थाईलैंड एंबेसी के अफसर से शादी के बाद ब्लैकमेलिंग: मेट्रिमोनियल साइट पर रिश्ता; 7 महीने में 40 लाख की ज्वेलरी, 50 लाख का मकान खरीदवाया – Madhya Pradesh News h3>
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थाईलैंड के दूतावास में काम करने वाले संदीप कुमार(बदला हुआ नाम) की बातों में गुस्सा और इमोशंस दोनों ही महसूस होते हैं। पांच महीने पहले ही संदीप ने भोपाल की रहने वाली स्नेहा( बदला नाम) से शादी की थी। मगर, संदीप को भी अंदाजा नहीं था कि शादी के बाद उसे ब्लैकमेलिंग, ठगी और झूठे आरोपों के कड़वे अनुभवों का सामना करना पड़ेगा।
महज 7 महीने की शादी में स्नेहा ने संदीप से 40 लाख रुपए की ज्वेलरी और 50 लाख रुपए का फ्लैट खरीदवाया। इतना ही नहीं महिला थाने में दहेज प्रताड़ना और मारपीट का मामला भी दर्ज कराया। ये सब होने के बाद अब ये शादी अब टूटने की कगार पर है। संदीप ने फैमिली कोर्ट में तलाक का आवेदन दिया है।
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NEWS4SOCIALने संदीप की वकील दीपिका वैष्णव के जरिए उससे बातचीत कर समझा कि आखिर किस तरह से उसे प्रताड़ित किया गया। सिलसिलेवार जानिए क्या हुआ थाईलैंड में पदस्थ भारतीय एंबेसी के अधिकारी के साथ…
मेट्रिमोनियल साइट पर मिले और हुई मोहब्बत
संदीप ने बताया कि वह शिवपुरी का रहने वाला है। पिछले साल नवंबर में एक मेट्रिमोनियल साइट पर उसकी मुलाकात भोपाल की स्नेहा से हुई। इसी साइट पर दिए गए नंबरों पर एक दूसरे से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, जल्द ही दोनों ने एक-दूसरे को पसंद कर लिया।
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परिवारों की आपसी सहमति से दिसंबर में बड़ी धूमधाम से दोनों की शादी हुई। संदीप के मुताबिक मेट्रिमोनियल साइट पर मुलाकात से लेकर शादी तक सबकुछ परफेक्ट था।
शादी के अगले ही दिन शर्त- मुझे थाईलैंड ले चलो संदीप ने बताया कि शादी हुए 24 घंटे ही बीते थे। स्नेहा ने मुझसे कहा कि मुझे भारत में नहीं रहना, मुझे तुरंत थाईलैंड जाना है। मैं उसके इस बर्ताव से बेहद हैरान हुआ, लेकिन इसे उसकी पसंद समझ कर मैंने वीजा, टिकट और बाकी औपचारिकताएं पूरी कीं और उसे लेकर थाईलैंड पहुंच गया।
संदीप ने कहा- थाईलैंड में मुझे स्नेहा का एक अलग ही रूप देखने को मिला। यहां वह एक लग्जरी लाइफ जीने लगी। हर दिन उसकी एक नई डिमांड सामने आती। वह रोजाना ज्वैलरी और नए-नए ड्रेस खरीदने लगी।
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भोपाल में बहन के नाम पर फ्लैट खरीदने का दबाव बनाया संदीप ने बताया कि स्नेहा की डिमांड इतनी तेज़ी से बढ़ रही थी कि सैलरी से कहीं ज्यादा खर्च हो रहा था। एक दिन स्नेहा ने कहा कि उसे भोपाल में अपनी बहन के नाम पर फ्लैट खरीदना है। पहले मैंने उसे मना किया, मगर बाद में उसकी खुशी के लिए हामी भर दी।
मेरे लिए सबसे चौंकाने वाली बात तो ये थी कि उसने बहन के लिए फ्लैट खरीदने की बात की थी, मगर उसने उसे अपने ही नाम से रजिस्टर्ड कराया और मुझे नॉमिनी तक नहीं बनाया। जब मैंने उससे इस बारे में सवाल किया, तो उसने मुझे चुप करा दिया।
