डाक में बोलीदारों के नहीं पहुंचने से बाइपास बस स्टैंड का नहीं हो पाया बंदोबस्ती
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सीतामढ़ी। एक तरफ नगर निगम आम आदमी से राजस्व संग्रहण करने के लिए हमेशा शिकंजा कसी रहती है। दूसरी ओर सफेद पोस व कतिपय कारणों से राजस्व क्षति होने पर भी निगम प्रशासन आंख बंद की रहती है। नगर निगम बाइपास बस स्टैंड का बीते छह वर्षों से खुले डाक में बोलीदारों के अभाव में बंदोबस्ती नहीं हो पा रही है। इस वर्ष भी मार्च माह में नगर निगम के द्वारा आहुत तीन खुले डाक बंदोबस्ती में बोलीदारों के नहीं पहुंच पाने के कारण बाईपास बस स्टैंड का बंदोबस्ती नहीं हो सका। बंदोबस्ती नहीं होने के कारण नगर निगम विभागीय वसूली करती है। जिसमें नगर निगम को भारी राजस्व की क्षति उठाना पड़ता है। आलम यह है कि डाक बंदोबस्ती के लिए निर्धारित किए गए सुरक्षित राशि का 25 प्रतिशत भी राजस्व का संग्रहण नहीं हो पाता है। वहीं विभागीय वसूली पर सफेद पोश से लेकर निगम कर्मियों तक तरह-तरह के आरोप लगते रहते हैं। इस वर्ष भी कम कर सुरक्षित जमा राशि 19 लाख 89 हजार 304 रुपया निर्धारित किया गया था। जबकि 2023-2024 का राजस्व संग्रहण पांच लाख रुपए के आसपास है।
बस स्टैंड से प्रतिदिन एक लाख रुपए से अधिक आमदनी का आकलन:
बस स्टैंड में स्थानीय लोगों ने बताया बस स्टैंड में प्रतिदिन दो सौ से अधिक बसें विभिन्न स्थानों के लिए खुलती है। जिससे प्रति बस बस स्टैंड में तैनात संग्रहाक के द्वारा 50 रुपाया लिया जाता है। इसके अलावे छोटी बसें, ऑटो, बस स्टैंड परिसर की दुकानें, फुटपाथी दुकानदारों व फल विक्रेताओं से प्रतिदिन आमदनी है। बस स्टैंड में पे एण्ड यूज शौचलय का भी संचालन हो रहा है। लोगों ने बताया यदि ईमानदारी से राजस्व संग्रहण कर निगम के खाते में डाला जाए तो एक से डेढ़ लाख रुपाया जमा हो सकता है। लेकिन निगम प्रशासन बीते छह वर्षों से बस स्टैंड से राजस्व संग्रहण कराने में विफल रही है।
निगम के छह में पांच सैरातों का ही डाक बंदोबस्ती का हो पाया निस्तारण:
मार्च में निगम के द्वारा आहुत खुली डाक बंदोबस्ती में कुल छह सैरातों में मात्र पांच सैरातों का ही बंदोबस्ती का निस्तारण हो सका है। बीते छह वर्षों से बाइपास बस स्टैंड निगम प्रशासन के लिए सरदर्द बना हुआ है।
लोकसभा चुनाव के बाद लिए जाएंगे ठोस निर्णय:
नगर आयुक्त प्रमोद कुमार पाण्डेय ने स्वीकार किया कि बाइपास बस स्टैंड में आने वाली राजस्व का संग्रहण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने नियमानुसार डाक बंदोबस्ती के लिए तीन-तीन खुले डाक का आयोजन किया गया। लेकिन बीते छह वर्षों से डाक में कोई बोलीदार नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने कहा जिसके लिए नगर निगम बोर्ड की अनुमति से बस स्टैंड का सुरक्षित राशि भी कम किया जा चुका है। जिसका भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। नगर आयुक्त ने कहा लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के कारण कोई नया निर्णय लेने में परेशानी आ रही है। चुनाव के बाद बस स्टैंड से शतप्रतिशत राजस्व संग्रहण को लेकर ठोस निर्णय लिए जाएंगे।