जयपुर धमाकों के मामले में गहलोत सरकार ने एसएलपी दायर की है

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जयपुर धमाकों के मामले में गहलोत सरकार ने एसएलपी दायर की है

जयपुर धमाकों के मामले में गहलोत सरकार ने एसएलपी दायर की है

Rajasthan News: जयपुर में 2008 में आतंकी साजिश के तहत सीरियल बम ब्लास्ट किए गए। आरोपियों को पकड़ लिया गया। जेल में डाला गया। फिर मुकदमा चलो तो कमजोर पैरवी के चलते उन्हें बरी भी कर दिया गया। अब बीजेपी ने मुद्दा उठाया तो गहलोत सरकार जागी और सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।

 

हाइलाइट्स

  • जयपुर में 13 मई 2008 हुए थे सीरियल बम ब्लास्ट
  • हाईकोर्ट की ओर से सभी आरोपियों को बरी किया गया
  • अब गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की एसएलपी
जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट हुआ। इसव मामले में पिछले दिनों हाईकोर्ट की ओर से सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया। इसके बाद इस मुद्दे ने प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया। आतंकियों के बरी होने के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा। गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगे। यह कहा गया कि सरकार ने जानबूझकर आरोपियों के खिलाफ पैरवी नहीं की। और इसी के चलते सभी आरोपी बरी हो गए। बीजेपी ने सरकार के खिलाफ तीन बार प्रेस कांफ्रेंस की। एक बार मशाल जुलूस निकाला और अब जयपुर के सभी 250 वार्डों में प्रदर्शन किया जाएगा। बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने में जुटी है जबकि कांग्रेस सरकार ने आतंकियों के बरी होने के फैसले के खिलाफ अपील करने में बहुत देरी कर दी। हालांकि 40 दिन बाद सरकार जागी और सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है।

पीड़ित परिवारों ने 13 अप्रैल को दायर की एसएलपी

राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च को बम ब्लास्ट के आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में जांच अधिकारी ने गंभीर लापरवाही बरती। ऐसे में जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बम ब्लास्ट के आरोपियों को बरी किए जाने के बाद जब बीजेपी ने सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी। मुख्यमंत्री की ओर से यह बयान तो दे दिया गया लेकिन एसएलपी दायर करने में बहुत देर लगा दी। लंबे इंतजार के बाद भी जब सरकार ने एसएलपी दायर नहीं की तो पीड़ित परिवारों की ओर से 13 अप्रेल को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। इस दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी और राजेन्द्र राठौड़ मौजूद रहे।
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कर्नाटक चुनावों में पीएम मोदी ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर साधा निशाना

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में भी जयपुर बम ब्लास्ट की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर आतंकियों के खिलाफ मजबूत पैरवी नहीं की। इसी कारण बम ब्लास्ट के सभी आरोपी जेल से छूट गए। पीएम मोदी ने 10 मई को सिरोही दौरे के दौरान भी कहा कि आतंकियों के प्रति कांग्रेस का हमेशा नरम रुख रहा है। उन्होंने आतंकियों को बचाने का सीधा आरोप लगाया। बम ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने का मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा सियासी मुद्दा बनेगा। बीजेपी ने हर मोर्च पर कांग्रेस सरकार को घेरने का एक्शन प्लान बनाया है।
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40 दिन बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की एसएलपी

सरकार अभी तक यही कहती रही कि हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन किया जा रहा है और जल्द ही एसएलपी दायर करेंगे। 10 मई को सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई। इस विशेष अनुमति याचिका में सेफुर्रहमान, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद सलमान की फांसी की सजा को रद्द कर उन्हों दोषमुक्त करने के फैसले के खिलाफ चुनौती दी गई है। इस मामले में जयपुर के जिला न्यायालय ने चार साल पहले आतंकी घटना के सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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