मा की देखरेख में क्रिकेट की बारीकियों को सीखा।
2003 में पहली बार दिल्ली के कप्तान, 2006 में लिस्ट-ए डेब्यू किया विराट कोहली ने 2002 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा और दिल्ली की अंडर-15 टीम की ओर से अपना पहला मैच खेला। फिर 2003 में उन्हें 2003 अंडर-15 टीम का कप्तान बनाया गया है। इस सीजन में दमदार प्रदर्शन करने के बाद कोहली को विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए दिल्ली की टीम में चुन लिया गया।
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इस टूर्नामेंट में कोहली ने दिल्ली को चैंपियन बनाया। कोहली ने 7 मैचों में 757 रन बनाए थे। इसमें कोहली के दो शतक शामिल रहे। साल 2006 में विराट ने अपने लिस्ट-ए करियर की शुरुआत सर्विसेस के खिलाफ की। वहीं, उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दिल्ली की ओर से अपना पहला मैच तमिलनाडु के खिलाफ खेला।
कोहली ने 2006 में तमिलनाडु के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था।
18 साल की उम्र में पिता को खोया, फिर भी खेलने पहुंचे साल 2006 में विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। पिता के निधन के बावजूद वे अगले दिन कर्नाटक के खिलाफ मैच खेलने के लिए मैदान पहुंच गए। उस मुकाबले में विराट ने 90 रनों की पारी खेली। कहा जाता है कि कोहली के असल करियर की शुरुआत यहीं से हुई और इसके बाद विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
कोहली ने 2020 में फादर्स डे पर यह फोटो पोस्ट की थी।
2008 में भारत को अंडर-19 चैंपियन बनाया, इंडिया डेब्यू भी किया साल 2008 में विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को अंडर-19 चैंपियन बनाते हुए खूब सुर्खिया बटोरी। अंडर-19 में दमदार प्रदर्शन के बूते ही विराट कोहली को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने खरीदा। इसी साल 18 अगस्त को विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने गौतम गंभीर के साथ ओपन करते हुए 22 बॉल में 12 रन बनाए। उन्होंने भारत के श्रीलंका दौरे में 5 पारियों में 159 रन बनाए थे।
कोहली का इंटरनेशनल करियर
चौथे मैच में करियर की पहली फिफ्टी लगाई विराट कोहली ने इंटरनेशनल करियर के चौथे मुकाबले में पहली फिफ्टी लगाई। उन्होंने वनडे सीरीज के चौथे मुकाबले में 66 बॉल पर 54 रनों की पारी खेली। इस पारी में 7 चौके शामिल रहे।
डेब्यू के 16 महीने बाद पहला शतक कोहली को पहले इंटरनेशनल शतक के लिए 16 महीने का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने 24 दिसंबर 2009 को श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में पहला इंटरनेशनल शतक बनाया। उन्होंने 114 बॉल पर 107 रनों की पारी खेली। इस पारी में 11 चौके और एक छक्का शामिल रहा।
2011 वनडे वर्ल्ड कप जीता, गंभीर के साथ पारी संभाली 2011 में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता। मुंबई के वानखेड़े में श्रीलंका के खिलाफ इंडिया 275 रन का पीछा कर रही थी। 31 रन के टीम स्कोर पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग पवेलियन लौट चुके थे। पार्टनरशिप चाहिए थी। कोहली ने सिर्फ 35 रन की पारी खेली, लेकिन गंभीर के साथ मिलकर 83 रन की साझेदारी की। रन चेज में खराब शुरुआत से इंडिया को निकाल लिया।
वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट कोहली।
इसके बाद विराट कोहली 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा रहे। फाइनल में विराट कोहली ने 43 रन की उपयोगी पारी खेली थी। बर्मिंघम में खेले गए इस मुकाबले में टीम इंडिया ने 19 रन पर रोहित शर्मा का विकेट गंवा दिया था। ऐसे में कोहली ने टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचाया। उन्होंने उस टूर्नामेंट के 5 मैचों में 176 रन बनाए थे। इसमें एक फिफ्टी शामिल रही।
खराब फॉर्म का दौर कोहली के करियर में कई उतार-चढ़ाव भी आए। वे कई मौकों पर खराब फॉर्म से भी जूझते दिखे। लेकिन, हर बार बाउंस बैक किया।
- 2011 में 24 पारियों में शतक नहीं कोहली 2011 में भी 24 पारियों में शतक नहीं लगा पाए थे। कोहली का खराब फॉर्म फरवरी 2011 से लेकर सितंबर 2011 तक के बीच देखने को मिला था, तब लगातार 24 पारियों में कोहली ने एक भी शतक नहीं जड़ा था।
- इंग्लैंड दौरे में 134 रन ही बना सके थे फरवरी 2014 से लेकर अक्टूबर 2014 के बीच भी वे तीनों फॉर्मेट की 25 पारियों में शतक नहीं लगा पाए थे। इसमें इंग्लैंड का वह दौरा भी शामिल हैं, जिसमें वह 5 टेस्ट में केवल 134 रन ही बना पाए थे।
