डॉक्टर ने लिखा-मेरा जमीर मुझे गांव नहीं जाने दे रहा: कहा- 7 दिन से न्याय की लड़ाई लड़ रहा हूं लेकिन एफआईआर नहीं हुई, एसडीएम ने दी थी धमकी – Barmer News h3>
बाड़मेर में एसडीएम एसडीएम ब्रदीनारायण विश्नोई की डॉक्टर को फटकार और धमकाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसको लेकर डॉक्टर रामस्वरूप रावत ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट की है। इसमें लिखा है – मैं, आज 7 वें दिन भी न्याय के लिए लड़ रहा हूं, आज तक
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डॉ. राम स्वरूप रावत का कहना है कि मैंने 2 फरवरी को सेड़वा थाने में रिपोर्ट दे दी थी। उन्होंने एफआईआर दर्ज नहीं करके परिवाद रजिस्टर्ड किया है। 3 फरवरी को बाड़मेर एसपी ऑफिस आकर मैंने एसपी को ज्ञापन दिया। अब देखते है कि प्रशासन कब करता है, जब तक कार्रवाई नहीं करेंगे तब हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। हमारे डॉक्टर यूनियन ने 3 दिन काली पट्टी बांधी है। तीन दिन तक दो घंटे कार्य का बहिष्कार किया है। इसके बावजूद भी प्रशासन व सरकार नहीं मानती है तो पूर्णतया कार्य का बहिष्कार होगा। डॉक्टर एसोसिएशन जो निर्णय लेगी, उसके अनुसार विरोध प्रदर्शन करेंगे।
डॉ. रामस्वरूप रावत ने वीडियो शेयर कर लिखा कि 7 दिन न्याय के लिए लड़ रहा हूं।
डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी
1 फरवरी के घटनाक्रम के दूसरे दिन से डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। फिर दो घंटे कार्य का बहिष्कार शुरू किया। वहीं, शुक्रवार को कैंडल मार्च निकाला गया। हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर एसडीएम का निलंबन की मांग की गई।
डॉक्टर ने 2 फरवरी को सेड़वा थाने में दी थी रिपोर्ट।
यह है मामला
दरअसल, 1 फरवरी को सुबह करीब 10 बजे बाड़मेर जिले के सेड़वा कस्बे के सीएचसी में एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी में ड्यूटी कर रहे डॉ. रामस्वरूप रावत को धमकाया था। हालांकि मामला बढ़ता देख एसडीएम ने रविवार को वीडियो जारी कर माफी भी मांग ली थी।
एसडीएम ने कहा था- मेरा कहना नहीं मानता, एक मिनट में जेल में दे दूंगा।
डॉक्टर ने शिकायत में कहा- सीएचसी में मैं अकेला था, 250 की ओपीडी थी
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। सेड़वा एसडीएम की अभद्र भाषा पर डॉक्टरों ने एतराज किया। दूसरे दिन 2 फरवरी (रविवार) को डॉक्टर वेलफेयर फेडरेशन की टीम सेड़वा (बाड़मेर) पहुंच गई। पीड़ित डॉक्टर रामस्वरूप ने सेड़वा थाने में शिकायत दर्ज कराई।
सेड़वा सीएचसी के पीड़ित डॉक्टर रामस्वरूप रावत ने शिकायत में बताया- सीएचसी में मैं अकेला था। ओपीडी में मरीजों की जांच कर रहा था। 250 से ज्यादा ओपीडी थी। 50 साल की एक महिला गंभीर हालत में पहुंची थी। एंजायटी केस था। इमरजेंसी में मरीज की जांच कर उसे भर्ती कर इलाज किया गया। इस दौरान एसडीएम ने आते ही मुझे धमकाया और पुलिस के हवाले करने की बात कही। तब शिकायत पर सेड़वा थानाधिकारी दीपसिंह ने कहा था कि परिवाद रजिस्टर्ड किया है। 14 दिन तक जांच करेंगे इसके बाद कार्रवाई करेंगे।