जबलपुर के पूर्व शहर युवक कांग्रेस अध्यक्ष पर इनाम घोषित: कांग्रेसी नेता के साथ मिलकर किया था JDA की जमीन का फर्जीवाड़ा, एक माह से फरार – Jabalpur News h3>
जबलपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की खाली जमीनों को फर्जी तरीके से हड़पने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी यूथ कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष जतिन राज और उसके साथी मनोज नामदेव पर एसपी संपत उपाध्याय ने 5-5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।
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दोनों आरोपी पिछले एक माह से फरार हैं। ओमती थाना पुलिस लगातार उन्हें तलाश करने का दावा कर रही है। इनाम घोषित करने के साथ ही एसपी ने ओमती थाना प्रभारी को आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के निर्देश भी दिए हैं। फरार जतिन पहले एनएसयूआई का पदाधिकारी और पार्षद भी रह चुका है। कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के प्रचार में भी उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
यूथ कांग्रेस के नगर अध्यक्ष जतिन राज ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर जेडीए के फर्जी दस्तावेज बनाए और फिर उस जमीन को लाखों रुपए में बेच दिया। पुलिस ने इस मामले में सैफ नगर के कयाज उर्फ शुभम उर्फ शिवम को गिरफ्तार किया है।
जतिन का साथी कांग्रेस नेता मनोज नामदेव भी फरार है, उस पर इनाम घोषित किया है।
जबलपुर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 5-14 स्थित जमीन के फर्जी कागजात बनाकर उसका लाखों रुपए में सौदा कर दिया गया। जानकारी जब सीईओ को लगी तो उन्होंने इसकी जांच करवाई। खुलासा हुआ कि यूथ कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष जतिन राज ने साथी कांग्रेस नेता मनोज नामदेव के साथ मिलकर कयाज की मदद से फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन पर कब्जा करने के बाद उसे बेच दिया।
कयाज उर्फ शुभम ने कांग्रेस नेता द्वारा की गई जमीन की जालसाजी और अवैध कमाई के तरीकों को लेकर कई और खुलासे पुलिस के सामने किए हैं। जिसके बाद से ही पुलिस जतिन राज को तलाश रही है।हालांकि अभी तक पुलिस के पास उनकी कोई खबर नहीं है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के घर पर दबिश दी, लेकिन वे वहां नहीं मिले।
दरअसल सैफ नगर निवासी कयाज उर्फ शुभम लंबे समय से जतिन राज के साथ जुड़ा हुआ है। एक माह पहले वह जेडीए दफ्तर पहुंचा और खुद को विजय नगर निवासी केपी लटोरिया का बेटा बताते हुए एक जमीन को अपने नाम करने की कोशिश की। उसने नकली पहचान पत्र भी लगाए। जेडीए के सीईओ दीपक वैद्य को शक हुआ। दस्तावेजों की जांच करवाने पर वह फर्जी निकले। जांच में पता चला कि जिस केपी लटोरिया का बेटा बनकर शुभम जेडीए आफिस पहुंचा था, उनकी और उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है। उनकी कोई संतान नहीं थी। इसके बाद शुभम को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
ओमती पुलिस को पूछताछ में कयाज ने बताया था कि जतिन और मनोज जैसे कांग्रेस नेता इस गिरोह के पीछे हैं। पहले ये लोग खाली जमीनों की जानकारी निकालते थे, फिर फर्जी उत्तराधिकारी तैयार कर जमीन अपने नाम करवाते और उसे बेच देते थे। हर सदस्य को उसकी भूमिका के हिसाब से कमीशन मिलता था।