जहां भारतीय आबादी, वहां भी गिरीं ईरानी मिसाइलें: लोग बोले- अभी तो सेफ हैं, ऐसा ही चला तो भारत लौट जाएंगे

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जहां भारतीय आबादी, वहां भी गिरीं ईरानी मिसाइलें:  लोग बोले- अभी तो सेफ हैं, ऐसा ही चला तो भारत लौट जाएंगे
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जहां भारतीय आबादी, वहां भी गिरीं ईरानी मिसाइलें: लोग बोले- अभी तो सेफ हैं, ऐसा ही चला तो भारत लौट जाएंगे

साउथ इजराइल के बीर्शेबा में करीब 1000 बेड वाला सोरोका हॉस्पिटल है, या कहें था। 19 जून की सुबह 7:30 बजे इस हॉस्पिटल पर ईरान की मिसाइल गिरी और पूरी बिल्डिंग तबाह हो गई। हॉस्पिटल का सामान बाहर तक बिखरा पड़ा है। बीर्शेबा के अलावा इजराइल के तेल अवीव, हाइफा

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अक्टूबर, 2023 में दैनिक NEWS4SOCIALने हमास-इजराइल युद्ध की कवरेज की थी, तब गाजा की तरफ से इजराइल पर मिसाइल अटैक होते थे। ईरान से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हमास के मुकाबले कहीं ज्यादा घातक हैं। तबाही का मंजर भी उतना ही भयानक।

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ईरान के हमले में सोरोका हॉस्पिटल पूरी तरह बर्बाद हो गया। ईरान ने दावा किया है कि हॉस्पिटल के पास इजराइली सेना के ठिकाने थे।

ईरान से जंग के बीच हम इजराइल में तीन जगहों पर गए, जहां सबसे ज्यादा तबाही हुई है। कुछ लोगों से भी बात की। इनमें बिहार से काम के लिए इजराइल गए वर्कर भी शामिल हैं। वे कहते हैं कि अगर इसी तरह मिसाइलें गिरती रहीं, तो हम जल्दी ही काम छोड़कर भारत लौट जाएंगे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

पहली जगह: रामत गान, तेल अवीव डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग तबाह, घर छोड़कर भागे लोग हम सबसे पहले तेल अवीव के रामत गान इलाके में पहुंचे। यहां डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग है। बिल्डिंग में लगे शीशे हीरे की तरह चमकते हैं। इसलिए इसे डायमंड एक्सचेंज नाम मिला। 19 जून की सुबह यहां ईरान की मिसाइल गिरी। बिल्डिंग में करीब 1 हजार ऑफिस हैं। डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग के पास करीब 200 मीटर एरिया में रहने वाले लोगों के घरों में भी नुकसान हुआ है।

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मिसाइल हमले से डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग का एक हिस्सा तबाह हो गया। पूरी इमारत के शीशे, खिड़कियां और दरवाजे टूट गए।

इजराइली पुलिस और प्रशासन ने पूरा इलाका सील कर दिया है। जिन लोगों के घरों को नुकसान हुआ, उन्हें होटल में शिफ्ट कर दिया गया। पुलिस ने चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी है। किसी को बिल्डिंग के पास जाने की परमिशन नहीं है।

दूसरी जगह: तेल अवीव के साउथ में बात याम रिहायशी बिल्डिंग पर गिरी मिसाइल, लोगों को पैनिक अटैक आ रहे ‘ये सब 15 जून से शुरू हुआ। मैं अपने घर पर थी। ईरान और इजराइल के बीच जंग शुरू हो चुकी थी। देर रात तक इसकी खबरें पढ़ते हुए हम जाग रहे थे। जैसे ही नींद लगी, थोड़ी देर बाद जोरदार धमाका हुआ। मुझे लगा कि मेरे कान के पर्दे फट गए। हार्ट बीट बहुत ज्यादा बढ़ गई। पति ने मुझसे कहा कि लंबी सांस खींचो और छोड़ो। मैं बदहवास थी। मोबाइल में देखा, तब रात के 2: 45 बजे थे।’

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बात याम की रहने वाली साराह 6 दिन बाद भी वो धमाका नहीं भूली हैं। उनके घर के बगल में बनी बिल्डिंग पर ईरान ने मिसाइल अटैक किया था। ये बिल्डिंग तो तबाह हुई ही, आसपास के 200 मीटर में जितने भी घर थे, सभी को नुकसान हुआ है। इनमें साराह का घर भी है। वे अब भाई के घर में रह रही हैं।

बात याम एरिया में ईरान ने इस बिल्डिंग को टारगेट किया है। इस हमले में बिल्डिंग को काफी नुकसान पहुंचा है।

