थोड़ी सी वफादारी तो…रोहित के ‘टेस्ट की भूख’ कमेंट पर गावस्कर ने किया रिएक्ट, BCCI से की ये खास अपील h3>
ऐप पर पढ़ें
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। भारत ने घर पर लगातार 17वीं टेस्ट सीरीज जीती है। टीम इंडिया ने सोमवार को रांची में खेले गए चौथे टेस्ट में पांच विकेट से जीत दर्ज की। रांची टेस्ट जीतने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने उन खिलाड़ियों पर निशाना साधा, जो टेस्ट क्रिकेट से दूर रहते हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “देखो, टेस्ट क्रिकेट सबसे कठिन फॉर्मेट है। जिन खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट की भूख नहीं है, वह देखकर ही पता चल जाता है। उन सबको खिलाने का क्या फायदा फिर? यह बहुत ज्यादा मेहनत करने वालों का फॉर्मेट है।” रोहित के कमेंट पर भारत के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रिएक्ट किया है।
गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में कहा, ”रोहित ने बिलकुल सही बात की है कि जो खिलाड़ी इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाह रहा है, आप उनकी तरफ देखिए। मैं तो कितने सालों से कह रहा हूं कि जो भी खिलाड़ी है, वो भारतीय क्रिकेट की वजह से है। खिलाड़ी करियर में जिस स्तर पर भी है, जो धन-दौलत, शोहरत उसको मिली है, वो भारतीय क्रिकेट के कारण है। इसलिए, इंडियन क्रिकेट के लिए थोड़ी सी वफादारी तो बनती है। अगर आप वो नहीं दिखाएंगे और कहेंगे कि हमें यह नहीं खेलना, हमें वो नहीं खेलना तो फिर यह अच्छा है, रोहित ने जैसा कहा कि जिस खिलाड़ी में भूख है, उसे और मौके दिए जाएंगे। अगर सिलेक्शन कमेटी का ऐसा एटीट्यूड होगा तो भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा होगा। बहुत से खिलाड़ी पिक एंड चूज करते हैं, वो नहीं होना चाहिए।”
74 वर्षीय गावस्कर ने साथ ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से खास अपील करते हुए कहा कि रणजी सीजन अक्टूबर में शुरू होना चाहिए और दिसंबर में खत्म हो जाना चाहिए। उन्होंने उसके बाद सफेद गेंद के टूर्नामेंट आयोजित करने और टेस्ट क्रिकेट पर जोर देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ”मैं बीसीसीआई से रणजी सत्र अक्टूबर में शुरू करने और इसे दिसंबर में खत्म करने का अनुरोध करूंगा। फिर आप विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर फॉर्मेट) और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी20 फॉर्मेट) जैसे सफेद गेंद टूर्नामेंट आयोजित करें। इससे आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों को अच्छी प्रैक्टिस मिलेगी। दिसंबर से फरवरी तक भारत घर या विदेश में टेस्ट मैच खेलता है। अगर रणजी ट्रॉफी उससे पहले होगी तो युवा खिलाड़ी तैयार होंगे।”
ऐप पर पढ़ें
भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। भारत ने घर पर लगातार 17वीं टेस्ट सीरीज जीती है। टीम इंडिया ने सोमवार को रांची में खेले गए चौथे टेस्ट में पांच विकेट से जीत दर्ज की। रांची टेस्ट जीतने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने उन खिलाड़ियों पर निशाना साधा, जो टेस्ट क्रिकेट से दूर रहते हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “देखो, टेस्ट क्रिकेट सबसे कठिन फॉर्मेट है। जिन खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट की भूख नहीं है, वह देखकर ही पता चल जाता है। उन सबको खिलाने का क्या फायदा फिर? यह बहुत ज्यादा मेहनत करने वालों का फॉर्मेट है।” रोहित के कमेंट पर भारत के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रिएक्ट किया है।
गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में कहा, ”रोहित ने बिलकुल सही बात की है कि जो खिलाड़ी इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाह रहा है, आप उनकी तरफ देखिए। मैं तो कितने सालों से कह रहा हूं कि जो भी खिलाड़ी है, वो भारतीय क्रिकेट की वजह से है। खिलाड़ी करियर में जिस स्तर पर भी है, जो धन-दौलत, शोहरत उसको मिली है, वो भारतीय क्रिकेट के कारण है। इसलिए, इंडियन क्रिकेट के लिए थोड़ी सी वफादारी तो बनती है। अगर आप वो नहीं दिखाएंगे और कहेंगे कि हमें यह नहीं खेलना, हमें वो नहीं खेलना तो फिर यह अच्छा है, रोहित ने जैसा कहा कि जिस खिलाड़ी में भूख है, उसे और मौके दिए जाएंगे। अगर सिलेक्शन कमेटी का ऐसा एटीट्यूड होगा तो भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा होगा। बहुत से खिलाड़ी पिक एंड चूज करते हैं, वो नहीं होना चाहिए।”
74 वर्षीय गावस्कर ने साथ ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से खास अपील करते हुए कहा कि रणजी सीजन अक्टूबर में शुरू होना चाहिए और दिसंबर में खत्म हो जाना चाहिए। उन्होंने उसके बाद सफेद गेंद के टूर्नामेंट आयोजित करने और टेस्ट क्रिकेट पर जोर देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ”मैं बीसीसीआई से रणजी सत्र अक्टूबर में शुरू करने और इसे दिसंबर में खत्म करने का अनुरोध करूंगा। फिर आप विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर फॉर्मेट) और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी20 फॉर्मेट) जैसे सफेद गेंद टूर्नामेंट आयोजित करें। इससे आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों को अच्छी प्रैक्टिस मिलेगी। दिसंबर से फरवरी तक भारत घर या विदेश में टेस्ट मैच खेलता है। अगर रणजी ट्रॉफी उससे पहले होगी तो युवा खिलाड़ी तैयार होंगे।”