ट्रैक पर जहां होर्डिंग मिली, वहां नशेड़ियों का अड्डा: लखनऊ में हमसफर ट्रेन पलटने से बची; इंजन में फंसा स्ट्रक्चर – Lucknow News

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ट्रैक पर जहां होर्डिंग मिली, वहां नशेड़ियों का अड्डा:  लखनऊ में हमसफर ट्रेन पलटने से बची; इंजन में फंसा स्ट्रक्चर – Lucknow News
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ट्रैक पर जहां होर्डिंग मिली, वहां नशेड़ियों का अड्डा: लखनऊ में हमसफर ट्रेन पलटने से बची; इंजन में फंसा स्ट्रक्चर – Lucknow News

लखनऊ में एक बार फिर से ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई। 6 महीने में यह चौथी ऐसी घटना है, जब रेलवे ट्रैक पर कोई सामान रखा मिला। इस बार लोहे का बड़ा स्ट्रक्चर रखा था। आनंद विहार से गोरखपुर जा रही हमसफर एक्सप्रेस (12572) पलटने से बच गई।

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घटना, रविवार तड़के 3:20 बजे की है। ट्रेन लखनऊ से गुजर रही थी, इसी दौरान मल्हौर स्टेशन के पास ट्रैक पर लोहे की होर्डिंग का स्ट्रक्चर रखा मिला। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हादसे का टाला था। स्ट्रक्चर का कुछ हिस्सा इंजन में भी फंस गया था। यह स्ट्रक्चर मल्हौर स्टेशन के पास पोल- 1087/10-12 के पास रखा गया था।

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रेलवे ट्रैक पर इतना बड़ा लोहे का स्ट्रक्चर कहां से इसकी पड़ताल के लिए NEWS4SOCIALरिपोर्टर ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। यहां ट्रैक के दोनों ओर घने झाड़ और जंगल हैं। ऐसे में यह साफ है कि यह स्ट्रक्चर ट्रैक के बीचोंबीच किसी ने जानबूझकर रखा था। यहां पर नशेड़ियों का अड्‌डा भी है। वो यहां ट्रैक किनारे बैठकर गांजा और स्मैक भी पीते हैं।

पहले घटनास्थल की 3 तस्वीरें देखिए…

पटरी पर बैठकर नशा करते दो युवक। इन्होंने अपने साथ नशे के साथ पैकेज्ड पानी भी ले रखा था।

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घटनास्थल से थोड़ी दूर पर एक कर्मचारी पटरी की क्लिप हटाकर मरम्मत कर रहा है।

खरगापुर के अपोजिट साइड पर रेलवे ट्रैक पर मजदूर काम कर रहे हैं।

अब ग्राउंड जीरो पर जो दिखा…

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रेलवे ट्रैक के दोनों ओर झाड़ियां-जंगल

दैनिक NEWS4SOCIALरिपोर्टर सोमवार दोपहर लोगों और कर्मचारियों से पूछते उस खंभे के पास पहुंचा जहां हमसफर एक्सप्रेस के सामने स्ट्रक्चर मिला था। जिस जगह पर स्ट्रक्चर रखा गया था, वह पूरी तरह से सुनसान इलाका है। वहां तक पहुंचने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं है। दोनों ओर घने झाड़ और जंगल है। इस बात से साफ है कि यह साजिश किसी ऐसे व्यक्ति ने रची, जिसे इलाके की पूरी जानकारी थी और जो यह जानता था कि इस जगह पर किसी की नजर जल्दी नहीं पड़ेगी।

10 फीट लंबा, 8 फीट चौड़ा एक मजबूत स्ट्रक्चर पड़ा मिला।

ट्रैक के बगल में ‘फुल टाइम नशा स्पॉट’

जहां ये पूरी घटना हुई वहां घनी झाड़ियां, ऊबड़-खाबड़ रास्ता और ट्रैक से सटी वीरानी इस जगह को नशेड़ियों के लिए ‘सेफ जोन’ बना देती है। रेलवे लाइन के बिल्कुल किनारे इन झाड़ियों के बीच यह ‘फुल टाइम नशा स्पॉट’ बन चुका है।

स्थानीय लोगों ने कैमरे पर बोलने से मना कर दिया लेकिन ऑफ दे रिकॉर्ड बताया कि “ये लड़के यहां रोज शाम होते ही बैठ जाते हैं। गांजा-शराब सब चलता है। कई बार झगड़ा भी हो चुका है। पुलिस आती है, घूमती है और चली जाती है।”

