जेडीयू में शामिल होते ही मनीष वर्मा को बड़ी जिम्मेदारी, नीतीश कुमार ने दिया पार्टी में अहम पद h3>
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जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल होने के दो दिन बाद ही पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। आपको बता दें 9 जुलाई को जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की अगुवाई में मनीष वर्मा को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई थी।
इस मौके पर पूर्व आईएएस मनीष वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को अंधकार से निकालकर प्रकाश में लाए हैं। एक-एक क्षण बिहार और यहां के लोगों के विकास के बारे में सोचते हैं। जदयू में असली समाजवाद जिंदा है। बाकी में परिवारवाद हावी है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मनीष वर्मा के जेडीयू में शामिल होने और राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलने को सियासी चर्चा तेज हो गई है।
आपको बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी मनीष वर्मा रह चुके हैं। और नीतीश के करीबियों में उनकी गिनती होती है। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) ली थी। इसके बाद वे नीतीश के एडवाइजर बने थे। जेडीयू में शामिल होने से पहले बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य थे। मनीष वर्षा ओडिशा कैडर के आईएएस रह चुके हैं।
कौन हैं मनीष वर्मा?
पूर्व आईएएस मनीष वर्मा बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता डॉ अशोक वर्मा बिहारशरीफ के एक बड़े डॉक्टर के रूप में जाने जाते रहे। वर्मा की प्राथमिक शिक्षा बिहारशरीफ के एक सरकारी स्कूल से हुई। आईआईटी, दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा करने से पहले उन्होंने पटना के एक स्कूल में भी पढ़ाई की। 2000 में यूपीएससी में सफलता हासिल करने से पहले वर्मा ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ भी काम किया है।
वर्मा की पहली पोस्टिंग कालाहांडी में हुई और फिर वह ओडिशा के गुनुपुर, रायगरा में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बने। बिहार में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने से पहले वह 12 साल तक ओडिशा में थे। बिहार में वह पटना और पूर्णिया के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। वह 2016 से 2021 तक मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी तैनात थे। बिहार में उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद, वर्मा ने ओडिशा नहीं लौटने का फैसला किया और इसके बजाय 2021 में सेवाओं से वीआरएस ले लिया।
यह भी पढ़िए- नीतीश के सहपाठी नरेंद्र कुमार बने आपदा प्रबंधन के मेंबर, मनीष वर्मा के इस्तीफे से खाली हुआ था पद
बीते कुछ दिनों में जेडीयू में कई बड़े बदलाव हुए हैं। जिसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी संजय झा को मिली है। जिन्हें जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। और अब नीतीश कुमार के सलाहकार रहे, और पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव का पद सौंपा गया है।
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जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल होने के दो दिन बाद ही पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। आपको बता दें 9 जुलाई को जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की अगुवाई में मनीष वर्मा को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई थी।
इस मौके पर पूर्व आईएएस मनीष वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को अंधकार से निकालकर प्रकाश में लाए हैं। एक-एक क्षण बिहार और यहां के लोगों के विकास के बारे में सोचते हैं। जदयू में असली समाजवाद जिंदा है। बाकी में परिवारवाद हावी है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मनीष वर्मा के जेडीयू में शामिल होने और राष्ट्रीय महासचिव का पद मिलने को सियासी चर्चा तेज हो गई है।
आपको बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी मनीष वर्मा रह चुके हैं। और नीतीश के करीबियों में उनकी गिनती होती है। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) ली थी। इसके बाद वे नीतीश के एडवाइजर बने थे। जेडीयू में शामिल होने से पहले बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य थे। मनीष वर्षा ओडिशा कैडर के आईएएस रह चुके हैं।
कौन हैं मनीष वर्मा?
पूर्व आईएएस मनीष वर्मा बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता डॉ अशोक वर्मा बिहारशरीफ के एक बड़े डॉक्टर के रूप में जाने जाते रहे। वर्मा की प्राथमिक शिक्षा बिहारशरीफ के एक सरकारी स्कूल से हुई। आईआईटी, दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा करने से पहले उन्होंने पटना के एक स्कूल में भी पढ़ाई की। 2000 में यूपीएससी में सफलता हासिल करने से पहले वर्मा ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ भी काम किया है।
वर्मा की पहली पोस्टिंग कालाहांडी में हुई और फिर वह ओडिशा के गुनुपुर, रायगरा में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बने। बिहार में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने से पहले वह 12 साल तक ओडिशा में थे। बिहार में वह पटना और पूर्णिया के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। वह 2016 से 2021 तक मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी तैनात थे। बिहार में उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद, वर्मा ने ओडिशा नहीं लौटने का फैसला किया और इसके बजाय 2021 में सेवाओं से वीआरएस ले लिया।
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बीते कुछ दिनों में जेडीयू में कई बड़े बदलाव हुए हैं। जिसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी संजय झा को मिली है। जिन्हें जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। और अब नीतीश कुमार के सलाहकार रहे, और पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव का पद सौंपा गया है।