ट्रैफिक नियम तोड़ने में अव्वल ई-रिक्शा वाले, न यात्रियों की जान की परवाह न कानून का डर
नियमों के उल्लंघन की भी अनदेखी नहीं की जा सकती
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पशेल कमिश्नर एस.एस. यादव का कहना है कि जिस तरह लोगों को लास्टमाइल कनेक्टिविटी मुहैया कराने में ई-रिक्शों के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, उसी तरह ई-रिक्शा चालकों द्वारा किए जा रहे नियमों के उल्लंघन की भी अनदेखी नहीं की जा सकती है। सड़कों पर चलने के लिए अनुशासन और ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी है, चाहे वो कोई भी वाहन हो। इस मामले में ई-रिक्शों को लेकर शिकायतें बहुत बढ़ती जा रही हैं। खासतौर से ई-रिक्शों की अनधिकृत पार्किंग की वजह से ट्रैफिक के मूवमेंट और लोगों की आवाजाही के बाधित होने की काफी शिकायतें आने लगी है। इसके अलावा प्रतिबंधित सड़कों व हाईस्पीड कॉरिडोर्स पर ई-रिक्शों के चलने की वजह से एक्सिडेंट्स का खतरा भी बढ़ रहा है। उसी को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस की टीमों को निर्देश दिया गया है कि ई-रिक्शों के नियम के लिए वे रूल तोड़ने वाले रिक्शा चालकों के खिलाफ नियमित रूप से एक्शन लें। स्पेशल कमिश्नर ने बताया कि इस संबंध में ट्रांसपोर्ट विभाग को भी पत्र लिखकर कहा गया है कि वे ई-रिक्शों के मानकीकरण और नियमन के लिए सख्त नियम बनाएं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ सड़कों पर अनुशासन भी कायम किया जा सके।
खुलेआम नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
ट्रैफिक पुलिस से मिले आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन सालों के दौरान ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ लिए गए एक्शन में ढाई गुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई। 2020 में जहां सालभर में केवल 25 हजार ई-रिक्शों के चालान कटे थे, वहीं 2022 में करीब 90 हजार ई-रिक्शों के चालान काटे गए। इस साल भी 87 हजार से ज्यादा चालान तो 15 अगस्त तक ही कट चुके हैं। ऐसे में अनुमान है कि ई-रिक्शों के चालान का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच सकता है, जो अब तक के सर्वाधिक चालान होंगे। हालांकि, रिक्शों को जब्त करने की संख्या में थोड़ी कमी आई है, जो इस बात का संकेत है कि सख्ती बढ़ने के बाद ई-रिक्शा चालक रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और फिटनेस जांच कराने को लेकर सजग हुए हैं।
एक्सिडेंट्स में होने वाली सवारियों की मौत के मामले बढ़े
ई-रिक्शों पर सख्ती इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि एक्सिडेंट्स में होने वाली सवारियों की मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं। दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे ई-रिक्शे भी चल रहे हैं, जिनका न तो रजिस्ट्रेशन हुआ है और ना उनके पास वेलिड इंश्योरेंस और फिटनेस सर्टिफिकेट है। ऐसे रिक्शे में बैठी किसी सवारी की अगर एक्सिडेंट में मौत हो जाती है, तो मृतक को इंश्योरेंस क्लेम मिलने में भी दिक्कत हो सकती है। ई-रिक्शों के रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और फिटनेस जांच से जुड़े नियमों के पालन को सुनिश्चित करने में दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग का रवैया भी बहुत ढीला है, जिसका फायदा उठाकर बड़ी संख्या में अवैध ई-रिक्शे चलने लगे हैं। विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अगर 100 नए ई-रिक्शे रजिस्टर्ड होते हैं, तो उसमें से 10 भी नियमों के अनुसार सालाना फिटनेस जांच नहीं कराते हैं। इसके बावजूद ट्रांसपोर्ट विभाग ऐसे रिक्शों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेता है।