जबलपुर हाईकोर्ट का शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर फैसला: कहा- याचिकाकर्ता गेस्ट फैकल्टी सफल होते हैं तो उनके लिए आयोजित करनी होगी विशेष परीक्षा – Bhopal News h3>
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जबलपुर हाईकोर्ट ने गेस्ट टीचर के हित में फैसला सुनाया है।
जबलपुर हाईकोर्ट ने मिडिल स्कूल शिक्षक भर्ती-2023 में गेस्ट फैकल्टी शिक्षकों को राहत देने वाला फैसला किया है। कोर्ट ने माना कि यदि याचिकाकर्ता सफल होते हैं तो राज्य सरकार को उनके लिए विशेष परीक्षा आयोजित करनी होगी।
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ऐसे में उन गेस्ट फैकल्टी को शासकीय सेवा मिलने का मौका मिल सकता है जिन्हें वर्षों की सेवा के बाद भी अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड न कर पाने के कारण आवेदन से वंचित किया गया था।
अधिवक्ता धीरज तिवारी ने बताया-
रिट पिटीशन नंबर 10815/2025 पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कैत और जज विवेक जैन की डबल बेंच ने स्पष्ट किया कि चयन प्रक्रिया अभी केवल अंतरिम रूप से जारी रहेगी और उसका अंतिम परिणाम कोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेगा।
सफल होने पर विशेष परीक्षा आयोजित करनी होगी
याचिकाकर्ताओं की ओर से धीरज तिवारी और विकास मिश्रा ने दलीलें दी। बताया कि यह नियम बदलाव बिना पर्याप्त समय और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के लागू किया गया है।
कोर्ट ने माना कि यदि याचिकाकर्ता सफल होते हैं तो राज्य सरकार को उनके लिए विशेष परीक्षा आयोजित करनी होगी।
यह आदेश उन हजारों गेस्ट फैकल्टी के लिए उम्मीद बना है, जो विभाग में वर्षों की सेवा के बावजूद अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड न कर पाने के कारण आवेदन से वंचित रह गए थे।
यह है भर्ती का पूरा मामला
वर्ष 2023-24 की शिक्षक भर्ती में पहली बार मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने गेस्ट अनुभव प्रमाण पत्र को ऑनलाइन आवेदन में अनिवार्य दस्तावेज घोषित कर दिया है। इसके पहले ऐसा नहीं होता था।
अधिवक्ता धीरज तिवारी के अनुसार पहले काउंसिलिंग के समय अनुभव प्रमाण पत्र दिखाना पड़ता था लेकिन इस परीक्षा में कर्मचारी चयन मंडल ने तीन साल का अनुभव अपलोड करने का विकल्प दे दिया।
ऐसे में जिनके पास तीसरे साल का अनुभव प्रमाण पत्र बन नहीं पाया था, उन्हें गेस्ट फैकल्टी अनुभव नहीं होने का विकल्प चुनना पड़ा था और इसी के विरोध में कई गेस्ट फैकल्टी कोर्ट गई है क्योंकि कई जिलों में प्राचार्य और संबंधित अधिकारी निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र जारी नहीं कर पाए। ऐसे में बड़ी संख्या में योग्य गेस्ट फैकल्टी आवेदन ही नहीं कर सके थे।
कोर्ट ने यह दिया फैसला
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता में 25 अप्रैल को जारी आदेश में कहा है कि चयन प्रक्रिया इस याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी।
यदि याचिका स्वीकार की जाती है तो राज्य शासन याचिकाकर्ताओं के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने के लिए बाध्य होगा। इसके पहले सिंगल बेंच ने इसे अस्वीकार कर दिया था क्योंकि आवेदन की अंतिम तिथि निकल गई थी।