साराह कहती हैं, ‘मेरे घर की सारी खिड़कियां, दरवाजे, कांच एक झटके में टूट गए। ऐसे वक्त में बंकर की तरफ भागना होता है, लेकिन मेरा पूरा शरीर कांप रहा था। बंकर मेरे घर के पास ही है। हम दौड़ते हुए वहां पहुंचे। इसके बाद भी धमाके की आवाज आती रही। ये इतने भयानक थे कि मुझे डर लग रहा था कहीं बंकर न गिर जाए।’

ये बताते हुए साराह की आवाज कांपने लगती हैं। वे कहती हैं ‘मुझे पैनिक अटैक आ रहे हैं। एंग्जाइटी की दवा खा रही हूं।’

कंस्ट्रक्शन के काम में लगे भारतीय, बोले- बम गिरते रहे तो भारत चले जाएंगे बात याम की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर हमें कुछ भारतीय मिल गए। बातचीत में पता चला कि ये लोग करीब डेढ़ साल पहले भारत से इजराइल आए थे। कंस्ट्रक्शन के काम करते हैं। बिहार के रहने वाले मनोज कुमार बताते हैं, ‘बात याम में लगातार धमाके हो रहे हैं। जिस जगह हमला हुआ, वहां से हमारा घर करीब एक किमी दूर है। धमाके से 10 मिनट पहले सायरन बजना शुरू हो गया।‘

‘सायरन सुनते ही हम अपने कमरे से बंकर की तरफ भागे। मिसाइल भले ही हमारे घर से एक किमी दूर गिरी है, लेकिन लगा कि घर के बाहर ही धमाका हुआ है। इतनी भयानक आवाज थी। उस पल लगा कि अब तो नहीं बचेंगे। रात में दो से तीन बार सायरन बजता है। सायरन बजने के बाद करीब आधा घंटा बंकर में रहना होता है।’

क्या भारत जाने के बारे में सोच रहे हैं? मनोज कहते हैं, ‘अभी तो हम वापस जाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। इजराइल से फ्लाइट भी नहीं चल रही हैं। अब तक तो लग रहा है कि यहां सेफ हैं।’

मनोज के साथ ही भीमकुमार सहाय भी थे। कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं, बिहार के सीवान से इजराइल आए थे। भीमकुमार बताते हैं, ‘मैं डेढ़ साल पहले इजराइल आया था। हम आए थे, तब तो सब सेफ लग रहा था। ईरान से जंग शुरू होने के बाद हालात बिगड़ गए हैं। कब और कहां से मिसाइल आ जाए, कह नहीं सकते।’

‘अच्छी बात ये है कि इजराइल में घरों में ऐसे हमलों से बचने के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर होता है। हर जगह बंकर बने हैं। अलर्ट मिलते ही हम बंकरों में चले जाते हैं।’

‘इजराइल के लोग अपने और दूसरों में भेदभाव नहीं करते। ये लोग बहुत मदद करते हैं। ऐसा नहीं मानते हैं कि हम दूसरे देश से हैं, तो हमारी जान की कोई कीमत नहीं है।’

भारत में आपके परिवारवाले वापस आने के लिए नहीं कहते? भीमकुमार जवाब देते हैं, ‘घर से फोन आता है। मैं बता देता हूं कि जंग चल रही है, लेकिन उतना खतरा नहीं है, जितना वहां लोगों को लगता है। यहां सुरक्षित माहौल है। तेल अवीव, हाइफा और यरुशलम में ज्यादा खतरा है। बाकी इलाकों में कम खतरा है।’

मनोज और भीमकुमार के साथ ही राजकुमार भी हैं। वे हमले का अनुभव बताते हैं, ‘रात में अचानक जोरदार धमाका हुआ। हम बंकर की तरफ भागे। कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ। सब बस भाग रहे थे।’

‘जब भी मिसाइल गिरने वाली होती है हमारा फोन वाइब्रेट करने लगता है। इमरजेंसी अलर्ट दिखने लगता है। इसके बाद सायरन बजना शुरू होते हैं। हमें 10 मिनट का वक्त मिलता है इतने में सेफ हाउस में पहुंचना होता है।’

तीसरी जगह: साउथ इजराइल का बीर्शेबा 1000 बेड वाले हॉस्पिटल का सर्जिकल वॉर्ड तबाह, 80 लोग घायल 19 जून की सुबह साउथ इजराइल के सबसे बड़े हॉस्पिटल सोरोका में ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल का हमला हुआ। करीब 7:30 बजे हॉस्पिटल में सब नॉर्मल था। मरीजों का इलाज चल रहा था। डॉक्टर्स आ-जा रहे थे। तभी सायरन बजना शुरू हुए और कुछ ही मिनटों में ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल सीधे सोरोका हॉस्पिटल के सर्जिकल वॉर्ड से टकराई।