डिमांड पूरी करने से इनकार तो किया ब्लैकमेल संदीप की तरफ से फैमिली कोर्ट में केस लड़ रही एडवोकेट दीपिका वैष्णव बताती है कि जब संदीप ने स्नेहा की डिमांड पूरी करने से इनकार किया, तो उसने गुस्से में आकर थाईलैंड छोड़ने का फैसला किया। जब वो भोपाल लौटी तो उसने ब्लैकमेलिंग का नया खेल शुरू किया। उसने संदीप को कॉल कर पैसे मांगने शुरू कर दिए।
उसके ऑफिस के सहयोगियों को कॉल कर उसके खिलाफ अफवाहें फैलाना शुरू कर दी। इस वजह से उसके लिए थाईलैंड में रहना मुश्किल हो गया।
ससुराल पहुंचा तो मारपीट की गई दीपिका बताती है कि स्नेहा अप्रैल में भारत लौटी थी उसके बाद से ही उसने संदीप को धमकाना शुरू कर दिया। जब बात हाथ से निकल गई तो वह भोपाल पहुंचा और सीधे अपनी ससुराल गया। वहां उसे इस बात की उम्मीद थी कि ससुराल पक्ष के बाकी सदस्य उसकी बात को समझेंगे।
मगर, लड़की के परिजन ने न केवल मेरे क्लाइंट के साथ मारपीट की बल्कि उससे पैसे मांगे और झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी भी दी। इस घटना के कुछ ही दिनों बाद लड़की ने महिला थाने में पति और उसके परिजन के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट और मानसिक उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। ये मामला कोर्ट तक पहुंचा।
नकली प्रोफाइल बनाकर लड़कों को टारगेट किया जा रहा
संदीप की वकील दीपिका वैष्णव का कहना है कि आजकल सोशल मीडिया और मेट्रिमोनियल साइट्स पर एनआरआई या ऐसे लड़कों को टारगेट किया जा रहा है जो ऊंचे पदों पर जॉब कर रहे हैं। ये लड़कियां खुद को हाईप्रोफाइल और पढ़ी लिखी बताती हैं।
एक बार शादी हो जाती है, तो लड़कियां ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू करती है। यदि पति पैसा देने से इनकार करता है तो फिर झूठे केस में फंसाया जाता है। ये केवल इकलौता केस नहीं है बल्कि ऐसे कई युवाओं को झूठे रिश्तों के नाम पर फंसाया जा रहा है।
हर महीने दो से ढाई हजार शिकायतें होती हैं
भाई वेलफेयर सोसाइटी साल 2014 से पुरुष प्रताड़ना के केस देखती है। संस्था का एक हेल्पलाइन नंबर है, जिसके जरिए प्रताड़ित पुरुष मदद मांगते हैं। संस्था के पदाधिकारी नितिन तलवार कहते हैं कि हमारे पास छह से सात तरह की शिकायतें आती हैं। इसमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न के झूठे मामले, महिला कानून की आड़ में झूठे मामलों में फंसाने की धमकी जैसी शिकायतें हैं।
तलवार बताते हैं- हमारे पास हर महीने दो से ढाई हजार शिकायतें आती हैं। इनमें उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से लेकर कैब ड्राइवर तक शामिल होते हैं। हम लोग इनकी काउंसिलिंग करते हैं। उन्हें उचित सलाह और मार्गदर्शन देते हैं। इस प्रकार के भी मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें पत्नी ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली है। ऐसे में पहला और दूसरा दोनों पति उलझ गए हैं।
अब जानिए, पुरुषों के पास क्या अधिकार हैं
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट तनुज दीक्षित कहते हैं कि पति के पास पत्नी के समान अधिकार नहीं हैं, लेकिन कुछ कानूनी अधिकार उनके पास अपनी सुरक्षा और मान-सम्मान के लिए मौजूद हैं। जैसे वे घरेलू हिंसा के मामले में पुलिस से मदद ले सकते हैं। पति का खुद की प्रॉपर्टी पर अधिकार होता है।
