तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है ग्रामीण प्रबंधन h3>
दरभंगा, नगर संवाददाता। भारत गांवों का देश है। छात्र अपनी अच्छी पढ़ाई से अच्छे…
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाSat, 27 Jan 2024 10:30 PM
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दरभंगा, नगर संवाददाता। भारत गांवों का देश है। छात्र अपनी अच्छी पढ़ाई से अच्छे नागरिक बनकर अपने परिवार, समाज तथा राष्ट्र का नाम रोशन कर सकते हैं। सबको सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती, पर वे अपनी कुशलता से जीविका का आधार पा सकते हैं। वे डिग्री के साथ- साथ अपने को काबिल बनाएं, फिर रोजगार खोजें। युवा अपने टैलेंट का उपयोग करें और अवसर पर भी नजर रखें। लोकल के लिए वोकल होना आज की जरूरत है। ये बातें सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक अहमद ने कॉलेज में संचालित मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र के तत्वावधान में ‘ग्रामीण प्रबंधन विषय पर आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 1942-43 में सीएम कॉलेज के छात्र रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कर्पूरी ठाकुर को भारत सरकार द्वारा भारत रत्न दिया जाना कॉलेज परिवार के लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि शिवनादर विश्वविद्यालय, दिल्ली एनसीआर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संदनी ठाकुर ने कहा कि तेजी से बदल रहे ग्रामीण क्षेत्रों में समझ रखने वाले जुनूनी छात्र रचनात्मक बदलाव के वाहक बन सकते हैं। अब गांवों और शहरों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं रह गया है। गांव आर्थिक गतिशीलता का केन्द्र तथा बड़ा बाजार बनता जा रहा है। केन्द्र तथा प्रदेश की सरकारें ग्रामीण विकास पर काफी धनराशि खर्च कर रही हैं। उन्होंने ग्रामीण प्रबंधन में स्नातकोत्तर करने की योग्यता, प्रक्रिया तथा उससे रोजी- रोजगार पाने की संभावनाओं की विशेष रूप से चर्चा की। मुख्य वक्ता लनामि विवि के संस्कृत प्राध्यापक डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि ग्रामीण प्रबंधन तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जहां युवाओं को करियर विकास और उन्नति के विशेष अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इस क्षेत्र में संभावनाओं के नए-नए द्वार भी खुल रहे हैं। गांव में अब कुशल पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण प्रबंधन के छात्र उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग कर उनका अधिकतम लाभ देने में सक्षम हो जाते हैं। ऐसे छात्र सरकारी विकास एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, कॉरपोरेट क्षेत्र की सामाजिक विकास इकाइयों तथा राज्य संसाधन केन्द्रों में आसानी से रोजगार पा सकते हैं। सेमिनार में डॉ. अब्दुल हई, डॉ. फैजान हैदर, डॉ. सऊद आलम सहित 120 से भी अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। ललिता, जयराज तथा बरकतुल्ला अंसारी ने इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग दिया। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. अखिलेश कुमार ‘विभु ने छात्रों को भविष्य के प्रति सचेत करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांव में बसती है। इससे जुड़कर युवा न केवल रोजगार पा सकते हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों का चहुंंमुखी विकास भी कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से ग्रामीण प्रबंधन पाठ्यक्रम में नामांकन की अपील की। धन्यवाद ज्ञापन प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक डॉ. आलोक कुमार राय ने किया।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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दरभंगा, नगर संवाददाता। भारत गांवों का देश है। छात्र अपनी अच्छी पढ़ाई से अच्छे नागरिक बनकर अपने परिवार, समाज तथा राष्ट्र का नाम रोशन कर सकते हैं। सबको सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती, पर वे अपनी कुशलता से जीविका का आधार पा सकते हैं। वे डिग्री के साथ- साथ अपने को काबिल बनाएं, फिर रोजगार खोजें। युवा अपने टैलेंट का उपयोग करें और अवसर पर भी नजर रखें। लोकल के लिए वोकल होना आज की जरूरत है। ये बातें सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक अहमद ने कॉलेज में संचालित मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र के तत्वावधान में ‘ग्रामीण प्रबंधन विषय पर आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 1942-43 में सीएम कॉलेज के छात्र रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कर्पूरी ठाकुर को भारत सरकार द्वारा भारत रत्न दिया जाना कॉलेज परिवार के लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि शिवनादर विश्वविद्यालय, दिल्ली एनसीआर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संदनी ठाकुर ने कहा कि तेजी से बदल रहे ग्रामीण क्षेत्रों में समझ रखने वाले जुनूनी छात्र रचनात्मक बदलाव के वाहक बन सकते हैं। अब गांवों और शहरों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं रह गया है। गांव आर्थिक गतिशीलता का केन्द्र तथा बड़ा बाजार बनता जा रहा है। केन्द्र तथा प्रदेश की सरकारें ग्रामीण विकास पर काफी धनराशि खर्च कर रही हैं। उन्होंने ग्रामीण प्रबंधन में स्नातकोत्तर करने की योग्यता, प्रक्रिया तथा उससे रोजी- रोजगार पाने की संभावनाओं की विशेष रूप से चर्चा की। मुख्य वक्ता लनामि विवि के संस्कृत प्राध्यापक डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि ग्रामीण प्रबंधन तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जहां युवाओं को करियर विकास और उन्नति के विशेष अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इस क्षेत्र में संभावनाओं के नए-नए द्वार भी खुल रहे हैं। गांव में अब कुशल पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण प्रबंधन के छात्र उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग कर उनका अधिकतम लाभ देने में सक्षम हो जाते हैं। ऐसे छात्र सरकारी विकास एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, कॉरपोरेट क्षेत्र की सामाजिक विकास इकाइयों तथा राज्य संसाधन केन्द्रों में आसानी से रोजगार पा सकते हैं। सेमिनार में डॉ. अब्दुल हई, डॉ. फैजान हैदर, डॉ. सऊद आलम सहित 120 से भी अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। ललिता, जयराज तथा बरकतुल्ला अंसारी ने इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग दिया। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. अखिलेश कुमार ‘विभु ने छात्रों को भविष्य के प्रति सचेत करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांव में बसती है। इससे जुड़कर युवा न केवल रोजगार पा सकते हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों का चहुंंमुखी विकास भी कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से ग्रामीण प्रबंधन पाठ्यक्रम में नामांकन की अपील की। धन्यवाद ज्ञापन प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र के निदेशक डॉ. आलोक कुमार राय ने किया।
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