झांसी में 110 की स्पीड पर हुआ सफल स्पीड ट्रायल: NCR के प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर रहे इंजन पर सवार, सिंग्नल से लेकर विद्युत उपकरण परखे – Jhansi News h3>
नए ट्रैक पर ट्रायल सफल रहने के बाद प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के साथ कार्य को पूरा करने वाली टीम के सदस्य
झांसी मंडल के टेहरका-बरुआसागर के बीच बिछाई गई नई दूसरी लाइन और उस पर किए गए इलेक्ट्रिफिकेशन को परखने प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर झांसी पहुंचे।
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स्पीड ट्रायल के दौरान ट्रेन की स्पीड बताता स्पीडो मीटर
यहां उन्होंने नई रेल लाइन का बारीकी से परीक्षण करते हुए उसे हर पहलू पर परखा। इसके बाद ट्रेन के इंजन में बैठकर स्पीड ट्रायल भी कराया गया। अब इस लाइन का अंतिम परीक्षण CRS करेंगे। उनकी मंजूरी के बाद ही ट्रैक पर ट्रेन चलाई जा सकेंगी।
ट्रैक के इलेक्ट्रिफिकेशन की जानकारी लेते अधिकारी
बता दें कि झांसी मंडल के दिल्ली, मुम्बई और कानपुर रेलमार्ग का दोहरीकरण और तीसरी लाइन का काम हो चुका है। यहां ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो चुका है। अब केवल झांसी-प्रयागराज रेलमार्ग पर ही दोहरीकरण का काम रह गया है। इसे भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब टेहरका-बरुआसागर के बीच 22 किलोमीटर लंबा रेल ट्रैक शुरू करने की तैयारी है।
पटरी का तकनीकी परीक्षण कराते प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यतेंद्र कुमार
लेकिन इससे पहले इस ट्रैक को सभी कसौटी पर कसा जा रहा है। बुधवार को NCR (नॉर्थ सेंट्रल रेलवे) के प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यतेंद्र कुमार ने पूरे ट्रैक का बारीकी से निरीक्षण किया। इसके बाद यहां स्थापित सभी ट्रैक्शन, बिजली के पोल, सिग्नल, साइनबोर्ड, ट्रैक की राइडिंग क्वालिटी समेत अन्य कामों का गहराई से निरीक्षण किया।
इंस्पेक्शन ट्रेन से उतर कर पटरी जांचते अधिकारी
110 KMPL की स्पीड से दौड़ा बिजली इंजन
नए रेल ट्रैक का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यतेंद्र कुमार ने यहां ट्रैक पर ट्रेन का स्पीड ट्रायल भी कराया। इसके लिए बिजली से चलने वाला इंजन इस्तेमाल किया गया, जिसे अधिकतम 110 किलोमीटर प्रतिघटना की रफ्तार से दौड़ाया गया। इस दौरान प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यतेंद्र कुमार भी उसमें सवार रहे।
अधिकारियों से बातचीत कर जानकारी लेते प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर
अब दो दिन होगा CRS का निरीक्षण
बुधवार को प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने अपने निरीक्षण में बिजली के सभी उपकरण और ट्रेन संचालन के लिए दी जाने बिजली की व्यवस्था को रेल संचालन के लिए मुफीद माना है। लेकिन अभी इस ट्रैक पर तबतक ट्रेन नहीं चलाई जाएगी, जबतक CRS (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) इसे मंजूरी नहीं दे देते। इसके लिए रेल मंडल ने CRS को निरीक्षण के लिए आमंत्रित किया है। CRS आज यानी 12 और 13 जून को यहां निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही स्पीड ट्रायल करा कर ये भी सुनिश्चित करेंगे कि नए ट्रैक पर किस रफ्तार से ट्रेन चलाई जानी चाहिए। इसके बाद वह स्पीड लिमिट तय कर ट्रेन संचालन को मंजूरी देंगे, तभी पैसेंजर ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकेगा।
ट्रैक और इलेक्ट्रिफिकेशन का काम करने वाली अधिकारी व कर्मचारियों की टीम के साथ प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यतेंद्र कुमार
ये अधिकारी भी रहे निरीक्षण में शामिल
टेहरका-बरुआसागर के बीच दोहरीकरण का निरीक्षण करने प्रयागराज मुख्यालय से प्रधान मुख्य बिजली अभियंता/निर्माण डीबी सिंह, उप मुख्य बिजली अभियंता/ निर्माण आरआर लाज़ारस, वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर/ओपी शिवम श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर / सामान्य एपी गौतम, वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर/टीआरडी सतबीर सिंह, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं टेलिकॉम इंजीनियर नरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ बिजली इंजीनियर/निर्माण वीरेंद्र कुटार, सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी एके मिश्र आदि मौजूद रहे।