यदि पति मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है तो वह कोर्ट और पुलिस की मदद ले सकता है। इसके अलावा वह पत्नियों की तरह तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन दे सकता है। हिंदू मैरिज एक्ट में पति को भी भरण पोषण का अधिकार मिला हुआ है। साथ ही बच्चों की कस्टडी का भी उसे अधिकार होता है।
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थाईलैंड के दूतावास में काम करने वाले संदीप कुमार(बदला हुआ नाम) की बातों में गुस्सा और इमोशंस दोनों ही महसूस होते हैं। पांच महीने पहले ही संदीप ने भोपाल की रहने वाली स्नेहा( बदला नाम) से शादी की थी। मगर, संदीप को भी अंदाजा नहीं था कि शादी के बाद उसे ब्लैकमेलिंग, ठगी और झूठे आरोपों के कड़वे अनुभवों का सामना करना पड़ेगा।
महज 7 महीने की शादी में स्नेहा ने संदीप से 40 लाख रुपए की ज्वेलरी और 50 लाख रुपए का फ्लैट खरीदवाया। इतना ही नहीं महिला थाने में दहेज प्रताड़ना और मारपीट का मामला भी दर्ज कराया। ये सब होने के बाद अब ये शादी अब टूटने की कगार पर है। संदीप ने फैमिली कोर्ट में तलाक का आवेदन दिया है।
NEWS4SOCIALने संदीप की वकील दीपिका वैष्णव के जरिए उससे बातचीत कर समझा कि आखिर किस तरह से उसे प्रताड़ित किया गया। सिलसिलेवार जानिए क्या हुआ थाईलैंड में पदस्थ भारतीय एंबेसी के अधिकारी के साथ…
मेट्रिमोनियल साइट पर मिले और हुई मोहब्बत
संदीप ने बताया कि वह शिवपुरी का रहने वाला है। पिछले साल नवंबर में एक मेट्रिमोनियल साइट पर उसकी मुलाकात भोपाल की स्नेहा से हुई। इसी साइट पर दिए गए नंबरों पर एक दूसरे से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, जल्द ही दोनों ने एक-दूसरे को पसंद कर लिया।
परिवारों की आपसी सहमति से दिसंबर में बड़ी धूमधाम से दोनों की शादी हुई। संदीप के मुताबिक मेट्रिमोनियल साइट पर मुलाकात से लेकर शादी तक सबकुछ परफेक्ट था।
शादी के अगले ही दिन शर्त- मुझे थाईलैंड ले चलो संदीप ने बताया कि शादी हुए 24 घंटे ही बीते थे। स्नेहा ने मुझसे कहा कि मुझे भारत में नहीं रहना, मुझे तुरंत थाईलैंड जाना है। मैं उसके इस बर्ताव से बेहद हैरान हुआ, लेकिन इसे उसकी पसंद समझ कर मैंने वीजा, टिकट और बाकी औपचारिकताएं पूरी कीं और उसे लेकर थाईलैंड पहुंच गया।
संदीप ने कहा- थाईलैंड में मुझे स्नेहा का एक अलग ही रूप देखने को मिला। यहां वह एक लग्जरी लाइफ जीने लगी। हर दिन उसकी एक नई डिमांड सामने आती। वह रोजाना ज्वैलरी और नए-नए ड्रेस खरीदने लगी।
भोपाल में बहन के नाम पर फ्लैट खरीदने का दबाव बनाया संदीप ने बताया कि स्नेहा की डिमांड इतनी तेज़ी से बढ़ रही थी कि सैलरी से कहीं ज्यादा खर्च हो रहा था। एक दिन स्नेहा ने कहा कि उसे भोपाल में अपनी बहन के नाम पर फ्लैट खरीदना है। पहले मैंने उसे मना किया, मगर बाद में उसकी खुशी के लिए हामी भर दी।
मेरे लिए सबसे चौंकाने वाली बात तो ये थी कि उसने बहन के लिए फ्लैट खरीदने की बात की थी, मगर उसने उसे अपने ही नाम से रजिस्टर्ड कराया और मुझे नॉमिनी तक नहीं बनाया। जब मैंने उससे इस बारे में सवाल किया, तो उसने मुझे चुप करा दिया।
डिमांड पूरी करने से इनकार तो किया ब्लैकमेल संदीप की तरफ से फैमिली कोर्ट में केस लड़ रही एडवोकेट दीपिका वैष्णव बताती है कि जब संदीप ने स्नेहा की डिमांड पूरी करने से इनकार किया, तो उसने गुस्से में आकर थाईलैंड छोड़ने का फैसला किया। जब वो भोपाल लौटी तो उसने ब्लैकमेलिंग का नया खेल शुरू किया। उसने संदीप को कॉल कर पैसे मांगने शुरू कर दिए।
