ड्रिंक ब्रेक से DRS तक, इयान चैपल ने बताया टेस्ट क्रिकेट को डुबोने में किन चीजों का हाथ, स्टोक्स के पढ़े कसीदे h3>
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ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर इयान चैपल मानते हैं कि टी20 की बढ़ती लोकप्रियता ने टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है लेकिन लाल गेंद के क्रिकेट में जो चीज नुकसान पहुंचा रही है, वो है खेल की बेहद धीमी गति। ईएसपीएनक्रिकइंफो में लिखे अपने कॉलम में चैपल ने बल्लेबाजों को क्रीज पर काफी समय बर्बाद करने का दोषी भी माना। चैपल ने लिखा, ”टेस्ट क्रिकेट में खेल की गति बेहद निराशाजनक है। खेल की गति हर दिन धीमी होती जा रही है और इसमें सुधार के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।”
उन्होंने कुछ मुनासिब सवाल पूछने से पहले लिखा, ”एक तरफ जहां बेन स्टोक्स सही में टेस्ट क्रिकेट के मनोरंजन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं लेकिन प्रशासकों की पहल की कमी के कारण इन प्रयासों को कमतर किया जा रहा है।” उन्होंने पूछा, ”बल्लेबाजों को ओवरों के दौरान पिच के बीच में चर्चा करने के लिए मिलने की अनुमति क्यों दी जाती है? ताकि बिना किसी सजा के वे बात कर सकें कि कौन क्या जानता है। बल्लेबाजों को यह क्यों नहीं बताया जाता है कि जब गेंदबाज गेंद डालने के लिए तैयार होता है तब उन्हें क्रीज पर अपने ही इलाके में रहने के शिष्टाचार की जरूरत है?”
चैपल ने कहा, ”अत्यधिक गर्मी को छोड़कर, बार-बार नियमित ड्रिंक ब्रेक की अनुमति क्यों दी जाती है? इतनी बार दस्ताने बदलने की जरूरत क्यों पड़ती है? सिर्फ उन्हीं गेंदों के लिए ‘बाउंड्री का संकेत क्यों नहीं दिया जाता जो रस्सी से टकराती हैं बल्कि बार बार निरर्थक रीप्ले चलाए जाते हैं जो क्षेत्ररक्षक के पैरों या हाथों को देखने के लिए होते हैं।” चैपल का यह भी मानना है कि डीआरएस ने भी खेल की धीमी गति में योगदान दिया है।
उन्होंने लिखा, ”क्यों प्रशासकों को कहते सुना है कि खिलाड़ियों को अंपायर के साथ बहस नहीं करनी चाहिए? फिर वही प्रशासक खिलाड़ियों को फैसले की समीक्षा करने की अनुमति देकर अंपायर के साथ बहस करने को प्रोत्साहित क्यों करते हैं? रीप्ले में बहुत अधिक समय लग रहा है।” चैपल ने कहा, ”खिलाड़ियों को अंपायरों पर आरोप लगाने की अनुमति कैसे दी जाती है। हाल ही में एससीजी टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को अंपायरों पर आरोप लगाते देखकर हैरान था। इस बुरी आदत पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।”
उन्होंने साथ ही बल्लेबाजों के अंतिम क्षण में बल्लेबाजी का तरीका बदलने पर भी सवाल उठाए कि गेंदबाज को अंपायर को अपने तरीके (दायें, बायें, ओवर द विकेट, राउंड द विकेट) बताना होता है लेकिन एक बल्लेबाज शॉट खेलने के लिए बाएं हाथ से दाएं हाथ का बल्लेबाज बन सकता है।”
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ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर इयान चैपल मानते हैं कि टी20 की बढ़ती लोकप्रियता ने टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है लेकिन लाल गेंद के क्रिकेट में जो चीज नुकसान पहुंचा रही है, वो है खेल की बेहद धीमी गति। ईएसपीएनक्रिकइंफो में लिखे अपने कॉलम में चैपल ने बल्लेबाजों को क्रीज पर काफी समय बर्बाद करने का दोषी भी माना। चैपल ने लिखा, ”टेस्ट क्रिकेट में खेल की गति बेहद निराशाजनक है। खेल की गति हर दिन धीमी होती जा रही है और इसमें सुधार के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।”
उन्होंने कुछ मुनासिब सवाल पूछने से पहले लिखा, ”एक तरफ जहां बेन स्टोक्स सही में टेस्ट क्रिकेट के मनोरंजन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं लेकिन प्रशासकों की पहल की कमी के कारण इन प्रयासों को कमतर किया जा रहा है।” उन्होंने पूछा, ”बल्लेबाजों को ओवरों के दौरान पिच के बीच में चर्चा करने के लिए मिलने की अनुमति क्यों दी जाती है? ताकि बिना किसी सजा के वे बात कर सकें कि कौन क्या जानता है। बल्लेबाजों को यह क्यों नहीं बताया जाता है कि जब गेंदबाज गेंद डालने के लिए तैयार होता है तब उन्हें क्रीज पर अपने ही इलाके में रहने के शिष्टाचार की जरूरत है?”
चैपल ने कहा, ”अत्यधिक गर्मी को छोड़कर, बार-बार नियमित ड्रिंक ब्रेक की अनुमति क्यों दी जाती है? इतनी बार दस्ताने बदलने की जरूरत क्यों पड़ती है? सिर्फ उन्हीं गेंदों के लिए ‘बाउंड्री का संकेत क्यों नहीं दिया जाता जो रस्सी से टकराती हैं बल्कि बार बार निरर्थक रीप्ले चलाए जाते हैं जो क्षेत्ररक्षक के पैरों या हाथों को देखने के लिए होते हैं।” चैपल का यह भी मानना है कि डीआरएस ने भी खेल की धीमी गति में योगदान दिया है।
उन्होंने लिखा, ”क्यों प्रशासकों को कहते सुना है कि खिलाड़ियों को अंपायर के साथ बहस नहीं करनी चाहिए? फिर वही प्रशासक खिलाड़ियों को फैसले की समीक्षा करने की अनुमति देकर अंपायर के साथ बहस करने को प्रोत्साहित क्यों करते हैं? रीप्ले में बहुत अधिक समय लग रहा है।” चैपल ने कहा, ”खिलाड़ियों को अंपायरों पर आरोप लगाने की अनुमति कैसे दी जाती है। हाल ही में एससीजी टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को अंपायरों पर आरोप लगाते देखकर हैरान था। इस बुरी आदत पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।”
उन्होंने साथ ही बल्लेबाजों के अंतिम क्षण में बल्लेबाजी का तरीका बदलने पर भी सवाल उठाए कि गेंदबाज को अंपायर को अपने तरीके (दायें, बायें, ओवर द विकेट, राउंड द विकेट) बताना होता है लेकिन एक बल्लेबाज शॉट खेलने के लिए बाएं हाथ से दाएं हाथ का बल्लेबाज बन सकता है।”