तिहाड़ से अपराधी को रिमांड पर लाई पुलिस: अलीगढ़ में दो आरोपियों ने लोगों से की है लाखों की साइबर ठगी, एक आरोपी छत्तीसगढ़ में था बंद – Aligarh News h3>
पुलिस दोनों अपराधियों को तिहाड़ और छत्तीसगढ़ से रिमांड पर लेकर अलीगढ़ आई है।
अलीगढ़ में लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाले दो अपराधियों को पुलिस रिमांड पर लेकर अलीगढ़ आई है। अब इन अपराधियों से अलीगढ़ में पूछताछ की जाएगी। दोनों अपराधियों ने अलग-अलग लोगों को अपने जाल में फंसाते हुए लाखों रुपए लिए थे और साइबर ठगी की थी।
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जिसके बाद पीड़ितों ने अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी थी। दोनों अपराधी अलग-अलग जेल में बंद थे, जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट के माध्यम से इनकी रिमांड ली है। एक अपराधी को दिल्ली की तिहाड़ जेल से लाया गया है, जबकि दूसरा सेंट्रल जेल छत्तीसगढ़ से लाया गया है।
पार्ट टाइम जॉब के नाम पर की थी ठगी
सासनीगेट थाना क्षेत्र के आवास विकास कालोनी निवासी संयोज गुप्ता ने 9 अक्टूबर 2023 को मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब के नाम से उनसे ठगी की गई। आरोपियों ने बातों में फंसाकर उनसे अलग-अलग खातों में 6,55,700 रुपए ट्रांसफर कराए।
पुलिस इस मामले में साउट वेस्ट दिल्ली निवासी सूरज श्रीवास्तव पुत्र अंजनी श्रीवास्तव तक पहुंची थी। आरोपी के खिलाफ पहले से दिल्ली में कई मुकदमें दर्ज थे और वह तिहाड़ जेल में बंद था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की रिमांड ली है और अब उससे पूछताछ की जाएगी। जिससे सारे मामले को सुलझाया जा सके।
ट्रेडिंग के नाम पर ठगे 34.55 लाख
हरदुआगंज थाना क्षेत्र के अहीरपाड़ा निवासी दिनेश चंद्र शर्मा पुत्र नन्नूमल शर्मा एक साल पहले 14 मई 2024 को मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि आरोपी ने शेयर ट्रेडिंग में लाखों का मुनाफा कमाने का झांसा देकर उसने 34,55,000 रुपए ठग लिए, जो अलग-अलग खातों में लिए गए।
साइबर टीम पिछले एक साल से लगातार इस मामले की जांच में जुटी थी। जिसके बाद पुलिस छत्तीसगढ़ के जिला दुर्ग के थाना नेवई के इस्पात नगर निवासी आशीष कुमार साहू पुत्र निरंजन साहू तक पहुंची। इसके खिलाफ भी छत्तीसगढ़ के साइबर थाने में मुकदमें दर्ज थे और यह जेल में बंद था। अब पुलिस ने इसकी भी रिमांड कोर्ट से ली है।
बड़े मुनाफे के झांसे में न आए
साइबर थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि लोग कम समय में ज्यादा मुनाफे की लालच में आकर साइबर ठगों का शिकार बन जाते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें और जागरुक रहे। किसी को भी अपने बैंक से जुड़ी गोपनीय डिटेल या ओटीपी नंबर बिल्कुल भी शेयर न करें।
उन्होंने बताया कि कोर्ट से आरोपियों की रिमांड स्वीकार होने के बाद उन्हें अलीगढ़ लाया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच करने वाली टीम में उनके साथ विनीत कुमार, कांस्टेबल धीरज त्यागी और विकास कुमार शामिल रहे।