उसके ऑफिस के सहयोगियों को कॉल कर उसके खिलाफ अफवाहें फैलाना शुरू कर दी। इस वजह से उसके लिए थाईलैंड में रहना मुश्किल हो गया।
ससुराल पहुंचा तो मारपीट की गई दीपिका बताती है कि स्नेहा अप्रैल में भारत लौटी थी उसके बाद से ही उसने संदीप को धमकाना शुरू कर दिया। जब बात हाथ से निकल गई तो वह भोपाल पहुंचा और सीधे अपनी ससुराल गया। वहां उसे इस बात की उम्मीद थी कि ससुराल पक्ष के बाकी सदस्य उसकी बात को समझेंगे।
मगर, लड़की के परिजन ने न केवल मेरे क्लाइंट के साथ मारपीट की बल्कि उससे पैसे मांगे और झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी भी दी। इस घटना के कुछ ही दिनों बाद लड़की ने महिला थाने में पति और उसके परिजन के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट और मानसिक उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। ये मामला कोर्ट तक पहुंचा।
नकली प्रोफाइल बनाकर लड़कों को टारगेट किया जा रहा
संदीप की वकील दीपिका वैष्णव का कहना है कि आजकल सोशल मीडिया और मेट्रिमोनियल साइट्स पर एनआरआई या ऐसे लड़कों को टारगेट किया जा रहा है जो ऊंचे पदों पर जॉब कर रहे हैं। ये लड़कियां खुद को हाईप्रोफाइल और पढ़ी लिखी बताती हैं।
एक बार शादी हो जाती है, तो लड़कियां ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू करती है। यदि पति पैसा देने से इनकार करता है तो फिर झूठे केस में फंसाया जाता है। ये केवल इकलौता केस नहीं है बल्कि ऐसे कई युवाओं को झूठे रिश्तों के नाम पर फंसाया जा रहा है।
हर महीने दो से ढाई हजार शिकायतें होती हैं
भाई वेलफेयर सोसाइटी साल 2014 से पुरुष प्रताड़ना के केस देखती है। संस्था का एक हेल्पलाइन नंबर है, जिसके जरिए प्रताड़ित पुरुष मदद मांगते हैं। संस्था के पदाधिकारी नितिन तलवार कहते हैं कि हमारे पास छह से सात तरह की शिकायतें आती हैं। इसमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीड़न के झूठे मामले, महिला कानून की आड़ में झूठे मामलों में फंसाने की धमकी जैसी शिकायतें हैं।
तलवार बताते हैं- हमारे पास हर महीने दो से ढाई हजार शिकायतें आती हैं। इनमें उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से लेकर कैब ड्राइवर तक शामिल होते हैं। हम लोग इनकी काउंसिलिंग करते हैं। उन्हें उचित सलाह और मार्गदर्शन देते हैं। इस प्रकार के भी मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें पत्नी ने बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली है। ऐसे में पहला और दूसरा दोनों पति उलझ गए हैं।
अब जानिए, पुरुषों के पास क्या अधिकार हैं
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट तनुज दीक्षित कहते हैं कि पति के पास पत्नी के समान अधिकार नहीं हैं, लेकिन कुछ कानूनी अधिकार उनके पास अपनी सुरक्षा और मान-सम्मान के लिए मौजूद हैं। जैसे वे घरेलू हिंसा के मामले में पुलिस से मदद ले सकते हैं। पति का खुद की प्रॉपर्टी पर अधिकार होता है।
यदि पति मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है तो वह कोर्ट और पुलिस की मदद ले सकता है। इसके अलावा वह पत्नियों की तरह तलाक के लिए कोर्ट में आवेदन दे सकता है। हिंदू मैरिज एक्ट में पति को भी भरण पोषण का अधिकार मिला हुआ है। साथ ही बच्चों की कस्टडी का भी उसे अधिकार होता है।