जरा संभलकर! तोता पाला या कुत्ते को बालकनी में बांधा तो हो सकती है जेल, जान लीजिए नियम

8
जरा संभलकर! तोता पाला या कुत्ते को बालकनी में बांधा तो हो सकती है जेल, जान लीजिए नियम

जरा संभलकर! तोता पाला या कुत्ते को बालकनी में बांधा तो हो सकती है जेल, जान लीजिए नियम

गाजियाबाद: अमेठी के आरिफ और सारस की दोस्ती के चर्चे तो आपने सुन ही रखे होंगे। यह भी आप जानते होंगे कि सारस को घर में पालने पर आरिफ के ऊपर वन विभाग की ओर से एफआईआर तक दर्ज कराई गई। यह मामला था प्रतिबंधित पक्षी को घर में पालने का। इन दिनों गर्मी बढ़ गई है। कई जगह आपको कोई घायल पशु या पक्षी सड़क पर पड़ा मिल सकता है। अगर आप उसका इलाज कराना चाहते हैं तो एक बार वन विभाग को जानकारी जरूर दें। या फिर थाने में इसकी सूचना दें। वरना आप भी कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं।दरअसल किसी भी पशु या पक्षी को पालने से पहले वन विभाग या नगर निगम को जानकारी देनी जरूरी होती है। वहीं, अगर आप पहले से किसी जानवर को पाल रहे हैं तो यह भी समझना होगा कि उसे कैसे रखना है। वरना पशु क्रूरता के तहत आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या हैं नियम और कितनी हो सकती है सज़ा, किन जानवरों या पक्षियों को आप पाल सकते हैं :

इन्हें पालना है बैन

इसी तरह कछुआ, बत्तख, मोर, बंदर, उल्लू, तीतर, बाज, ऊंट, हिरण, सारस, हाथी, सफेद चूहा, सांप आदि को पालना प्रतिबंधित है। इसके अलावा, खरगोश की भी कई प्रजाति पालना बैन है। उधर, कुत्ता, बिल्ली, भेड़, भैंस, गाय, घोड़ा, मुर्गा आदि पाले जा सकते हैं, लेकिन बेहतर होगा कि पहले वन विभाग या पशुपालन विभाग से इसकी जानकारी ले ली जाए।

पशु क्रूरता करने पर जा सकते हैं जेल

कुछ भी ऐसा होना, जिससे पशु या पक्षी को परेशानी हो रही हो पशु क्रूरता में आता है। जैसे कुत्ते को बालकनी में बंधना, चूहे को मारने, दुधारू पशु को दूध के लिए बार-बार इंजेक्शन लगाना, घायल पशु से काम कराना, पिंजरे मै कैद करके भूखा प्यासा रखना। सांप का जहर निकालकर जंगल मे छोड देना। जो पशु या पक्षियों की सामान्य जरूरतें हैं, उन्हें पूरा न करना। अगर कोई भी कहीं ऐसा देखता है और पुलिस या वन विभाग में शिकायत करता है तो इस मामले में सजा का प्रावधान है।

अब तक हुई कार्रवाई

वन विभाग से डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि फिलहाल ऐसे मामलों में तीन करवाई हुई हैं, जिसमें साहिबाबाद से 6 चील के बच्चे और एक बड़ी चील रेस्क्यू की गई। सपेरे से सांप छुड़वाया गया। वहीं, पीएफए अध्यक्ष सुरभी रावत ने बताया कि पशु क्रूरता के गाज़ियाबाद से पिछले 2 साल में 133 के लगभग केस में करवाई चल रही है। पीएफए जिला अध्यक्ष सुरभी रावत ने बताया कि पशु क्रूरता में 5 साल की सज़ा का प्रावधान है। बाकी इसमें पशु या पक्षी को किन परिस्थितियों में रखा गया है, इस पर भी निर्भर करता है। वन विभाग से अशोक गुप्ता ने बताया कि विदेशी पक्षियों को पालने से पहले वन्यजीव विभाग से इसकी परमिशन लेनी ज़रूरी होता है। अगर आपने परमिशन ली हुई है तो इस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।

पशु-पक्षी को पालने के लिए ये हैं नियम और सज़ा का प्रावधान

अगर आप किसी भी प्रकार का कोई जानवर पालने का शौक रखते हैं तो पहले इसकी जानकारी नगर निगम को देनी होगी

सालाना फीस भरकर उसका रजिस्ट्रेशन भी ज़रूरी है। रजिस्ट्रेशन के बिना आप अपने घर में कोई भी जानवर नहीं रख सकते

कानून के मुताबिक, उड़ना पक्षियों का मौलिक अधिकार है। उन्हें पिंजरे में बंद नहीं रखा जा सकता। उन्हें आकाश में आजाद छोड़ना होगा

किसी भी जानवर को परेशान करना, छेड़ना, चोट पहुंचाना, उसकी जिंदगी में व्यवधान पैदा करना अपराध है। ऐसा करने पर 25 हज़ार रुपये जुर्माने से लेकर 3 साल की सज़ा हो सकती है

अगर प्रतिबंधित एनिमल या बर्ड पालते हैं तो इसमें जुर्माना नहीं सीधे 3 से 7 साल तक की सज़ा होहो सकती है

Bihar Gaya Parrot Video Viral: जब पुलिस ने तोते से पूछा शराब माफिया का पता, मिला ऐसा जवाब

उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News