झांसी स्टेशन के ओवरब्रिज पर हुआ बच्ची का जन्म: रेलवे और आर्मी के डॉक्टर के साथ टिकट चेकिंग स्टाफ ने भी निभाया इंसानियत का धर्म – Jhansi News

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झांसी स्टेशन के ओवरब्रिज पर हुआ बच्ची का जन्म:  रेलवे और आर्मी के डॉक्टर के साथ टिकट चेकिंग स्टाफ ने भी निभाया इंसानियत का धर्म – Jhansi News
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झांसी स्टेशन के ओवरब्रिज पर हुआ बच्ची का जन्म: रेलवे और आर्मी के डॉक्टर के साथ टिकट चेकिंग स्टाफ ने भी निभाया इंसानियत का धर्म – Jhansi News

स्टेशन के ओवर ब्रिज पर जन्मी बच्ची के साथ डॉक्टर और टिकट चेकिंग स्टाफ

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झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन के ओवर ब्रिज पर महिला यात्री की रेलवे के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और महिला टिकट चेकिंग कर्मियों ने डिलीवरी कराई है। इसके बाद दोनों को आगे की देखभाल के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। इसमें संयोगवश स्टेशन पर मौजूद आर्म

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प्रसव के बाद बच्ची को गोद में संभाले महिला टीटीई

दरअसल, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के आसपुर गांव का रहने वाला अखिलेश कुमार और उसकी पत्नी राजकुमारी कानपुर में रहकर रेलवे के ठेकेदार के पास काम करते हैं। बीते दो महीने से दोनों ठेकेदार के पास काम करते रहे। यहां गर्भवती राजकुमारी को कानपुर में डॉक्टर ने डिलीवरी की डेट दी थी। अखिलेश ने बताया कि वह इस बात को लेकर निश्चिंत था कि उन दोनों के काम के एक महीने के 30 हजार रुपए ठेकेदार पास बकाया हैं।

कुलियों की मदद से बच्ची और मां को एम्बुलेंस में बिठाने आईं महिला टीटीई

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जब पत्नी की डिलीवरी के समय जरूरत पड़ेगी तो पैसे ले लेगा। लेकिन ऐन मौके पर ठेकेदार ने पैसे देने से इंकार कर दिया। इसके बाद उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे। उसने अपनी मौसी से किराए के पैसे उधार लिए और गर्भवती पत्नी के साथ झांसी आने के लिए गोरखपुर-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में सवार हो गया।

यहां ट्रेन जैसे ही झांसी पहुंची तो राजकुमारी को प्रसव पीड़ा होने लगी। इस पर रेलवे से दूसरे यात्री ने दर्द से तड़प रही राजकुमारी के लिए मदद मांगी। यहां जैसे ही रेलवे के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने रेल के डॉक्टर सुजीत कुमार, नर्स और आया को स्टेशन भेजा। महिला इससे पहले की प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर आ पाती, उसकी हालत ओवर ब्रिज पर ही विगड़ने लगी।

बच्ची को उसके परिजन को सौंपतीं टिकट चेकिंग कर्मी

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यह देख डॉक्टर ने ब्रिज पर ही महिला टिकिट चेकिंग स्टाफ, रेलवे अस्पताल की नर्स और आर्मी के डॉक्टर मेजर रोहित की मदद से ब्रिज पर ही महिला की डिलीवरी करा दी। यहां रेल प्रशासन ने मदद के लिए महिला टिकट चेकिंग कर्मी लिली कुशवाहा, राखी कुशवाहा, ज्योतिका साहू और कविता अग्रवाल को भी प्लेटफॉर्म नंबर 2 की लिफ्ट के पास ओवर ब्रिज पर गर्भवती के पास तुरंत भेज दिया।

रेलवे डॉक्टर, स्टाफ और आर्मी के डॉक्टर मेजर रोहित की मदद से महिला ने एक स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया। स्टेशन पर जिसने भी रेल स्टाफ, कुली और डॉक्टर्स का समर्पण देखा वह तारीफ करते नहीं थका।

मां और बच्ची को आगे की देखभाल के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां से रविवार को वह अपने घर चले गए

मेडिकल कॉलेज की नर्स ने किया पेशे को शर्मशार

स्टेशन पर मौजूद रेलवे और आर्मी डॉक्टर, रेलवे चिकित्सा स्टाफ, टिकट चेकिंग स्टाफ और कुलियों ने जिस प्रकार महिला को अपने परिवार की तरह सहारा दिया, वह मानवता की मिसाल बन गया। लेकिन दूसरी तरफ झांसी मेडिकल कॉलेज की एक नर्स ने अस्पताल की साख पर धब्बा लगा दिया।

अस्पताल में बच्ची को दुलार करता पिता

स्टेशन पर सुरक्षित प्रसव कराने के बाद डॉक्टर ने मां और बच्ची को बेहतर देखभाल के लिए हायर सेंटर में भर्ती कराने की सलाह दी और एम्बुलेंस से दोनों को मेडिकल कॉलेज भिजवाया। लेकिन यहां एक नर्स ने राजकुमारी को देखने से भी इंकार कर दिया। नर्स का कहना था कि प्रसूता के कपड़ों से बदबू आ रही है, इसलिए वह उसके पास भी नहीं जाएगी और न ही उसकी देखभाल करेगी। इसके बाद उसे जिला महिला अस्पताल लाकर भर्ती किया गया।

झांसी स्टेशन

एक दिन में दो बच्चियों के हुआ जन्म

एक अन्य महिला ने भी झांसी स्टेशन पर बच्ची को जन्म दिया है। यहां पनवेल से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के लिए यात्रा कर रही गर्भवती को झांसी स्टेशन पर प्रसव पीड़ा होने लगी। जिसके बाद रेलवे डॉक्टर और महिला टिकट चेकिंग स्टाफ ने उसका भी सुरक्षित प्रसव कराया।

रेलवे पीआरओ मनोज कुमार सिंह

वहीं, इसको लेकर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि झांसी स्टेशन पर हमारे हॉस्पिटल के डॉक्टर सुजीत, नर्सिंग स्टाफ और आर्मी के डॉक्टर ने हर काम को दरकिनार कर सबसे पहले मानवता का धर्म निभाया। इतना ही हमारे ही स्टाफ में शामिल लिली कुशवाहा ने बच्ची को सुरक्षित रखने के लिए अपनी यूनिफॉर्म पर भी ध्यान नहीं दिया।

ये हमारे लिए खुशी की बात है, जो यहां दो बार किलकारी गूंजी। उन्होंने इस बात का भी खंडन किया कि अकेले आर्मी के डॉक्टर ने प्रसव कराया। बोले, रेलवे के डॉक्टर ने प्रसव कराया है। हालांकि, आर्मी के डॉक्टर संयोगवश वहां मौजूद थे तो उन्होंने भी सहायता की है।

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