इसी पोल के पास पटरी पर स्ट्रक्चर रखा था। यहां तक पहुंचने के लिए कोई आम रास्ता नहीं है। आसपास केवल झाड़ियां हैं।

रेलवे ट्रैक किनारे नशा करते मिले दो युवक

दोपहर करीब 2 बजे हमने देखा कि घटनास्थल से 100 कदम दूरी पर ट्रैक किनारे दो युवक नशा करते मिले। इन युवकों की हालत देखकर साफ पता चल रहा था कि वे लंबे समय से यहां बैठकर नशा कर रहे हैं। उनकी आंखें लाल थीं, हाथों में खुद से बनाए गए कागज के रोल और बीड़ियां थीं।

गांजे की तेज गंध निकल रही थी। इनके पास प्लास्टिक की छोटी थैलियों में चूरन जैसा पदार्थ भी पड़ा था। यहां चारों तरफ दूर-दूर तक झाड़ियां ही झाड़ियां हैं। इनके अंदर कौन छिपा है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

रेलवे कर्मचारी बोले- “ट्रैक के पास अक्सर मंडराते हैं नशेड़ी

दोपहर करीब 1 बजे रिपोर्टर खरगापुर क्रॉसिंग से लगभग 1 किलोमीटर दूर घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा कि ट्रैक पर 10-12 रेलवे कर्मचारी मरम्मत में जुटे थे। इनमें से एक वरिष्ठ कर्मचारी तुलसीराम मिले। वह पिछले 9 साल से ट्रैक मेंटेनेंस का काम कर रहे हैं। उन्होंने चिंता भरे लहजे में कहा कि जिस इलाके में घटना हुई, वहां अक्सर रात में नशे में धुत युवक मंडराते रहते हैं।

ये रेलवेकर्मी तुलसीराम हैं। इन्होंने बताया कि यह इलाका नशेड़ियों का अड्डा है। यहां रात में रोशनी की व्यवस्था भी नहीं है।

तुलसीराम ने कहा- ये लड़के झाड़ियों में छिपकर गांजा पीते हैं, शराब पीते हैं। कभी-कभी तो पटरियों के बीच ही लेटे हुए मिलते हैं। कई बार हमारे साथी मजदूरों को धमका भी चुके हैं। ट्रैक के पास रोशनी नहीं है, न ही कोई सुरक्षा गार्ड होता है। रात की शिफ्ट में जब हम मरम्मत के लिए जाते हैं, तो टॉर्च की रोशनी और वॉकी-टॉकी के सहारे ही काम करना पड़ता है।

स्टेशन मास्टर बोले- वॉकी-टॉकी पर ड्राइवर ने दी थी जानकारी

मल्हौर स्टेशन के स्टेशन मास्टर बीके शुक्ला से दैनिक NEWS4SOCIALने बात करने की कोशिश की। उन्होंने कैमरे पर बोलने से इनकार कर दिया लेकिन बताया- “रात में ट्रेन मूव नहीं कर रही थी। कंट्रोल रूम से स्थिति देखी जा रही थी। तभी ड्राइवर ने वॉकी-टॉकी पर बताया कि इंजन में लोहे का भारी स्ट्रक्चर फंस गया है। गार्ड और ड्राइवर ने उसे निकाला, तब ट्रेन आगे बढ़ सकी।”

FIR दर्ज, जांच में जुटी RPF और पुलिस

घटना के तुरंत बाद RPF और सिविल पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। गोमतीनगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच अधिकारी उपनिरीक्षक अमरनाथ चौरसिया को बनाया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और आसपास के इलाकों में पूछताछ कर रही है।

तीन महीने में चौथी बार साजिश

यह पहली बार नहीं है जब लखनऊ में ट्रैक पर जानलेवा साजिश की गई हो। बीते दो महीने में इस तरह की चार घटनाएं सामने आ चुकी हैं…

24 मार्च को दलेर नगर में ट्रैक पर लोहे का रॉड रखा गया था।

24 मार्च : दलेर नगर में ट्रैक पर लोहे और लकड़ी का टुकड़ा रखा गया था।

17 अप्रैल को रहीमाबाद के पास रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा रखा गया था।

17 अप्रैल : दिलावर नगर और रहीमाबाद के बीच गरीब रथ ट्रेन के सामने ढाई फीट लंबा और 6 इंच मोटा लकड़ी का टुकड़ा रख दिया गया। (पूरी खबर पढ़िए)

24 अप्रैल को उतरेठिया में ट्रैक पर लोहे का दरवाजा रखा मिला था।

24 अप्रैल : उतरेठिया में ट्रैक पर लोहे का दरवाजा मिला। (पूरी खबर पढ़िए)

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