- 3 साल आउट ऑफ फॉर्म रहे, 1020 दिन बाद शतक से वापसी साल 2019 में कोहली की खराब फॉर्म फिर लौटी। करीब 3 साल तक उनके बल्ले से शतक नहीं आया। फिर उन्होंने 2022 के एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ नाबाद 122 रन की पारी खेलकर वापसी की।
2024 टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर संन्यास लिया
विराट कोहली ने टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद टी-20 से संन्यास ले लिया था।
कोहली ने 29 जून 2024 को टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। बारबाडोस में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराकर 17 साल बाद टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। उस मुकाबले में विराट कोहली ने 59 बॉल पर 76 रनों की पारी खेली थी। वे प्लेयर ऑफ द फाइनल भी रहे थे।
विराट कोहली के अचीवमेंट्स
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कोहली के जल्दबाजी में संन्यास की 5 वजहें:युवाओं को मौका देने की सोच, कोच गंभीर के सख्त नियम; 10,000 रन नहीं बना सके
36 साल के विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। वे अगर 1-2 साल और खेलते तो 10 हजार रन बनाकर इस फॉर्मेट में भारत के तीसरे टॉप स्कोरर बन जाते, लेकिन विराट ने रिकॉर्ड की परवाह नहीं की। पूरी खबर
विराट की बदौलत क्रिकेट को मिली शोहरत:टी-20 युग में टेस्ट को बेस्ट बनाया, ओलिंपिक में खेल की एंट्री की वजह बने
’60 ओवर, उन्हें नर्क महसूस होना चाहिए।’ विराट कोहली के लॉर्ड्स स्टेडियम पर कहे ये शब्द हर क्रिकेट फैन और एक्सपर्ट के दिमाग में छपे हैं। 2021 में टीम इंडिया के सामने इंग्लैंड को 60 ओवर में ऑलआउट करने की चुनौती थी, इंग्लैंड ड्रॉ के लिए खेल रही थी। तब विराट ने अपने प्लेयर्स से ये शब्द कहे और टीम ने 52 ओवर में इंग्लैंड को समेट दिया। कप्तानी में विराट के ऐसे ही शब्दों ने टीम इंडिया को टेस्ट में लगातार 5 साल तक नंबर-1 बनाए रखा। पूरी खबर
कोहली के टॉप-5 रिकॉर्ड्स:ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले एशियाई कप्तान, 7 डबल सेंचुरी लगाने वाले इकलौते भारतीय
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। कोहली का टेस्ट करियर 14 साल लंबा रहा। 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेलने वाले कोहली ने 2025 में ऑस्ट्रेलिया में अपना आखिरी टेस्ट खेला। पूरी खबर
सचिन के रिकॉर्ड के आसपास कोई नहीं:विराट के टेस्ट संन्यास के बाद 100 शतकों का रिकॉर्ड अटूट, भविष्य में भी नहीं दिखता कोई दावेदार
कहा जाता है कि रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए। हालांकि, क्रिकेट के कुछ रिकॉर्ड ऐसे हैं, जो कालजयी बन जाते हैं। इनका टूटना लगभग नामुमकिन माना जाता है। जैसे 50 से ज्यादा टेस्ट खेलने के बाद डॉन ब्रैडमैन का 99.94 का औसत। इंटरनेशनल क्रिकेट में मुथैया मुरलीधरन का 1347 विकेट का रिकॉर्ड। पूरी खबर
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विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। कोहली ने सोमवार को एक इंस्टा पोस्ट के जरिए संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने कहा- ‘टेस्ट क्रिकेट ने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया, वो पाठ सिखाए जो जिंदगीभर मुझे याद रहेंगे।’
कोहली के टेस्ट से संन्यास के मौके पर जानते हैं, उनकी प्रोफेशनल प्रोफाइल। परिवार और दोस्तो में चीकू नाम से पुकारे जाने वाले विराट का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ। दिल्ली के उत्तम नगर में पले-बढ़े कोहली ने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन, हर बार कड़ी मेहनत, लगन और मजबूत इरादों के दम पर दमदार वापसी की। वे इंटरनेशनल क्रिकेट में 82 शतक जमा चुके हैं। उन्हें किंग कोहली, चेज मास्टर और रन मशीन जैसे उपनाम दिए गए।
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9 साल की उम्र में थामा बल्ला विराट कोहली ने 9 साल की छोटी-सी उम्र में पहली बार बल्ला थामा। साल 1997 में विराट ने बचपन के कोच राजकुमार शर्मा की देखरेख में क्रिकेट की बारीकियों को सीखा।
2003 में पहली बार दिल्ली के कप्तान, 2006 में लिस्ट-ए डेब्यू किया विराट कोहली ने 2002 में घरेलू क्रिकेट में कदम रखा और दिल्ली की अंडर-15 टीम की ओर से अपना पहला मैच खेला। फिर 2003 में उन्हें 2003 अंडर-15 टीम का कप्तान बनाया गया है। इस सीजन में दमदार प्रदर्शन करने के बाद कोहली को विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए दिल्ली की टीम में चुन लिया गया।
इस टूर्नामेंट में कोहली ने दिल्ली को चैंपियन बनाया। कोहली ने 7 मैचों में 757 रन बनाए थे। इसमें कोहली के दो शतक शामिल रहे। साल 2006 में विराट ने अपने लिस्ट-ए करियर की शुरुआत सर्विसेस के खिलाफ की। वहीं, उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दिल्ली की ओर से अपना पहला मैच तमिलनाडु के खिलाफ खेला।
