जेपी अस्पताल का नया भवन 30 जून को होगा हैंडओवर: दिल के मरीजों का नहीं मिलेगा इलाज; कार्डियक यूनिट प्रोजेक्ट कैंसिल – Bhopal News h3>
भोपाल के जेपी अस्पताल का बहुप्रतीक्षित 5 मंजिला नया भवन इस महीने की 30 तारीख को अस्पताल प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। लेकिन, यह तीसरी बार है जब डेडलाइन तय की गई है, और एक बार फिर, यह भवन अधूरा ही मिलने वाला है। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इस ल
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सालों का इंतजार और फिर निराशा साल 2023 में विभाग ने जेपी अस्पताल में 30 बेड की एक एडवांस कार्डियक यूनिट बनाने का प्रस्ताव मंजूर किया था। इसे अप्रैल 2024 तक शुरू किया जाना था, लेकिन बार-बार प्रोजेक्ट में देरी होती गई और इसके साथ ही इसकी लागत भी बढ़ती गई। इस बेहिसाब देरी और लागत वृद्धि का नतीजा यह हुआ कि कैथलैब (दिल से जुड़े ऑपरेशनों के लिए एक विशेष ऑपरेशन थिएटर) के लिए जरूरी मशीनों का टेंडर खुलने के बाद भी, इस पूरे प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया। इस यूनिट में मॉडर्न कैथ लैब के साथ-साथ दिल की जटिल सर्जरी के लिए जरूरी सभी उपकरण होने का दावा किया गया था, लेकिन अब यह सब सिर्फ कागजों पर ही रह गया है।
मरीजों को महंगे इलाज के लिए होना पड़ेगा मजबूर इस प्रोजेक्ट के रद्द होने से सबसे ज़्यादा मार गरीब और जरूरतमंद मरीजों पर पड़ेगी। दिल से जुड़ी जांचें और ऑपरेशन, जो सरकारी अस्पताल में बेहद कम या मुफ्त में होते हैं, अब उन्हें निजी अस्पतालों में लाखों रुपए खर्च करके करवाने पड़ेंगे।
कैथलैब में होने वाले प्रमुख ऑपरेशन और उनके खर्च
कैथलैब होने वाले ऑपरेशन- सरकारी में खर्च – निजी में खर्च
एंजियोग्राफी – 4,000 – 15,000
एंजियोप्लास्टी – 33,000- 1,50,000
पेस-मेकर – नि:शुल्क – 1,50,000
डिवाइस क्लोजर – 40,000 – 2,00,000
बैलून डायलेटेशन – 30,000 – 1,25,000
कार्डियक – 10,000 – 40,000
(आयुष्मान योजना के तहत पात्र मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में ये सभी सुविधाएं निशुल्क होती हैं।)
नया भवन भी अभी अधूरा, दिसंबर तक शुरू होने की उम्मीद अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, 30 जून को हैंडओवर होने के बावजूद नए भवन में अभी भी दो खंडों का निर्माण कार्य अधूरा है। इसके अलावा, इस नए भवन को पुराने भवन से जोड़ने के लिए दो फुट ओवरब्रिज भी बनाए जाने हैं, जिनमें समय लगेगा। इन परिस्थितियों को देखते हुए, अस्पताल प्रबंधन के लिए निर्माणाधीन बिल्डिंग में उपकरणों को शिफ्ट करना और मरीजों को इलाज मुहैया कराना जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में, संभव है कि अस्पताल प्रबंधन तय तारीख पर भवन का हैंडओवर लेने से इनकार कर दे। जिस गति से नए भवन का काम चल रहा है, उसे पूरा होने में दिसंबर माह तक का समय लगने की उम्मीद है। भवन का निर्माण पूरा होने के बाद, इसमें उपकरण, बेड की शिफ्टिंग और नए उपकरणों की खरीद जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी होंगे, जिसमें अतिरिक्त समय लग सकता है।
नए भवन की प्रस्तावित सुविधाएं और क्षमता जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से यह नई 5 मंजिला बिल्डिंग बन रही है, जिसमें मॉडर्न सुविधाओं के साथ मरीजों के लिए हर सुविधा उपलब्ध होगी। वर्तमान में जेपी अस्पताल में 400 बेड हैं, और नए भवन के शुरू होने के बाद 240 और बेड जुड़ जाएंगे, जिससे कुल संख्या 640 हो जाएगी।
नए भवन के किस खंड पर क्या होगा
- ग्राउंड फ्लोर: इस पर इमरजेंसी वार्ड होगा, जिसमें कुल 30 बेड होंगे। इसमें 10 बेड का फीमेल इमरजेंसी वार्ड, 10 बेड का मेल इमरजेंसी वार्ड और 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड शामिल होगा।
- फर्स्ट फ्लोर: यहां कुल 41 बेड होंगे। इसमें महिलाओं के लिए 25 बिस्तर वाला सर्जिकल वार्ड और पुरुषों के लिए 10 बिस्तरों वाला आइसोलेशन वार्ड होगा। इसके साथ ही, आठ बिस्तरों के प्राइवेट वार्ड भी बनाए जाएंगे।
- सेकेंड और थर्ड फ्लोर: सेकेंड फ्लोर पर मेल सर्जिकल वार्ड और फीमेल सर्जिकल वार्ड दोनों होंगे, जिनमें प्रत्येक में 25-25 बेड होंगे। यहां 9 बेड का प्राइवेट वार्ड भी होगा। थर्ड फ्लोर पर भी 25 बेड होंगे और चार नए ऑपरेशन थिएटर बनाए जा रहे हैं, जिनमें मॉडर्न उपकरण और सर्जरी की तमाम सुविधाएं होंगी। इस फ्लोर पर भी 25 बेड का फीमेल सर्जिकल वार्ड होगा।
- फोर्थ और फिफ्थ फ्लोर: फोर्थ फ्लोर पर 50 बेड का महिला और पुरुष सर्जिकल वार्ड होगा। फिफ्थ फ्लोर पर 33 बिस्तरों का वार्ड रहेगा। सबसे खास बात यह है कि पांचवीं मंजिल पर एक ब्लड बैंक भी बनाया जाएगा, जिससे मरीजों को रक्त के लिए कहीं भटकना न पड़े और उन्हें अस्पताल में ही आसानी से मिल जाए।
पूरा भवन समय पर होगा हैंडओवर सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि अधूरा नहीं पूरा भवन समय पर हैंडओवर होगा। इस संदर्भ में इंजीनियर से बात करेंगे। फिलहाल के लिए कैथलैब के प्रोजेक्ट को टाल दिया गया। इस भवन के शुरू होने से मरीजों को सीधा फायदा होगा।