थॉमस एल. फ्रीडमैन का कॉलम: एजीआई की लगाम कसने के लिए जल्द ही कुछ करना होगा

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थॉमस एल. फ्रीडमैन का कॉलम: एजीआई की लगाम कसने के लिए जल्द ही कुछ करना होगा

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7 घंटे पहले

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थॉमस एल. फ्रीडमैन, तीन बार पुलित्ज़र अवॉर्ड विजेता एवं ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में स्तंभकार

बीजिंग में आजकल इस बात की बहुत चर्चा है कि ट्रम्प और जिनपिंग कब मिल रहे हैं? कुछ चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों नेताओं को मुलाकात के लिए तब तक रुकना होगा, जब तक कि ट्रम्प अंतिम तौर पर यह ना तय कर लें कि चीन पर क्या टैरिफ लगाने हैं और इस पर चीन की प्रतिक्रिया क्या होगी।

अलबत्ता मैं दोनों से कहना चाहूंगा कि पहली फुरसत में मिल लें, लेकिन टैरिफ, ट्रेड और ताइवान जैसे परंपरागत मुद्दों पर चर्चा के लिए नहीं। दुनिया में एक और बड़ी घटना होने जा रही है। यह है आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस यानी एजीआई का जन्म। अमेरिका और चीन- दोनों ही दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति से भी अधिक चतुर एजीआई सिस्टम बनाने के बहुत करीब हैं।

ये मशीनें खुद ही सीखने और उसके अनुसार काम करने में सक्षम होंगी। अगर ये दोनों देश इन सुपरइंटेलीजेंट कम्प्यूटर्स पर आपसी साझेदारी से विश्वास और सुशासन का कोई वैश्विक ढांचा तय करते हैं, तो इससे बढ़कर और कुछ नहीं होगा। यह जरूरी है कि मनुष्यता को इन सुपरइंटेलीजेंट कम्प्यूटर्स का सबसे अच्छा लाभ मिले और उनके सबसे भयावह दुष्परिणामों से हम बचे रहें।

मुझे पता है कि ज्यादातर लोग इस बात को अधिक महत्व नहीं देंगे। लेकिन यह मुझे जोरदार तरीके से अपनी बात रखने से नहीं रोक पाएगा। चूंकि 1970 के दशक में अमेरिका और सोवियत संघ का परमाणु हथियार नियंत्रण विश्व की स्थिरता के लिए था, इसलिए तेजी से पैर पसार रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लगाम कसने के लिए भी अमेरिका और चीन की साझेदारी आने वाले कल के विश्व की स्थिरता के लिए होगी।

ये सच है कि एआई सिस्टम्स और ह्यूमनॉइड रोबोटों से मानवता को बहुत से लाभ हैं, लेकिन सही मूल्यों के साथ ​यदि उन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वे बहुत विनाशकारी भी हो सकते हैं। इस पर भी मंथन की आवश्यकता है कि जब मशीनें बहुत-सी चीजें मनुष्य से बेहतर करने लग जाएंगी तो उस गरिमा को कैसे बचाए रखा जा सकेगा, जो मनुष्य अपने काम से कमाते हैं।

चीन के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने मुझे बताया कि उनका देश इस समस्या को लेकर सचेत है। पहले ही चीन में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है, जिन्हें नौकरियां नहीं ​मिल पा रही हैं। एजीआई के बाद तो वे कभी भी काम नहीं पा सकेंगे, क्योंकि तब 70% सरकारी कर्मचारी रोबोट होंगे। ऐसा हुआ तो क्या होगा?

आज से एक दशक बाद जब पत्रकार 2024 के अंत की सबसे महत्वपूर्ण खबर के बारे में सोच रहे होंगे तो वो क्या बताएंगे? क्या वो ट्रम्प के चुनाव को सबसे दूरगामी महत्व का बताएंगे? या सितम्बर में उबर का अमेरिका के कुछ प्रांतों में ड्राइवरलेस राइड देने के ​फैसला को? मैं तो उबर के निर्णय को ज्यादा महत्वपूर्ण बताऊंगा।

दिसम्बर में रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान खारकीव के बर्फ से लदे जंगलों में यूक्रेनी सेना ने मशीनगन और विस्फोटकों से लैस एक चौपहिया रोबोट ड्रोन से रूसी बंकर पर हमला किया था। इन जमीनी ड्रोन की सहायता के लिए आसमान में भी ड्रोन थे। जमीन और आसमान से ऐसा संयोजित मानवरहित हमला पहले कभी नहीं देखा गया था। मैं इस रोबोट हमले को भी साल 2024 के अंत की सबसे यादगार खबर बताऊंगा।

या फिर चीन के लूनर न्यू ईयर समारोह को ही लें, जिसे टीवी पर एक अरब से ज्यादा लोगों ने देखा। इसमें 16 ह्यूमनॉइड रोबोट्स मंच पर थे। वे फ्लोरल प्रिंट वाली जैकेट्स पहने हुए थे और वे मानव-नर्तकों के साथ ताल मिलाकर नाच रहे थे। अपने रोजमर्रा के काम में ये रोबोट ईवी को असेंबल करते हैं। डांस करना उनका शौक था!

ये सभी उदाहरण बताते हैं कि एजीआई बहुत तेजी से अपने पूर्ण स्वरूप में आ रही है। हमारी प्रजाति कार्बन-आधारित है, जबकि यह नई प्रजाति सिलिकॉन-आधारित होगी। हमें तुरंत ही इस सुपरइंटेलीजेंट प्रजाति के साथ जीने और उसके साथ-साथ विकसित होने की योजना बनानी शुरू कर देनी होगी।

पृथ्वी पर हम बहुत सारी प्रजातियों के साथ रहते आए हैं, लेकिन वे हमसे कम बुद्धिमान थीं। जल्द ही हमारे समक्ष एक ऐसी नई प्रजाति होगी, जो ना सिर्फ हमसे अधिक चतुर होगी, बल्कि दिनोंदिन हमसे अधिक बुद्धिमान होती जाएगी। (द न्यूयॉर्क टाइम्स से)

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