'जो भी हुआ उसके लिए खेद है लेकिन बदलाव नहीं होगा', UWW अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने विनेश मामले पर रखा अपना पक्ष h3>
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए गए मामले पर अपना पक्ष रखा है। उनका मानना है कि विनेश के साथ जो हुआ वह नियम के तहत किया गया है और संस्था अपने नियमों में बदलाव के खिलाफ है। युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के प्रेसिडेंट नेनाद लालोविक ने विनेश के वजन विवाद के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी दी है। विनेश को पेरिस ओलंपिक महिला 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके खिलाफ विनेश फोगाट ने बुधवार को खेल पंचाट में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए। इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब सभी को खेल पंचाट के फैसले का इंतजार है, जोकि अब 13 अगस्त को सुनाया जाएगा।
लालोविक ने एनडीटीवी से खास बातचीत में इस पूरी घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू प्रमुख का मानना है कि परिणामों में बदलाव की गुंजाइश कम है, क्योंकि कुश्ती संस्था केवल निर्धारित नियमों का पालन कर रही थी।
वर्ल्ड रेसलिंग के प्रेसिडेंट नेनाद लालोविक ने कहा, ”जो कुछ हुआ उसके लिए खेद है। लेकिन आपका देश कितना भी बड़ा हो इससे फर्क नहीं पड़ता, एथलीट, एथलीट ही होते हैं। वजन सार्वजनिक था, सबने देखा कि क्या हुआ। हम किसी को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति कैसे दे सकते हैं, जबकि हम सबने देखा है कि क्या हुआ। हमारे पास अपने नियमों का पालन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।”
नियमों में बड़े बदलाव की संभावना को खारिज करते हुए कहा, “हमने एथलीटों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए यह नियम बनाया है। प्रतिस्पर्धा करने के लिए एथलीटों को वजन के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। हम नियमों में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं हालांकि हो सकता है कि नियमों में थोड़ी ढील दी जाए। हमें हमारे मेडिकल कमीशन द्वारा परामर्श दिया जाता है और मदद की जाती है। वे किसी भी बदलाव के बिल्कुल खिलाफ हैं।”
विनेश फोगाट मेडल मामले में क्यों हो रही है देरी? इस वजह से 13 अगस्त तक टला फैसला
खेल पंचाट (कैस) का तदर्थ प्रभाग ओलंपिक महिला 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य करार दी गईं भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर विचार करने पर अभी कुछ और समय लेगा
ओलंपिक खेलों के दौरान कुश्ती में वजन मापने के नियम क्या हैं?
ओलंपिक खेलों में प्रतियोगिता दो दिनों में आयोजित की जाती है और दोनों दिनों में प्रतिस्पर्धी पहलवानों को वजन जांच से गुजरना पड़ता है। प्रतियोगिता के पहले दिन पहलवान को अपना ‘सिंगलेट’ (कुश्ती परिधान) पहनना होता है और 30 मिनट की अवधि में कई बार अपना वजन मापना होता है, साथ ही मेडिकल जांच में उन्हें किसी भी संक्रामक बीमारी से मुक्त होना चाहिए, उनके नाखून कटे होने चाहिए।
स्वर्ण पदक, कांस्य पदक के प्ले-ऑफ और रेपेचेज मुकाबलों के लिए क्वालीफाई करने वालों को दूसरे दिन फिर से वजन करने के लिए आना होता है। लेकिन दूसरे दिन प्रतियोगिता की सुबह वजन करने के लिए केवल 15 मिनट का समय होता है। यहीं पर विनेश का वजन 50.1 किलोग्राम पाया गया। 15 मिनट की अवधि समाप्त होने के बाद विनेश की पदक की उम्मीदें धराशायी हो गईं।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए गए मामले पर अपना पक्ष रखा है। उनका मानना है कि विनेश के साथ जो हुआ वह नियम के तहत किया गया है और संस्था अपने नियमों में बदलाव के खिलाफ है। युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के प्रेसिडेंट नेनाद लालोविक ने विनेश के वजन विवाद के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी दी है। विनेश को पेरिस ओलंपिक महिला 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके खिलाफ विनेश फोगाट ने बुधवार को खेल पंचाट में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए। इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब सभी को खेल पंचाट के फैसले का इंतजार है, जोकि अब 13 अगस्त को सुनाया जाएगा।
लालोविक ने एनडीटीवी से खास बातचीत में इस पूरी घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू प्रमुख का मानना है कि परिणामों में बदलाव की गुंजाइश कम है, क्योंकि कुश्ती संस्था केवल निर्धारित नियमों का पालन कर रही थी।
वर्ल्ड रेसलिंग के प्रेसिडेंट नेनाद लालोविक ने कहा, ”जो कुछ हुआ उसके लिए खेद है। लेकिन आपका देश कितना भी बड़ा हो इससे फर्क नहीं पड़ता, एथलीट, एथलीट ही होते हैं। वजन सार्वजनिक था, सबने देखा कि क्या हुआ। हम किसी को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति कैसे दे सकते हैं, जबकि हम सबने देखा है कि क्या हुआ। हमारे पास अपने नियमों का पालन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।”
नियमों में बड़े बदलाव की संभावना को खारिज करते हुए कहा, “हमने एथलीटों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए यह नियम बनाया है। प्रतिस्पर्धा करने के लिए एथलीटों को वजन के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। हम नियमों में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं हालांकि हो सकता है कि नियमों में थोड़ी ढील दी जाए। हमें हमारे मेडिकल कमीशन द्वारा परामर्श दिया जाता है और मदद की जाती है। वे किसी भी बदलाव के बिल्कुल खिलाफ हैं।”
विनेश फोगाट मेडल मामले में क्यों हो रही है देरी? इस वजह से 13 अगस्त तक टला फैसला
खेल पंचाट (कैस) का तदर्थ प्रभाग ओलंपिक महिला 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य करार दी गईं भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर विचार करने पर अभी कुछ और समय लेगा
ओलंपिक खेलों के दौरान कुश्ती में वजन मापने के नियम क्या हैं?
ओलंपिक खेलों में प्रतियोगिता दो दिनों में आयोजित की जाती है और दोनों दिनों में प्रतिस्पर्धी पहलवानों को वजन जांच से गुजरना पड़ता है। प्रतियोगिता के पहले दिन पहलवान को अपना ‘सिंगलेट’ (कुश्ती परिधान) पहनना होता है और 30 मिनट की अवधि में कई बार अपना वजन मापना होता है, साथ ही मेडिकल जांच में उन्हें किसी भी संक्रामक बीमारी से मुक्त होना चाहिए, उनके नाखून कटे होने चाहिए।
स्वर्ण पदक, कांस्य पदक के प्ले-ऑफ और रेपेचेज मुकाबलों के लिए क्वालीफाई करने वालों को दूसरे दिन फिर से वजन करने के लिए आना होता है। लेकिन दूसरे दिन प्रतियोगिता की सुबह वजन करने के लिए केवल 15 मिनट का समय होता है। यहीं पर विनेश का वजन 50.1 किलोग्राम पाया गया। 15 मिनट की अवधि समाप्त होने के बाद विनेश की पदक की उम्मीदें धराशायी हो गईं।