जिले में बढ़ते साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

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जिले में बढ़ते साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

जिले में बढ़ते साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

पुलिस के सामने साइबर अपराध सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। गया के आमजन से लेकर खास तक साइबर अपराधियों के टारगेट पर हैं। पुलिस की कोशिश के बावजूद साइबर क्राइम पर ब्रेक नहीं लग रहा। जिले में बढ़ते साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। गया में साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ गया है। हरदिन साइबर ठग लोगों को टारगेट कर रहे हैं। भोले भाले लोगों के बैंक खातों की रकम पर साइबर अपराधियों की है नजर है। 5 अगस्त से 7 अगस्त के बीच दो दिनों में दो लोगों के बैंक खाते से साइबर ठगों ने 30 लाख रुपये निकाल लिये। बोधगया पीएनबी बैंक से 5 अगस्त को बोधगया के कौशल कयमर के खाते से साइबर अपराधियों ने एक दिन 28 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिया। आश्चर्य की बात है कि एक दिन में 540 बार से ज्यादा 5-5 हजार रुपये करके एकाउंट से ट्रांसफर कर लिया गया।

बीटीएमसी के कर्मी बिनय मिश्रा के खाते से 7 अगस्त को 2 लाख रुपये इसी तरह निकाल लिए गए। सवाल यह है कि एक दिन इतने बार रुपये ट्रांसफर किए गए और बैंक कुछ नहीं कर सका। इस घटना को देखें तो बैंक कर्मी की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है। कुछ लोग प्रलोभन में आकर अच्छे-अच्छे लोग साइबर ठगों के झूठे झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधी लोगों को कुछ मिनटों में लोन दिलाने के नाम पर, शेयर बजार में पूंजी निवेश करने के नाम पर और कई तरह के निवेश में मुनाफे के नाम पर चूना लगा रहे हैं। बदलते समय के साथ साइबर फ्रॉड के नए-नए पैंतरे भी अपना रहे हैं। इस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं कि उन्हें समझ में भी नहीं आता कि आखिर उनके साथ क्या हो रहा है। जून से अगस्त के बीच देखें तो एक करोड़ से ज्यादा रुपये साइबर ठगों ने चूना लगा चूका है। आंकड़े की बात करें तो साइबर थाना के स्थापना के बाद से साइबर अपराध का 265 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इस मुताबिक हर माह 21 से 22 मामले साइबर थाने पहुंच रहे हैं।

साइबर ठगों का ठगने का नया तरीका

ऑनलाइन ठगी के शिकार प्रतिदिन लोग हो रहे हैं। ऐसा मामला अधिकतर जागरूकता के अभाव में होता है। साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नए-नए तरीके अपनाते हैं। ये अपराधी ज्यादातर व्हाट्सएप पर कॉल कर ठग रहे हैं। ये शातिर पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को अधिकारी बताते हैं। कॉल करके परिजनों को बताते हैं कि उनका भाई, बेटा, पति करीबी रिश्तेदार उनके कब्जे में है। उसे संगीन आपराधिक मामले में पकड़ा गया है। अगर वे छुड़ाना चाहते हैं तो इसके बदले में उन्हें रुपये देने होंगे। जाल में फंसा कर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं।

पुलिस लोगों को लगातार कर रही आगाह

साइबर फ्रॉड के मामले पुलिस लगातार लोगों को आगाह कर रही है। इसके लिए साइबर थाना स्कूल, कॉलेज और गांव गांव घूमकर लोगों को सचेत करने में जुटी है। साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। यदि आपके पास सोशल मीडिया में किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें। सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट को प्राइवेट रखें।अगर कोई पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करता है तो हड़बड़ी में कदम न उठाएं। इसके लिए जागरूकता ही बचाव है।

28 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले को सर्किल हेड के स्तर से देखा जा रहा है। आईटी सेक्शन इसकी जांच कर रही है।

-राजीव शेखर, शाखा मैनेजर, पंजाब नेशनल बैंक

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