जर्जर पुलों की जगह नया बनाया जाए वरना हो सकती है अनहोनी

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जर्जर पुलों की जगह नया बनाया जाए वरना हो सकती है अनहोनी

जर्जर पुलों की जगह नया बनाया जाए वरना हो सकती है अनहोनी

कमजोर पुलों का कसूरवार कौन 10
जर्जर पुलों की जगह नया बनाया जाए वरना हो सकती है अनहोनी

हिलसा-नूरसराय मार्ग पर चार पुलों की स्थिति नहीं अच्छी

बिंद-सकसोहरा मार्ग पर अंग्रेजों के जमाने में बना पुल भी जर्जर

फोटो

13हिलसा01-हिलसा की डोर नदी पर बना जर्जर पुल

हिलसा2- उमेश कुमार वर्मा समाजसेवी

हिलसा03- मंजय कुमार, समाजसेवी

हिलसा04- विकास कुमार चंद्रवंशी

हिलसा05- प्रवीण कुमार, एसडीओ

थरथरी01 – अमित राज, डीहा

थरथरी02 – विनोद कुमार, करियावां

बिंद01 – रजनीश कुमार, बिन्द

व्हाट्सएप संवाद

बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम।

हिलसा-नूरसराय मुख्य मार्ग पर हिलसा के बुढ़वा महादेव स्थान के पास डोर नदी, थरथरी के करियावां के पास चिरैंया नदी तो डीहा के पास नरहना नदी पर आजादी के पहले पुलों का निर्माण कराया गया था। इन पुलों की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। बेनार-सकसोहर मार्ग पर बिन्द बस पड़ाव के पास संकरी नदी पर बने पुल की स्थिति भी जीर्ण-शीर्ण हाल में है। पिलरों से गिट्टी और सीमेंट झड़ गये हैं। दरारें पड़ गयी हैं। छड़ दिखायी दे रहा है। बावजूद, इन पुलों की मरम्मत नहीं करायी जा रही है। चालक जान जोखिम में डाल पुल से गुजर रहे हैं। विभागीय अनदेखी कभी भी किसी हादसे की वजह बन सकती है। जर्जर पुलों की स्थिति और इसे बनाने के क्या उपाय किये जाएं, इस मुद्दे पर समाजसेवी, कारोबारी, युवा, किसान और जानकारों से व्हाट्सएप संवाद किया गया है। सभी ने एक स्वर में कहा कि पुराने हो चुके पुलों की जगह नया पुल बनाया जाएगा। पुलों की मरम्मत की दिशा में जवाबदेह अधिकारी गंभीरता से ध्यान दें। तभी, अनहोनी को रोका जा सकता है।

◆डोर नदी पर अंग्रेज के जमाने में बना पुल जर्जर हो चुका है। पिलरों में जगह-जगह पर दरारें पड़ गई हैं। रेलिंग सिर्फ दिखावे का है। पुल पर भारी वाहनों व बसों के प्रवेश पर रोक लगानी चाहिए। डायवर्सन बना नये पुल का निर्माण कराने की पहल की जानी चाहिए।

उमेश कुमार वर्मा, समाजसेवी, हिलसा

◆जिला मुख्यालय बिहारशरीफ जाने का सबसे सुगम मार्ग हिलसा- नूरसराय पथ है। रखरखाव के अभाव में पुल जर्जर हो चुका है। जान जोखिम में डालकर लोग पुल से गुजर रहे हैं। इसलिए समय रहते नया पुल बनाने की पहल होनी चाहिए।

मंजय कुमार, युवा नेता, हिलसा

◆देश की आजादी के पहले डोर नदी पर बना पुल अब बिल्कुल जर्जर हो चुका है। भारी वाहनों का बोझ सहने की ताकत पुल में नहीं बची है। बावजूद, हर रोज भारी वाहनों का पुल से गुजरना ठीक नहीं है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।

विकास कुमार चंद्रवंशी, समाजसेवी, हिलसा

◆नदी पर बने जर्जर पुल के ऊपर से सभी तरह के भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है। जगह-जगह पर विभाग द्वारा बोर्ड लगाया गया है। जर्जर पुल की हालत पर विभाग को अविलंब ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

प्रवीण कुमार,एसडीओ, हिलसा

हिलसा-नूरसराय मार्ग पर करियावां के पास चिरैंया नदी पर बना पुल काफी पुरान व जर्जर हो चुका है। पायों में दरारें आ गयी हैं। बावजूद, इसकी मरम्मत नहीं करायी जा रही है। हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है।

अमित राज, डीहा

हिलसा से नूरसराय जाने वाले मुख्य मार्ग पर डीहा के पास बने पुल के ऊपर से जब भारी वाहन गुजरते हैं तो कंपन होता है। अंग्रेजों के जमाने में इस पुल का निर्माण कराया गया था। पुल की चौड़ाई काफी कम है। नया पुल बनाने की दरकार है।

विनोद कुमार, करियावां

बिंद-सकसोहरा मार्ग पर नौरंगा के पास जिराइन नदी पर बने पुल की बाउंड्री दो जगहों पर टूटी है। खास के समय हादसे की आशंका बनी रहती है। तत्काल इसकी मरम्मत कराने की जरूरत है।

रजनीश कुमार, बिन्द

बेनार-सकसोहरा मार्ग पर बिंद बस पड़ाव के पास बना पुल काफी पुराना हो चुका है। पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगायी है। लेकिन, अब भी वाहन गुजर रहे हैं। अनहोनी हो सकती है।

श्रवण कुमार, बिंद

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