जेडीयू ने राम मंदिर पर बीजेपी को घेरा तो आरजेडी के पोस्टर पर भाजपा का दिया साथ, क्या है पूरा मामला? जानिए h3>
साल 2024 के पहले दिन ही महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दल जेडीयू और आरजेडी पूर्व सीएम राबड़ी आवास के बाहर लगे पोस्टर को लेकर आमने-सामने आ गए। दरअसल, आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह की ओर से राबड़ी आवास के बाहर एक पोस्टर लगवाया गया। पोस्टर में मंदिर को मानिसक गुलामी का मार्ग बताया गया। आरजेडी विधायक की ओर से लगवाए गए पोस्टर पर बीजेपी ने जमकर हमला बोला। वहीं जेडीयू ने भी फतेह बहादुर सिंह को जमकर खरी-खोटी सुनाया। वहीं राम मंदिर को लेकर बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी की ओर से बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि राम किसी एक राजनीतिक दल के नहीं हो सकते। न हीं केवल कोई दल अथवा व्यक्ति भगवान को सम्मानित करने का दावा कर सकता है।
विजय चौधरी ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों का राम मंदिर के मामले में शुरू से मानना था कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को दोनों पक्षों को मानना चाहिए। न्याय निर्णय आया और आज मंदिर निर्माण हो रहा है। इसे कोई खास राजनीतिक दल अपनी उपलब्धि के रूप में कैसे पेश कर सकता है। राम किसी एक राजनीतिक दल के नहीं हो सकते। न हीं केवल कोई दल अथवा व्यक्ति भगवान को सम्मानित करने का दावा कर सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम किसी मूर्ति या मकान में कैद नहीं रहते, उनका घर तो हम सभी के दिल में है। आजकल अयोध्या में मंदिर निर्माण एवं 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रचार जोरों पर है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह हिन्दुओं के आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। परन्तु, इसे जिस ढंग से जन-मानस में डाला जा रहा है, वह आश्चर्यजनक है। लगता है, भगवान के सर्वजन कल्याणकारी गुण को कमतर करने की कोशिश हो रही है।
विवादित बयान पर फतेह बहादुर को RJD वर्कर ने पढाया पाठ, कहा- जो वोट मिलता है वह भी खराब हो जाएगा
गौरतलब है कि पिछले साल 2023 जनवरी में, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह ने भी एक विवादित बयान दिया था, जिसके बाद सियासी घमासान मच गया था। जगदानंद ने कहा था कि राम मंदिर नफरत की जमीन पर बनाया जा रहा है। राम को किसी भव्य महल में कैद नहीं किया जा सकता। हम जय श्री राम नहीं हे राम में विश्वास करने वाले लोग हैं। भारत में राम को लोगों के दिलों से छीनकर केवल पत्थरों से बनी आलीशान इमारत में नहीं बिठाया जा सकता है।
इससे पहले सोमवार की सुबह आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह की ओर से राबड़ी आवास के बाहर एक पोस्टर लगवाया गया था। पोस्टर में लिखा गया था कि मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग। पोस्टर में आगे लिखा गया था कि जब मंदिर में घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता और प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं। अब तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए। पोस्टर में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी जैसे राजद के दिग्गजों की तस्वीरें हैं।
मंदिर को गुलामी का प्रतीक कहने पर भड़के सुशील मोदी, कहा- इस्लाम या ईसाई धर्म पर कुछ बोलकर दिखाएं
आरजेडी विधायक की ओर से लगाए गए इस पोस्टर पर जेडीयू ने कड़ा विरोध जताया। भाजपा नेताओं ने भी जेडीयू के रुख का समर्थन करते हुए पोस्टर को भड़काऊ टिप्पणियों के साथ हिंदू भावनाओं को आहत करने का बताया है। बता दें कि आरजेडी विधायक की ओर से लगवाए गए पोस्टर में लोगों से 7 जनवरी को भारत की पहली महिला शिक्षक सावित्री भाई फुले की जयंती समारोह में शामिल होने का आह्वान किया गया है। बता दें कि फतेह बहादुर सिंह वही विधायक हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले ज्ञान की देवी सरस्वती पर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद बिहार में वाकयुद्ध छेड़ दिया था।
