तरौनी में राजकीय समारोह

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तरौनी में राजकीय समारोह

तरौनी में राजकीय समारोह

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बेनीपुर। देशभर में चर्चित साहित्यकार बैद्यनाथ मिश्र यात्री ‘नागार्जुन की 112वीं जयंती शुक्रवार को उनके पैतृक गांव बेनीपुर प्रखंड के तरौनी में राजकीय समारोह के रूप में मनायी गयी। तरौनी में राज्य सरकार की ओर से पहली बार उनकी जयंती पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया।

इस मौके पर स्थानीय विधायक प्रो. विनय चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बैद्यनाथ मिश्र को पहचान हिंदी के बहुचर्चित उपन्यासकार ‘नागार्जुन के रूप में मिली। बाबा नागार्जुन ने गरीब- गुरबा, शोषितों व पीड़ितों की आवाज को अपने उपन्यास एवं कविताओं के माध्यम से जगजाहिर किया। उन्होंने कहा कि बाबा ने मातृभाषा मैथिली में काफी पुस्तकें एवं कविताएं लिखी, लेकिन ‘बाड़ीक पटुआ तीत वाली कहावत उनके साथ चरितार्थ हुई। समाज के कुछ लोगों ने मैथिली में उनको सम्मान नहीं दिया।

विधायक ने कहा कि अप्रतिम साहित्यकार बाबा की संगमरमर की प्रतिमा पुस्तकालय परिसर में लगवाने का शीघ्र प्रयास किया जाएगा। विधायक ने कहा कि बाबा के नाम को चंद लोग भजाने का काम कर रहे हैं। उससे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाबा की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाकर युवा पीढ़ी को एक संदेश दिया जा रहा है। कार्यक्रम में चेतना समिति, पटना की अध्यक्ष निशा झा ने कहा कि बाबा नागार्जुन ने चेतना समिति की स्थापना की थी। प्रत्येक वर्ष बाबा का जयंती चेतना समिति द्वारा मनायी जा रही है। बाबा की जीवनी पर कुछ कहना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा होगा। ‘भारत मीडिया की माला झा ने कहा कि बाबा पर देश-विदेश में रिपोर्टिंग करने का अवसर मिला है। कार्यक्रम को ग्रामीण महादेव झा, भवानंद झा, लक्ष्मण झा सरदार, प्रखंड प्रमुख चौधरी मुकुंद कुमार राय, एसडीएम शंभूनाथ झा, बाबा नागार्जुन के छोटे पुत्र श्यामाकांत मिश्रा आदि ने संबोधित किया। इसके पूर्व विधायक, प्रखंड प्रमुख एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने माल्यार्पण किया। मंच संचालन ग्रामीण संतोष मिश्र ने किया। कार्यक्रम में एसडीएम, डीसीएलआर आनंद उत्सव, सीओ भुवनेश्वर झा, बीडीओ सदय कुमार, बहेड़ा एसएचओ बीके ब्रजेश, मुखिया श्यामसुंदर साहू आदि उपस्थित थे।

बाबा की जन्म शताब्दी पर तरौनी में साहित्यकारों का लगा था मेला

बता दें कि पांच भाषा के मूर्धन्य विद्वान बैद्यनाथ मिश्र नागार्जुन यात्री का 2010 में जन्म शताब्दी समारोह उनके गांव तरौनी में वृहद पैमाने पर मनाया गया था। इसमें देश के नामचीन साहित्यकारों ने शिरकत की थी। साहित्यकार डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी ने कहा था एक दिन तरौनी विश्व प्रसिद्ध साहित्यिक तीर्थस्थल बनेगा। बाबा के 100वें वर्ष पूरे होने पर नागार्जुन पुस्तकालय समिति एवं प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में भव्य स्तर पर आयोजित किया गया था। इसमें हिंदी साहित्य के प्रख्यात विद्वानों ने भाग लिया था। डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी, डॉ. खगेंद्र प्रसाद, डॉ. नामवर सिंह, चौथी राम सहित विभिन्न साहित्यकारों ने भाग लिया था। इस कार्यक्रम के स्वागत समारोह के अध्यक्ष पूर्व विधायक राजेंद्र राजन, सचिव राम कुमार झा एवं नागार्जुन पुस्तकालय समिति आयोजन किया था। इस अवसर पर स्मारिका चरैवेति का लोकार्पण किया गया था। बाबा ने हिंदी, मैथिली, संस्कृत, बांग्ला एवं पाली भाषा में काव्य रचना की है।

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