जलसंकट : रहुई में दर्जनों चापाकल खराब, पानी के लिए हाहाकार

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जलसंकट : रहुई में दर्जनों चापाकल खराब, पानी के लिए हाहाकार

जलसंकट : रहुई में दर्जनों चापाकल खराब, पानी के लिए हाहाकार


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जलसंकट : रहुई में दर्जनों चापाकल खराब, पानी के लिए हाहाकार
ग्रामीणों ने कहा-जेई से कई बार लगा चुके हैं गुहार पर नहीं बने चापाकल

बिजली आपूर्ति बाधित रहने पर पीने का पानी के लिए मचता है हाहाकार

फोटो :

रहुई चापाकल : रहुई गैस गोदाम के पास का एक माह से बंद चापाकल।

बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।

रहुई नगर पंचायत समेत प्रखंड के कई गांवों के दर्जनों चापाकल खराब हैं। कोई 15 दिन, कोई एक माह तो कोई चार माह से खराब है। लेकिन, अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी चापाकल की मरम्मत नहीं करायी गयी है। रहुई बाजार निवासी रिंकु पासवान, शशि पासवान, गीता देवी व अन्य ने बताया कि गैस गोदाम के पास 15 दिन से चापाकल खराब है। कनीय अभियंता उपेन्द्र कुमार से चापाकल की मरम्मत कराने की गुहार लगायी गयी है। लेकिन, चापाकल मरम्मत कराने का केवल आश्वासन मिला। जबकि, इस चापाकल से रोजाना सैकड़ों राहगीर पानी पीते थे।

बिजली आपूर्ति बाधित रहने पर दलित व महादलित समेत अन्य टोलों के लोग इसी चापाकल से पीने का पानी का जुगाड़ करते थे। कनीय अभियंता से काफी मिन्नत के बाद भी चापाकल की मरम्मत नहीं करयी गयी। ठीक बगल में देवी स्थान मंदिर का भी चापाकल एक माह से खराब पड़ा हुआ है। पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। रहुई गांव के गौरैया स्थान मंदिर के पास का चापाकल भी एक माह से खराब है।

उफरौल में दो चापाकल खराब :

छोटी गोबरिया, बड़ी गोबरिया में भी कई माह से खराब चापाकल को बदहाल हाल में छोड़ दिया गया है। पितौंजिया व सोनसा महादलित टोलों में भी खराब चापाकल की मरम्मत नहीं करायी गयी है। इसी तरह, उफरौल गांव के महादलित टोले में दोनों चापाकल खराब पड़ा हुआ है। जबकि, इसी गांव में शिव मंदिर के पास का चापकल भी बंद है। बरांदी गांव के धनेश्वर रविदास के घर के पास और आंगनबाड़ी भवन के पास कई माह से चापाकल खराब है। कुतुबपुरा गांव के तीन मोड़ पास और कलेन्द्र पासवान के घर के पास एक माह से खराब चापाकल की मरम्मत नहीं करायी गयी है।

स्कूल में नहीं बना चापाकल :

रहुई प्रखंड के ढिबरापर प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षिका चिंता देवी ने बताया कि दो दिन से चापाकल खराब है। कनीय अभियंता को सूचना दी गयी है। चापाकल खराब रहने की वजह से एमडीएम बनाने के लिए गांव से पानी ढोने की विवशता बनी हुई है।

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