झुंझुनूं 30 ग्राम पंचायतों में शुरू होंगे बर्तन बैंक: राज्य में एक हजार पंचायतों में शुरू होंगे बैंक, प्लास्टिक मुक्त गांवों की ओर बड़ा कदम, झुंझुनूं से ही निकला था यह कन्सेप्ट – Jhunjhunu News h3>
झुंझुनूं 30 ग्राम पंचायतों में शुरू होंगे बर्तन बैंक
राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत पहले चरण में प्रदेश की 1000 ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक खोले जाएंगे। झुंझुनूं जिले की 30 ग्राम पंचायतों का पहले चरण में चयन किया गया है। खास
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तीन रुपए में मिलेगा एक सेट
इन बर्तन बैंकों से ग्रामीणों को बर्तन मुफ्त में नहीं, बल्कि मामूली शुल्क पर उपलब्ध कराए जाएंगे। एक सेट बर्तनों के लिए मात्र तीन रुपए देने होंगे।बर्तन बैंक योजना का उद्देश्य गांवों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करना और स्वच्छता को बढ़ावा देना है।
एक एक लाख रुपए की राशि मंजूर
सरकार ने हर ग्राम पंचायत को इस योजना के लिए एक-एक लाख रुपए की राशि मंजूर की है। प्रत्येक पंचायत में 400 बर्तनों के सेट रखे जाएंगे।
एक सेट में तीन कटोरी, एक गिलास, एक थाली और एक चमच शामिल होंगे। इन बर्तनों पर ग्राम पंचायत का नाम और “स्वच्छ भारत मिशन” अंकित होगा।
शेखावाटी में 81 ग्राम पंचायतों का चयन
शेखावाटी क्षेत्र के सीकर, चूरू और झुंझुनूं जिलों में इस योजना के तहत 81 बर्तन बैंक खोले जाएंगे। झुंझुनूं जिले की 30 ग्राम पंचायतों का पहले चरण में चयन किया गया है। योजना के संचालन और निगरानी की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों को सौंपी जाएगी। इसके लिए ग्राम पंचायतों और समूहों के बीच एमओयू किया जाएगा। बर्तनों की देखरेख, मरम्मत और रख-रखाव की जिम्मेदारी भी इन्हीं समूहों की होगी।
योजना गाइड लाइन जारी
स्वच्छ भारत मिशन निदेशालय के शासन सचिव एवं आयुक्त जोगाराम और राज्य मिशन निदेशक सलोनी खेमका ने योजना की गाइडलाइन जारी की है। नियमों के अनुसार, बर्तन पांच वर्षों बाद बदले जा सकेंगे। बर्तन खोने या टूटने की स्थिति में उपयोगकर्ता से भरपाई की जाएगी। हालांकि बीपीएल, अनुसूचित जाति, जनजाति, दिव्यांग आदि वर्गों को बर्तनों के किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
झुंझुनूं से ही निकला था यह कॉन्सेप्ट
झुंझुनूं जिले के लाबी अहीर गांव की सरपंच नीरू यादव ने सबसे पहले अपनी ग्राम पंचायत में बर्तन बैंक स्थापित कर एक नई पहल की थी। इस पहल को राज्य सरकार तक पहुंचाया। इस बाद इस कॉन्सेप्ट पर पूरे राज्य में बर्तन बैंक शुरु की गई है।
झुंझुनूं लांबी अहीर ग्राम पंचायत में पहले से ही एक बर्तन बैंक चल रहा है, जहां ग्रामीणों से एक भी रुपया नहीं लिया जाता। उन्हें न केवल थाली, कटोरी, चमच, गिलास बल्कि बाल्टी, डोंगे, भगोने जैसे बड़े बर्तन भी मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं। इस पहल में एक एनजीओ और ग्रामीणों का भी सहयोग रहता है।
उद्देश्य गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाना
जिला समन्वयक अधिकारी सुमन चौधरी ने बताया कि यह एक सराहनीय पहल है। वर्तमान में गांवों में सबसे अधिक गंदगी सिंगल यूज प्लास्टिक की होती है, जो शादी या अन्य समारोहों के बाद गांवों में फैल जाती है। बर्तन बैंक के जरिए इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा। योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है।
सरकार द्वारा बजट में की गई घोषणा के अनुरूप यह योजना लागू की जा रही है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीणों को जागरूक करने में भी मदद मिलेगी। बर्तन बैंक के जरिए सरकार स्वच्छ भारत मिशन को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।