जबलपुर की नकली किताबों की जांच दिल्ली-मेरठ तक पहुंची, यहां मच गई भगदड़ | Jabalpur fake books case: Investigation reached Delhi-Meerut | News 4 Social

4
जबलपुर की नकली किताबों की जांच दिल्ली-मेरठ तक पहुंची, यहां मच गई भगदड़ | Jabalpur fake books case: Investigation reached Delhi-Meerut | News 4 Social

जबलपुर की नकली किताबों की जांच दिल्ली-मेरठ तक पहुंची, यहां मच गई भगदड़ | Jabalpur fake books case: Investigation reached Delhi-Meerut | News 4 Social

शिक्षा कानून से जुड़े विशेषज्ञों से विधिक परामर्श ले रहा प्रशासन
किताब दुकानों में बेच रहे थे बिना आइएसबीएन नम्बर की पुस्तकें

अब तक 75 स्कूलों के खिलाफ प्रकरण बनाया जा चुका है। वहीं 5 कॉपी-किताब व शैक्षणिक सामग्री बेचने वाले दुकानदारों की जांच कर 21 हजार 600 किताबें जब्त की हैं। इनमें आइएसबीएन नंबर नहीं था तो कुछ में डुप्लीकेट नंबर था। इसलिए अब न केवल विक्रेता बल्कि प्रकाशकों पर भी मामला बनाया जाएगा।

फर्जी नंबर से हो रहा था विक्रय

एसडीएम और तहसीलदारों की टीम ने पांच बड़ी दुकानों से किताबें जब्त की थी। उनमें आइएसबीएन नंबर नहीं था। जिन किताबों में यह मिला था, वह फर्जी निकला या डुप्लीकेट। अब किताब-कॉपी दुकान संचालकों के खिलाफ तो कार्रवाई की जा रही है, साथ ही प्रकाशकों को शिक्षा विभाग से संपर्क कर नोटिस भेजे जा रहे हैं उन्होंने किस आधार पर किताबों का प्रकाशन किया। यही नहीं उनकी कीमत भी मनमाने ढंग से तय की। इसलिए दिल्ली, मेरठ और दूसरे शहरों में प्रकाशकों को पत्र भेजा जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद इस पर बड़ी कार्यवाही की जा सकती है।

स्कूलों पर भी प्रकरण दर्ज

अभी जिन निजी स्कूलों की शिकायत मिली थी उन्होंने अभिभावकों को दुकान विशेष से किताब-कॉपी के अलावा स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते और मोजे तक खरीदने के लिए बाध्य किया था। इसलिए दोषी स्कूलों के खिलाफ मध्यप्रदेश निजी विद्यालय नियम 2020 के प्रावधानों के तहत वैधानिक कार्यवाही की गई है। इसमें नोटिस जारी किए गए हैं। इसी प्रकार बढ़ी हुई फीस का मामला सामने आया था। इन मामलों में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ किस प्रकार दूसरे कानूनों के तहत कार्यवाही की जा सके, इसके लिए कानून विशेषज्ञों से राय लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद अलग से प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

लगातार आ रही शिकायतें

कलेक्टर ने शिकायत के लिए अपना व्हाट्सएप नंबर भी शेयर किया था। उस पर अभी तक शिकायतें आ रही हैं। शहर का ऐसा कोई बड़ा निजी स्कूल नहीं है जिसकी शिकायत नहीं हुई है। उन्हें नोटिस जारी किया गया है। अब चुनाव के बाद अभिभावकों और स्कूल संचालकों के बीच खुली सुनवाई होगी। उसमें उनकी शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ तो प्रशासन कार्रवाई करेगा।

किसी दुकान विशेष से पाठय पुस्तक, शिक्षण सामग्री और यूनिफॉर्म खरीदने बच्चों और अभिभावको को बाध्य करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। किताब-कॉपी दुकान संचालकों के प्रकरण में एसडीएम और तहसीलदारों के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं।

दीपक सक्सेना, कलेक्टर

मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News