जदयू प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि नाम के विपरित आचरण। पहली बार विधायक बने। नाम रख लें कायर बहादुर सिंह। देवी-देवता पर धार्मिक आस्था पर टिप्पणी तो करते हैं, पर उसके घर जाकर भोज भी खाते हैं। शादी-समारोह में भी शामिल होते हैं। इस बात की सार्वजनिक घोषणा करें कि जिसके घर में पूजा पाठ होता है, अगरबत्ती दिखायी जाती है, सामाजिक समारोह में मंत्रोचार होता है, श्राद्ध होता है, वहां हम नहीं जाएंगे। ऐसा घोषणा करेंगे तभी माना जाएगा। नहीं, ऐसे लोगों का इलाज जनता जानती है।
विपक्षी गठबंधन के सभी दल कर रहे हैं सनातन धर्म का अपमान : विजय सिन्हा
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि विपक्षी गठबंधन के सभी दल लगातार सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद विधायक ने देवी सरस्वती के विरुद्ध अपमानजनक बयान दिया। राबड़ी आवास के सामने सनातन विरोधी पोस्टर लगाना इसका सबूत है। उन्होंने कहा कि पिछले 17 माह से चल रही महागठबंधन सरकार में सनातन धर्म को अपमानित करने का अभियान चल रहा है। कभी सरकार के मंत्री पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस के विरुद्ध तो कभी दुर्गा जी और कभी देवी सरस्वती को अपमानित करने का बयान देते हैं। सनातन धर्म के प्रमुख देवी-देवताओं और ग्रंथों पर इनकी अनर्गल टिप्पणी से सभी हिन्दू और सनातन के संतान मर्माहत हैं। इनके महागठबंधन का कोई भी दल इन्हें नहीं रोकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस, डीएमके, राजद, सपा प्राय: सभी दल सनातन विरोधी आचरण और इसे नीचा दिखाने की बात करते हैं। देश की जनता को कांग्रेस का बयान और हलफनामा अभी भी याद है जिसमें उन्होंने राम सेतु और राम को काल्पनिक बताया था। जनता सब देख रही है। 2024 और 2025 के चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी।
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साल 2024 के पहले दिन ही महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दल जेडीयू और आरजेडी पूर्व सीएम राबड़ी आवास के बाहर लगे पोस्टर को लेकर आमने-सामने आ गए। दरअसल, आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह की ओर से राबड़ी आवास के बाहर एक पोस्टर लगवाया गया। पोस्टर में मंदिर को मानिसक गुलामी का मार्ग बताया गया। आरजेडी विधायक की ओर से लगवाए गए पोस्टर पर बीजेपी ने जमकर हमला बोला। वहीं जेडीयू ने भी फतेह बहादुर सिंह को जमकर खरी-खोटी सुनाया। वहीं राम मंदिर को लेकर बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी की ओर से बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि राम किसी एक राजनीतिक दल के नहीं हो सकते। न हीं केवल कोई दल अथवा व्यक्ति भगवान को सम्मानित करने का दावा कर सकता है।
विजय चौधरी ने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों का राम मंदिर के मामले में शुरू से मानना था कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को दोनों पक्षों को मानना चाहिए। न्याय निर्णय आया और आज मंदिर निर्माण हो रहा है। इसे कोई खास राजनीतिक दल अपनी उपलब्धि के रूप में कैसे पेश कर सकता है। राम किसी एक राजनीतिक दल के नहीं हो सकते। न हीं केवल कोई दल अथवा व्यक्ति भगवान को सम्मानित करने का दावा कर सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम किसी मूर्ति या मकान में कैद नहीं रहते, उनका घर तो हम सभी के दिल में है। आजकल अयोध्या में मंदिर निर्माण एवं 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का प्रचार जोरों पर है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह हिन्दुओं के आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। परन्तु, इसे जिस ढंग से जन-मानस में डाला जा रहा है, वह आश्चर्यजनक है। लगता है, भगवान के सर्वजन कल्याणकारी गुण को कमतर करने की कोशिश हो रही है।
