झुंझुनूं में विधायक-कलेक्टर ने जोहड़े में चलाया फावड़ा, सफाई की: वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान का समापन; जीतमल के जोहड़े का कायाकल्प – Jhunjhunu News h3>
जिले में चल रहे ‘वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान’ का शुक्रवार को जीतमल का जोहड़ा पर श्रमदान कार्यक्रम के साथ समापन हुआ। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमजन, अधिकारी और भाजपा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया
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झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भाम्बू ने जीतमल का जोहड़ा के पुनर्जीवन के लिए अपने विधायक कोष से 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
जीतमल का जोहड़ा पर श्रमदान करते जिला कलेक्टर रामावतार मीणा और विधायक राजेंद्र भाम्बू
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने जल संरक्षण को सामाजिक दायित्व और भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित रखने का माध्यम बताया। उन्होंने ‘वंदे गंगा’ जैसे अभियानों की सराहना करते हुए समाज में चेतना लाने और परंपरागत जल स्रोतों को संजीवनी देने पर जोर दिया।
श्रमदान से संवरा ऐतिहासिक जीतमल का जोहड़ा
अभियान के अंतिम दिन जीतमल का जोहड़ा पर सघन सफाई, गाद हटाने और गहरीकरण का कार्य किया गया। इस दौरान फावड़े, तसले और झाड़ू लिए युवाओं, महिलाओं, स्कूली विद्यार्थियों और समाजसेवियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ‘जल ही जीवन है’, ‘जल बचाओ – भविष्य बचाओ’ जैसे नारे गूंज उठे, जिन्होंने पूरे वातावरण को जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनाया।
भाजपा नेताओं मुकेश दाधीच, हर्षिनी कुलहरी और अन्य कार्यकर्ता जोहड़े में किया श्रमदान
जनप्रतिनिधियों ने दिया सहयोग और प्रेरणा
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर रामावतार मीणा, नगर परिषद आयुक्त दलीप पूनियां, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भाम्बू, भाजपा जिलाध्यक्ष हर्षिनी कुलहरी और अभियान के जिला संयोजक विशंभर पूनिया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
वंदे गंगा’ अभियान का पेड़ लगाकर किया समापन
जनभागीदारी और जन-जागरण का प्रतीक बना अभियान
अभियान के जिला संयोजक विशंभर पूनिया ने बताया कि ‘वंदे गंगा’ अभियान के तहत जिले के कई जल स्रोतों की सफाई, गहरीकरण और पुनर्जीवन का कार्य किया गया। जीतमल का जोहड़ा इसका एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा। इस अभियान का उद्देश्य केवल श्रमदान तक सीमित नहीं था, बल्कि जल संरक्षण के प्रति आमजन को प्रेरित करना और समाज में जनभागीदारी के महत्व को रेखांकित करना भी था। ‘वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान’ का यह समापन जिले में जल चेतना के नवप्रकाश के रूप में सामने आया है।