जब धोनी ने छक्का लगाकर भारत को बनाया था वर्ल्ड चैंपियन, 28 साल बाद पूरा हुआ था सपना
श्रीलंका क्रिकेट टीम के कप्तान कुमार संगाकारा ने भारत के खिलाफ फाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। महिला जयवर्धने के शतक (103*) के चलते श्रीलंका 6 विकेट के नुकसान पर 276 रन बोर्ड पर लगाने में सफल रही थी। भारत को वर्ल्डकप अपने नाम करने के लिए 277 रन की जरूरत थी।
मलिंगा ने किया था सहवाग और सचिन को चलता
2011 के विश्वकप के दौरान जहां वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर का बल्ला आग उगल रहा था। वहीं लसिथ मलिंगा भी अपने करियर के चरम पर चल रहे थे। उन्होंने फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में सहवाग को मैच की पहली गेंद पर ही आउट कर दिया था। इसी के साथ उन्होंने कुछ देर बाद सचिन को भी चलता किया था। इन दोनों दिग्गज के आउट होने के बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मातम छा गया था।
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गंभीर, धोनी और विराट ने खेली मैच विनिंग पारी
सचिन और सहवाग के आउट होने के बाद अनुभवी बल्लेबाज गौतम गंभीर और युवा विराट कोहली ने मिलकर भारतीय पारी को ट्रैक पर लाने का काम किया था। दोनों के बीच 83 रन की अच्छी साझेदारी हुई। हालांकि विराट 35 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद क्रीज पर आए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, जिन्होनें अपने करियर की सबसे बेहतरीन पारी उस मैच में खेली। माही ने फाइनल में नाबाद 91 रन बनाए। हालांकि गंभीर ने भी 97 रन बनाकर पूरी तरह से श्रीलंका के मुंह से मैच निकाल लिया था। बहरहाल, भारतीय पारी के 48वें ओवर की दूसरी गेंद पर धोनी ने गगनचुंबी छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बना दिया। टीम इंडिया ने इस तरह फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से मात दी थी।