डाक विभाग ने सबसे ज्यादा मधुबनी पेंटिंग और हर्बल उत्पाद भेजा विदेश

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डाक विभाग ने सबसे ज्यादा मधुबनी पेंटिंग और हर्बल उत्पाद भेजा विदेश

डाक विभाग ने सबसे ज्यादा मधुबनी पेंटिंग और हर्बल उत्पाद भेजा विदेश

बिहार में बने उत्पाद आसानी से विदेशों तक पहुंचने लगे हैं। सबसे ज्यादा मांग मधुबनी पेंटिंग और हर्बल उत्पादों की है। डाक विभाग के निर्यात केन्द्र से पिछले छह महीने में सबसे ज्यादा इन्हीं दो उत्पादों को विदेश भेजा गया। यह सब डाक विभाग के निर्यात केन्द्र के खुलने से संभव हो पाया है। डाक विभाग की मानें तो चेहरे और बॉडी मसाज के सामानों की खरीदारी विदेश में रहनेवाले अधिक कर रहे हैं। बता दें कि राज्य भर में 46 निर्यात केन्द्र चल रहे हैं। ये केन्द्र हर जिला मुख्यालय में हैं। संबंधित जिला के उद्यमी अपना सामान अपने ही जिला मुख्यालय के निर्यात केन्द्र पर जमा करते हैं। वहां से इसे पटना जीपीओ भेजा जाता है। इसके बाद जीपीओ के माध्यम से उसे विदेश भेजा जाता है। यह निर्यात केन्द्र वर्ष 2023 से शुरू हुआ है। अभी तक राज्य के एक हजार से अधिक छोटे-छोटे उद्यमी को इससे जोड़ा जा चुका है।

– उत्पात की पूरी कीमत उद्यमी को है मिलती

बिहार के उद्यमियों का जो सामान निर्यात होता है उसकी पूरी कीमत संबंधित उद्यमी को मिलती है। इससे इन उद्यमियों की अच्छी आमदनी होती है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। बता दें कि इन उद्यमी को डाक विभाग बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, महिला उद्योग संघ, नाबार्ड आदि से जोड़ रहा है। अभी सिडबी से भी इन उद्यमियों को जोड़ा जाएगा जिससे इन्हें और बड़ा बाजार मिल सके।

– मखाना जाता अमेरिका तो पूजा सामाग्री को पसंद करते कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के लोग

डाक विभाग की मानें तो अमेरिका के लोग बिहार से सबसे ज्यादा मखाना मंगवाते हैं। वहीं पूजा सामग्री की सबसे अधिक खरीदारी कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाले भारतीय मूल के लोग करते हैं। खरीदारी करनेवालों में संबंधित देश के स्थानीय लोगों के साथ एनआरआई भी शामिल हैं। इसके अलावा अचार, मुरब्बा, हस्तशिल्प कला आदि की भी खूब खरीदारी विदेशों में हो रही है।

छोटे उद्यमी के जीवन में आया बदलाव

केस : 1 भगवानपुर वैशाली की उद्यमी रेखा कुमारी हर्बल उत्पाद बनाती हैं। इससे चेहरे साफ होता है और कील-मुंहासे आदि को ठीक किया जा सकता है। डाक विभाग ने रेखा कुमारी को कई ऑनलाइन वेबसाइट से जोड़ा। इसके बाद डाक विभाग के माध्यम से आर्डर आने लगे। अब रेखा कुमारी के उत्पाद सबसे ज्यादा कनाडा के लोग पसंद करते हैं। हर महीने पांच से छह आर्डर आते हैं।

केस : 2 उजियारपुर, समस्तीपुर की सोनी कुमारी मधुबनी पेंटिंग बनाती है। स्थानीय तौर पर उनकी पेंटिंग को कम दाम में लोग लेते थे। सोनी कुमारी को डाक विभाग के स्कीम के बारे में जानकारी मिली। संपर्क किया। अब सोनी कुमारी की बनाई हुई मधुबनी पेंटिंग की काफी मांग अमेरिका के साथ कनाडा और जर्मनी जैसे देश में है। इससे सोनी कुमारी की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और वो अब महीने में 30 से 35 हजार रुपये कमा लेती हैं।

डाक निर्यात केन्द्र के माध्यम से राज्य के एक हजार से अधिक उद्यमी जुड़े हैं। इन उद्यमी को विदेशों से आर्डर आता है। आर्डर को डाक विभाग के माध्यम से विदेश भेजा जाता है। इससे छोटे-छोटे उद्यमी को रोजगार मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर जनरल, बिहार

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