जवान की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब: 8 महीने के बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि, हजारों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे – Ballia News h3>
पुष्पेंद्र कुमार तिवारी | बलिया11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
गंगापुर के पचरूखिया गंगा तट पर सेना के एक जवान की अंतिम विदाई में भावुक दृश्य देखने को मिला। मात्र आठ माह के अबोध बालक ने अपने फौजी पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गईं।
अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सभी ने शहीद जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले इस वीर सपूत की शहादत ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया।
स्थानीय लोगों ने कहा कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। इस मौके पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उस समय मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई जब मात्र आठ माह के अबोध बालक ने अपने फौजी पिता को मुखाग्नि दी। पचरूखिया,गंगापुर गंगा तट पर सेना के जवान की अंतिम विदाई में हजारों लोग उमड़ पड़े। इसके साथ ही देश की रक्षा करने की कसम लेने वाला “दीपक” हमेशा के लिए बुझ गया।
दो अप्रैल को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत
सूरतगढ़ राजस्थान में तैनात आर्मी मेडिकल कोर के जवान की मौत दो अप्रैल की सुबह हो गयी। जिनका शव शुक्रवार की देर साय रेवती थाना क्षेत्र दलछपरा गृह गांव पहुंचा। सेना के वाहन पर यूनिट के सुबेदार प्रदीप के साथ सेना के जवान भी अपने साथी के शव के साथ आए थे।जगह जगह लोगो ने तिरंगे झंडे के साथ श्रद्धासुमन अर्पित किया। जवान का गांव पहुंचने पर परिजनो में कोहराम मच गया।
दीपक के आत्महत्या पर प्रश्नचिन्ह
दीपक के भाई आर्मी जवान आशुतोष ने अपने भाई के आत्महत्या पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि उसी के यूनिट के लोगों पर हत्या का संदेह जताया है। उसका कहना है कि मेरे भाई के शिकायत पर एक जांच चल रही थी जिसमें वे फंस रहे थे। दीपक का छोटा भाई अमरनाथ भी सेना में तैनात है।दीपक की पत्नी दिव्या उर्फ गोल्डी का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक जवान का अबोध 08 माह के बालक दिव्यांश के सिर से पिता का छाया उठ गया।
डीएम के आश्वासन पर अंतिम संस्कार को राजी हुए परिजन
बलिया के रेवती थाना क्षेत्र अंतर्गत दल छपरा निवासी तथा सुरतगढ़ राजस्थान में तैनात जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद शुक्रवार की देर शाम जवान का शव गांव पहुंचा। जहां परिजनों ने जवान की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया।
मौके पर पहुंचे सीओ बैरिया मोहम्मद फहीम कुरैशी ने परिजनों को समझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन परिजन राजी नहीं हुए। देर रात को पहुंचे एसडीएम बैरिया ने मृतक जवान की पत्नी की बात मोबाइल द्वारा जिलाधिकारी से कराया गया। तब जिलाधिकारी के आश्वासन पर परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए।
जब तक सूरज चांद रहेगा, दीपक तेरा नाम रहेगा
गुरूद्वार को करीब नौ बजे मृतक जवान की शव यात्रा निकली। जिसमें लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। जब तक सूरज चांद रहेगा,दीपक तेरा नाम रहेगा आदि के नारे लगाते हुए लोग शव यात्रा में शामिल हुए। गुरूवार के दिन पचरूखिया,गंगापुर गंगा तट पर मृतक जवान के बड़े भाई आशुतोष यादव ने मृतक जवान दीपक के आठ माह के पुत्र दिव्यांश को गोद में लेकर मुखाग्नि दिलवाया। यह दृष्य़ देख मौजूद लोगों की आंखों के कोर भींग गये।
उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News
पुष्पेंद्र कुमार तिवारी | बलिया11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
गंगापुर के पचरूखिया गंगा तट पर सेना के एक जवान की अंतिम विदाई में भावुक दृश्य देखने को मिला। मात्र आठ माह के अबोध बालक ने अपने फौजी पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गईं।
अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सभी ने शहीद जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले इस वीर सपूत की शहादत ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया।
स्थानीय लोगों ने कहा कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। इस मौके पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उस समय मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई जब मात्र आठ माह के अबोध बालक ने अपने फौजी पिता को मुखाग्नि दी। पचरूखिया,गंगापुर गंगा तट पर सेना के जवान की अंतिम विदाई में हजारों लोग उमड़ पड़े। इसके साथ ही देश की रक्षा करने की कसम लेने वाला “दीपक” हमेशा के लिए बुझ गया।
दो अप्रैल को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत
सूरतगढ़ राजस्थान में तैनात आर्मी मेडिकल कोर के जवान की मौत दो अप्रैल की सुबह हो गयी। जिनका शव शुक्रवार की देर साय रेवती थाना क्षेत्र दलछपरा गृह गांव पहुंचा। सेना के वाहन पर यूनिट के सुबेदार प्रदीप के साथ सेना के जवान भी अपने साथी के शव के साथ आए थे।जगह जगह लोगो ने तिरंगे झंडे के साथ श्रद्धासुमन अर्पित किया। जवान का गांव पहुंचने पर परिजनो में कोहराम मच गया।
दीपक के आत्महत्या पर प्रश्नचिन्ह
दीपक के भाई आर्मी जवान आशुतोष ने अपने भाई के आत्महत्या पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि उसी के यूनिट के लोगों पर हत्या का संदेह जताया है। उसका कहना है कि मेरे भाई के शिकायत पर एक जांच चल रही थी जिसमें वे फंस रहे थे। दीपक का छोटा भाई अमरनाथ भी सेना में तैनात है।दीपक की पत्नी दिव्या उर्फ गोल्डी का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक जवान का अबोध 08 माह के बालक दिव्यांश के सिर से पिता का छाया उठ गया।
डीएम के आश्वासन पर अंतिम संस्कार को राजी हुए परिजन
बलिया के रेवती थाना क्षेत्र अंतर्गत दल छपरा निवासी तथा सुरतगढ़ राजस्थान में तैनात जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद शुक्रवार की देर शाम जवान का शव गांव पहुंचा। जहां परिजनों ने जवान की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया।
मौके पर पहुंचे सीओ बैरिया मोहम्मद फहीम कुरैशी ने परिजनों को समझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन परिजन राजी नहीं हुए। देर रात को पहुंचे एसडीएम बैरिया ने मृतक जवान की पत्नी की बात मोबाइल द्वारा जिलाधिकारी से कराया गया। तब जिलाधिकारी के आश्वासन पर परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए।
जब तक सूरज चांद रहेगा, दीपक तेरा नाम रहेगा
गुरूद्वार को करीब नौ बजे मृतक जवान की शव यात्रा निकली। जिसमें लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। जब तक सूरज चांद रहेगा,दीपक तेरा नाम रहेगा आदि के नारे लगाते हुए लोग शव यात्रा में शामिल हुए। गुरूवार के दिन पचरूखिया,गंगापुर गंगा तट पर मृतक जवान के बड़े भाई आशुतोष यादव ने मृतक जवान दीपक के आठ माह के पुत्र दिव्यांश को गोद में लेकर मुखाग्नि दिलवाया। यह दृष्य़ देख मौजूद लोगों की आंखों के कोर भींग गये।