कोहली ने 2006 में तमिलनाडु के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था।
18 साल की उम्र में पिता को खोया, फिर भी खेलने पहुंचे साल 2006 में विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। पिता के निधन के बावजूद वे अगले दिन कर्नाटक के खिलाफ मैच खेलने के लिए मैदान पहुंच गए। उस मुकाबले में विराट ने 90 रनों की पारी खेली। कहा जाता है कि कोहली के असल करियर की शुरुआत यहीं से हुई और इसके बाद विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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2008 में भारत को अंडर-19 चैंपियन बनाया, इंडिया डेब्यू भी किया साल 2008 में विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को अंडर-19 चैंपियन बनाते हुए खूब सुर्खिया बटोरी। अंडर-19 में दमदार प्रदर्शन के बूते ही विराट कोहली को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने खरीदा। इसी साल 18 अगस्त को विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने गौतम गंभीर के साथ ओपन करते हुए 22 बॉल में 12 रन बनाए। उन्होंने भारत के श्रीलंका दौरे में 5 पारियों में 159 रन बनाए थे।
कोहली का इंटरनेशनल करियर
चौथे मैच में करियर की पहली फिफ्टी लगाई विराट कोहली ने इंटरनेशनल करियर के चौथे मुकाबले में पहली फिफ्टी लगाई। उन्होंने वनडे सीरीज के चौथे मुकाबले में 66 बॉल पर 54 रनों की पारी खेली। इस पारी में 7 चौके शामिल रहे।
डेब्यू के 16 महीने बाद पहला शतक कोहली को पहले इंटरनेशनल शतक के लिए 16 महीने का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने 24 दिसंबर 2009 को श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में पहला इंटरनेशनल शतक बनाया। उन्होंने 114 बॉल पर 107 रनों की पारी खेली। इस पारी में 11 चौके और एक छक्का शामिल रहा।
2011 वनडे वर्ल्ड कप जीता, गंभीर के साथ पारी संभाली 2011 में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता। मुंबई के वानखेड़े में श्रीलंका के खिलाफ इंडिया 275 रन का पीछा कर रही थी। 31 रन के टीम स्कोर पर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग पवेलियन लौट चुके थे। पार्टनरशिप चाहिए थी। कोहली ने सिर्फ 35 रन की पारी खेली, लेकिन गंभीर के साथ मिलकर 83 रन की साझेदारी की। रन चेज में खराब शुरुआत से इंडिया को निकाल लिया।
वनडे वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट कोहली।
इसके बाद विराट कोहली 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा रहे। फाइनल में विराट कोहली ने 43 रन की उपयोगी पारी खेली थी। बर्मिंघम में खेले गए इस मुकाबले में टीम इंडिया ने 19 रन पर रोहित शर्मा का विकेट गंवा दिया था। ऐसे में कोहली ने टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचाया। उन्होंने उस टूर्नामेंट के 5 मैचों में 176 रन बनाए थे। इसमें एक फिफ्टी शामिल रही।
खराब फॉर्म का दौर कोहली के करियर में कई उतार-चढ़ाव भी आए। वे कई मौकों पर खराब फॉर्म से भी जूझते दिखे। लेकिन, हर बार बाउंस बैक किया।
- 2011 में 24 पारियों में शतक नहीं कोहली 2011 में भी 24 पारियों में शतक नहीं लगा पाए थे। कोहली का खराब फॉर्म फरवरी 2011 से लेकर सितंबर 2011 तक के बीच देखने को मिला था, तब लगातार 24 पारियों में कोहली ने एक भी शतक नहीं जड़ा था।
- इंग्लैंड दौरे में 134 रन ही बना सके थे फरवरी 2014 से लेकर अक्टूबर 2014 के बीच भी वे तीनों फॉर्मेट की 25 पारियों में शतक नहीं लगा पाए थे। इसमें इंग्लैंड का वह दौरा भी शामिल हैं, जिसमें वह 5 टेस्ट में केवल 134 रन ही बना पाए थे।
- 3 साल आउट ऑफ फॉर्म रहे, 1020 दिन बाद शतक से वापसी साल 2019 में कोहली की खराब फॉर्म फिर लौटी। करीब 3 साल तक उनके बल्ले से शतक नहीं आया। फिर उन्होंने 2022 के एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ नाबाद 122 रन की पारी खेलकर वापसी की।
2024 टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर संन्यास लिया
विराट कोहली ने टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद टी-20 से संन्यास ले लिया था।
कोहली ने 29 जून 2024 को टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। बारबाडोस में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराकर 17 साल बाद टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। उस मुकाबले में विराट कोहली ने 59 बॉल पर 76 रनों की पारी खेली थी। वे प्लेयर ऑफ द फाइनल भी रहे थे।
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