झालावाड़ रोडवेज डिपो में आई नई जान: नए मुख्य प्रबंधक की मेहनत रंग लाई, यात्री भार और राजस्व में बढ़ोतरी – jhalawar News h3>
झालावाड़ रोडवेज डिपो के यात्री भार और राजस्व में बढ़ोतरी।
झालावाड़ रोडवेज डिपो में नए मुख्य प्रबंधक पवन कुमार सैनी की नियुक्ति के बाद डिपो की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में यात्री संख्या और राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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डिपो प्रबंधन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चालक-परिचालकों को निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। बसों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। टिकट चेकिंग को और अधिक कड़ा किया गया है, जिसमें बिना टिकट यात्रा करने वालों पर पैसेंजर फॉल्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
प्रबंधन टीम जिले के उन मार्गों का सर्वे कर रही है जहां यात्री भार अधिक है लेकिन रोडवेज की सेवाएं अपर्याप्त हैं। मुख्य प्रबंधक ने यह भी आश्वासन दिया है कि पूर्व में अन्य डिपो में स्थानांतरित की गई बसों और शेड्यूल को वापस झालावाड़ डिपो में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्य प्रबंधक पवन कुमार सैनी, झालावाड़ के प्रयासों को मिली सफलता।
स्टाफ और अधिकारियों की कड़ी मेहनत के कारण, सीमित संसाधनों के बावजूद लक्ष्य के अनुसार बसों का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है। प्रबंधन का प्राथमिक फोकस डिपो की समग्र कार्यक्षमता में सुधार लाना है, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें।
इस प्रकार से मिल रहा राजस्व ओर यात्री भार मुख्य प्रबंधक सैनी ने बताया कि वर्तमान शेड्यूल के माध्यम से साल 2025 में जनवरी के दूसरे पखवाड़े में 16 से 31 जनवरी के बीच यात्री भार का 90 प्रतिशत लक्ष्य को पीछे छोड़ते हुए 97 प्रतिशत लक्ष्य अर्जित किया है। जबकि पिछले साल जनवरी माह 2024 की अपेक्षा वर्तमान में 24 प्रतिशत यात्री भार में वृद्धि हुई है।
निगम के अनुसार साल 2024 फरवरी में 1 से 11 तारीख तक 78 प्रतिशत यात्री भार था जो साल साल 2025 में 1 से 11 फरवरी तक 107 प्रतिशत अर्जित किया है। मतलब 29 प्रतिशत यात्री भार में वृद्धि हुई है। जबकि 2024 में अधिक बसों के बाद भी यात्री भार कम रहा है।
जनवरी 2024 में अधिक गाड़ियों से 2.17 लाख किमी संचालन के बाद अर्जित आय 69.97 लाख थी, 2025 में बसों की संख्या कम होने के कारण 1.92लाख किलोमीटर संचालन कर 82.09लाख की आय फरवरी के इन 11 दिनों में आगार ने अर्जित कर ली गई है,मतलब बसों की संख्या कम होने के बावजूद पिछले साल फरवरी माह में अर्जित आय की बजाय इन 11 दिनों में ही लगभग 11 लाख रुपए का अतिरिक्त आय आगार की ओर से अर्जित कर ली गई है। जो कि वर्तमान में झालावाड़ आगार में किए जा रहे प्रयासों का परिणाम है।