वॉर्ड के जिस हिस्से से मिसाइल टकराई, वो पूरी तरह तबाह हो गया। ईरान ने इजराइल पर करीब 20 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। इनमें से एक मिसाइल सोरोका हॉस्पिटल पर गिरी। पूरे हॉस्पिटल में शीशे, खिड़कियां, दरवाजे पूरी तरह टूट गए। मिसाइल का अटैक इतना जबरदस्त था कि ग्राउंड फ्लोर में नींव तक की दीवारें टूटकर बिखर गईं। हॉस्पिटल की बिल्डिंग में रखा सामान उछलकर बाहर गिरा।

हॉस्पिटल के टॉप के दो फ्लोर पूरी तरह बर्बाद हो गए। पूरी इमारत अब काम में आने लायक नहीं रह गई है। हॉस्पिटल की तरफ से बताया गया कि हमले में 80 लोग घायल हुए हैं। करीब 1000 बेड वाला सोरोका हॉस्पिटल साउथ इजराइल का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां से करीब 700 मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है।

हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू सोरोका हॉस्पिटल का दौरा करने पहुंचे थे।

ईरान से अब तक 827 भारतीय देश लौटे ईरान के मशहद से एक फ्लाइट शनिवार शाम 4:30 बजे 310 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली पहुंची। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने X पर बताया कि अब तक 827 भारतीयों को निकाला जा चुका है।

ईरान के तेहरान, केरमान, गिलान, शिराज, अराक में अब भी भारतीय स्टूडेंट फंसे हुए हैं। इनमें करीब 700 कश्मीर से हैं। इन्हें अब तक निकाला नहीं जा सका है।

ईरान से भारतीयों की वापसी के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है।

ईरान में 400 से ज्यादा लोग मारे गए, इजराइल में 25 मौतें 13 जून से शुरू हुई ईरान-इजराइल जंग को 9 दिन पूरे हो गए हैं। इजराइल के हमलों से ईरान में अब तक 430 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 3500 से ज्यादा घायल हैं। ईरान की न्यूज एजेंसी नूर ने हेल्थ मिनिस्ट्री के हवाले से ये डेटा जारी किया है।

हालांकि अमेरिका की ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ईरान में 657 लोगों की मौत हुई है। 2000 से ज्यादा घायल हैं। वहीं इजराइल में अब तक 25 मौतें हुई हैं। 2,500 से ज्यादा लोग घायल हैं।

ईरान के अपार्टमेंट पर इजराइली हमला, न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत इजराइल के हमले में ईरान के एक और न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हो गई। ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी के मुताबिक, साइंटिस्ट इसार तबातबाई-कमशेह और उनकी पत्नी एक अपार्टमेंट में रहते थे। इस अपार्टमेंट को ड्रोन से टारगेट किया गया। इजराइली हमले में अब तक ईरान के 10 न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स मारे गए हैं। इजराइल डिफेंस फोर्स ने शनिवार को ईरानी सेना के 3 कमांडरों को भी मारने का दावा किया है।

ईरान ने जर्मन साइकिलिस्ट को जासूसी के आरोप में पकड़ा ईरान ने पहली बार माना है कि उसने एक जर्मन साइकिलिस्ट को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया है। साइकिलिस्ट का नाम मारेक कॉफमैन है। ईरानी सेना से जुड़ी मेहर न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को साइकिलिस्ट का वीडियो जारी किया था। इसमें उसने ईरान के मिलिट्री ठिकाने की फुटेज रिकॉर्ड करने की बात कबूल की है। ईरान का दावा है कि कॉफमैन अमेरिकी और यहूदी कमांडरों के कॉन्टैक्ट में था। ………………………………….

इजराइल-ईरान जंग पर ये ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए इजराइल के शहर सूने, स्कूल-ऑफिस बंद, लोग बोले- हर तरफ मिसाइलें बरस रहीं

सायरन, अलर्ट, धमाके और बंकर, बीते एक हफ्ते से इजराइल के लोगों की जिंदगी इन्हीं में सिमट गई है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस सब बंद हैं। इजराइल के दूसरे सबसे बड़े शहर तेल अवीव में कैसे हालात हैं, ये वहां मिलीं इफरात तबारी ने एक लाइन में बता दिया। इफरात ठीक से इंग्लिश नहीं बोल पातीं, बोलीं- ‘बूम.. बूम.. बूम, ऑल द टाइम, एवरीवेयर’ यानी हर जगह, हर वक्त सिर्फ धमाके हो रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर

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