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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सीतामढ़ी। एक तरफ नगर निगम आम आदमी से राजस्व संग्रहण करने के लिए हमेशा शिकंजा कसी रहती है। दूसरी ओर सफेद पोस व कतिपय कारणों से राजस्व क्षति होने पर भी निगम प्रशासन आंख बंद की रहती है। नगर निगम बाइपास बस स्टैंड का बीते छह वर्षों से खुले डाक में बोलीदारों के अभाव में बंदोबस्ती नहीं हो पा रही है। इस वर्ष भी मार्च माह में नगर निगम के द्वारा आहुत तीन खुले डाक बंदोबस्ती में बोलीदारों के नहीं पहुंच पाने के कारण बाईपास बस स्टैंड का बंदोबस्ती नहीं हो सका। बंदोबस्ती नहीं होने के कारण नगर निगम विभागीय वसूली करती है। जिसमें नगर निगम को भारी राजस्व की क्षति उठाना पड़ता है। आलम यह है कि डाक बंदोबस्ती के लिए निर्धारित किए गए सुरक्षित राशि का 25 प्रतिशत भी राजस्व का संग्रहण नहीं हो पाता है। वहीं विभागीय वसूली पर सफेद पोश से लेकर निगम कर्मियों तक तरह-तरह के आरोप लगते रहते हैं। इस वर्ष भी कम कर सुरक्षित जमा राशि 19 लाख 89 हजार 304 रुपया निर्धारित किया गया था। जबकि 2023-2024 का राजस्व संग्रहण पांच लाख रुपए के आसपास है।
बस स्टैंड से प्रतिदिन एक लाख रुपए से अधिक आमदनी का आकलन:
बस स्टैंड में स्थानीय लोगों ने बताया बस स्टैंड में प्रतिदिन दो सौ से अधिक बसें विभिन्न स्थानों के लिए खुलती है। जिससे प्रति बस बस स्टैंड में तैनात संग्रहाक के द्वारा 50 रुपाया लिया जाता है। इसके अलावे छोटी बसें, ऑटो, बस स्टैंड परिसर की दुकानें, फुटपाथी दुकानदारों व फल विक्रेताओं से प्रतिदिन आमदनी है। बस स्टैंड में पे एण्ड यूज शौचलय का भी संचालन हो रहा है। लोगों ने बताया यदि ईमानदारी से राजस्व संग्रहण कर निगम के खाते में डाला जाए तो एक से डेढ़ लाख रुपाया जमा हो सकता है। लेकिन निगम प्रशासन बीते छह वर्षों से बस स्टैंड से राजस्व संग्रहण कराने में विफल रही है।
निगम के छह में पांच सैरातों का ही डाक बंदोबस्ती का हो पाया निस्तारण:
मार्च में निगम के द्वारा आहुत खुली डाक बंदोबस्ती में कुल छह सैरातों में मात्र पांच सैरातों का ही बंदोबस्ती का निस्तारण हो सका है। बीते छह वर्षों से बाइपास बस स्टैंड निगम प्रशासन के लिए सरदर्द बना हुआ है।
लोकसभा चुनाव के बाद लिए जाएंगे ठोस निर्णय:
नगर आयुक्त प्रमोद कुमार पाण्डेय ने स्वीकार किया कि बाइपास बस स्टैंड में आने वाली राजस्व का संग्रहण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने नियमानुसार डाक बंदोबस्ती के लिए तीन-तीन खुले डाक का आयोजन किया गया। लेकिन बीते छह वर्षों से डाक में कोई बोलीदार नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने कहा जिसके लिए नगर निगम बोर्ड की अनुमति से बस स्टैंड का सुरक्षित राशि भी कम किया जा चुका है। जिसका भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। नगर आयुक्त ने कहा लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के कारण कोई नया निर्णय लेने में परेशानी आ रही है। चुनाव के बाद बस स्टैंड से शतप्रतिशत राजस्व संग्रहण को लेकर ठोस निर्णय लिए जाएंगे।
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