विवादित बयान पर फतेह बहादुर को RJD वर्कर ने पढाया पाठ, कहा- जो वोट मिलता है वह भी खराब हो जाएगा
गौरतलब है कि पिछले साल 2023 जनवरी में, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह ने भी एक विवादित बयान दिया था, जिसके बाद सियासी घमासान मच गया था। जगदानंद ने कहा था कि राम मंदिर नफरत की जमीन पर बनाया जा रहा है। राम को किसी भव्य महल में कैद नहीं किया जा सकता। हम जय श्री राम नहीं हे राम में विश्वास करने वाले लोग हैं। भारत में राम को लोगों के दिलों से छीनकर केवल पत्थरों से बनी आलीशान इमारत में नहीं बिठाया जा सकता है।
इससे पहले सोमवार की सुबह आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह की ओर से राबड़ी आवास के बाहर एक पोस्टर लगवाया गया था। पोस्टर में लिखा गया था कि मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग। पोस्टर में आगे लिखा गया था कि जब मंदिर में घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता और प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं। अब तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए। पोस्टर में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी जैसे राजद के दिग्गजों की तस्वीरें हैं।
मंदिर को गुलामी का प्रतीक कहने पर भड़के सुशील मोदी, कहा- इस्लाम या ईसाई धर्म पर कुछ बोलकर दिखाएं
आरजेडी विधायक की ओर से लगाए गए इस पोस्टर पर जेडीयू ने कड़ा विरोध जताया। भाजपा नेताओं ने भी जेडीयू के रुख का समर्थन करते हुए पोस्टर को भड़काऊ टिप्पणियों के साथ हिंदू भावनाओं को आहत करने का बताया है। बता दें कि आरजेडी विधायक की ओर से लगवाए गए पोस्टर में लोगों से 7 जनवरी को भारत की पहली महिला शिक्षक सावित्री भाई फुले की जयंती समारोह में शामिल होने का आह्वान किया गया है। बता दें कि फतेह बहादुर सिंह वही विधायक हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले ज्ञान की देवी सरस्वती पर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद बिहार में वाकयुद्ध छेड़ दिया था।
जदयू प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि नाम के विपरित आचरण। पहली बार विधायक बने। नाम रख लें कायर बहादुर सिंह। देवी-देवता पर धार्मिक आस्था पर टिप्पणी तो करते हैं, पर उसके घर जाकर भोज भी खाते हैं। शादी-समारोह में भी शामिल होते हैं। इस बात की सार्वजनिक घोषणा करें कि जिसके घर में पूजा पाठ होता है, अगरबत्ती दिखायी जाती है, सामाजिक समारोह में मंत्रोचार होता है, श्राद्ध होता है, वहां हम नहीं जाएंगे। ऐसा घोषणा करेंगे तभी माना जाएगा। नहीं, ऐसे लोगों का इलाज जनता जानती है।
विपक्षी गठबंधन के सभी दल कर रहे हैं सनातन धर्म का अपमान : विजय सिन्हा
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि विपक्षी गठबंधन के सभी दल लगातार सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद विधायक ने देवी सरस्वती के विरुद्ध अपमानजनक बयान दिया। राबड़ी आवास के सामने सनातन विरोधी पोस्टर लगाना इसका सबूत है। उन्होंने कहा कि पिछले 17 माह से चल रही महागठबंधन सरकार में सनातन धर्म को अपमानित करने का अभियान चल रहा है। कभी सरकार के मंत्री पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस के विरुद्ध तो कभी दुर्गा जी और कभी देवी सरस्वती को अपमानित करने का बयान देते हैं। सनातन धर्म के प्रमुख देवी-देवताओं और ग्रंथों पर इनकी अनर्गल टिप्पणी से सभी हिन्दू और सनातन के संतान मर्माहत हैं। इनके महागठबंधन का कोई भी दल इन्हें नहीं रोकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस, डीएमके, राजद, सपा प्राय: सभी दल सनातन विरोधी आचरण और इसे नीचा दिखाने की बात करते हैं। देश की जनता को कांग्रेस का बयान और हलफनामा अभी भी याद है जिसमें उन्होंने राम सेतु और राम को काल्पनिक बताया था। जनता सब देख रही है। 2024 और 2025 के चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी।