ज्ञानवापी-मूलवाद में वादमित्र हटाने की याचिका पर 16 को सुनवाई: अनुष्का तिवारी का दावा-वादमित्र विफल रहे, कोर्ट कमिशनर नियुक्त करने की मांग – Varanasi News

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ज्ञानवापी-मूलवाद में वादमित्र हटाने की याचिका पर 16 को सुनवाई:  अनुष्का तिवारी का दावा-वादमित्र विफल रहे, कोर्ट कमिशनर नियुक्त करने की मांग – Varanasi News
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ज्ञानवापी-मूलवाद में वादमित्र हटाने की याचिका पर 16 को सुनवाई: अनुष्का तिवारी का दावा-वादमित्र विफल रहे, कोर्ट कमिशनर नियुक्त करने की मांग – Varanasi News

वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय के सिविल जज कोर्ट में सोमवार को ज्ञानवापी मूलवाद की सुनवाई हुई। सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज भावना भारती की अदालत में लॉर्ड विश्वेश्वर के केस के पक्षकार और प्रतिवादी पेश हुए।

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इस मामले में मुकदमे के वादी रहे हरिहर पांडेय के निधन के बाद उनकी बेटियों मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा और रेनू पांडेय की ओर से पक्षकार बनाए जाने का प्रार्थना पत्र पर जिरह हुई। इस वाद में एक अर्जी अनुष्का तिवारी की ओर से भी दाखिल की गई है। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए सुनवाई और ऑर्डर के लिए 16 मई की तारीख तय की।

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सुनवाई से पहले अनुष्का तिवारी ने वाद मित्र को हटाने के लिए आवेदन दाखिल कर दिया। संख्या 575-सी में बताया गया कि वह ऑर्डर है। दलील दी कि नियम 8 सीपीसी के तहत दायर वर्तमान प्रतिनिधि वाद में आवश्यक और उचित पक्षों को पक्षकार बनाने में वाद मित्र विफल रहे हैं।

विशेष रूप से, वाद मित्र ने उन पक्षों ( राज्य सरकार,भारत सरकार और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट) को छोड़ दिया है जो वर्तमान में विवादित धार्मिक संपत्ति पर कब्जा, प्रबंधन या सक्रिय पूजा कर रहे हैं, और जिनके अधिकार और हित कार्यवाही के परिणाम से सीधे प्रभावित होते हैं।

वाराणसी के सबसे चर्चित ज्ञानवापी केस के मूलवाद में 33 साल बाद भी अवरोध आते जा रहे हैं और मूलवाद में गवाही, जिरह के बाद अब पक्षकार के लिए दाखिल याचिकाएं लेटलतीफी का कारण बन रही हैं। पहले हरिहर पांडे के परिजनों ने वादी बनने की अपील दायर की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अब उनकी बेटियों के बाद एक अन्य अनुष्का तिवारी ने वादमित्र को हटाने की याचिका दी है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में सोमवार दोपहर वादी की बेटियों की ओर से आशीष श्रीवास्तव ने बहस की।

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शंकराचार्य को वादमित्र बनाने की अपील

इसमें लघु देवता वादी, स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर की प्राचीन मूर्ति के वाद मित्र के रूप में विजय शंकर रस्तोगी को हटाने की मांग की गई है। इस मामले वादी रहे सभी की मृत्यु हो चुकी है। पंडित सोमनाथ व्यास (पुजारी) का निधन 7 मार्च 2000 को हो गया था। उनके निधन के बाद 11 अक्तूबर 2019 को विजय शंकर रस्तोगी को मुकदमे में देवता के हित का प्रतिनिधित्व जारी रखने के लिए देवता स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर के अगले मित्र के रूप में नियुक्त किया गया था।

तबादला आवेदन का विरोध करके देवता के अनेक भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। अनुष्का ने प्रस्तावित वाद मित्र के रूप में जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती विश्वंभर नाथ मिश्रा (संकट मोचन मंदिर के महंत), विष्णु शंकर जैन, अश्विनी कुमार उपाध्याय के नाम पर गुहार लगाई है। कमीशन प्रार्थना पत्र अधिवक्ता शिवपूजन सिंह गौतम ,शरद श्रीवास्तव और हिमांशु तिवारी द्वारा दाखिल किया गया

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