जन अधिकार का हनन कर रही सरकार: रौनक

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जन अधिकार का हनन कर रही सरकार: रौनक

जन अधिकार का हनन कर रही सरकार: रौनक

सीतामढ़ी। बिहार नगरपालिका संसोधन अधिनियम में सरकार ने मुख्य पार्षद के अधिकार का हनन नहीं वरन जनता के अधिकार का हनन किया है। वैसे अधिकारी कार्य नहीं करना चाहते हैं। कार्य को टालमटोल करते हैं। मेयर की नहीं सुनते हैं। यदि अधिकारी कार्य नहीं करेंगे इसके बाद उनको और अधिक अधिकार दिया जाएगा तो शहर का विकास कार्य ठप हो जाएगा। उक्त बातें नगर निगम के मेयर रौनक जहां परवेज ने बुधवार को वार्ड -38 स्थित पार्षद कार्यालय में कही। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में सरकारी, गैरसरकारी व राजनितिक कार्यक्रमों में मेयर के प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं हो रहा है। बैठक में मेयर को बैठने की जगह भी ठीक ढंग से नहीं दी जाती है। वे मंत्रिमंडल सचिवालय के पत्र बिहार राज्य अनुवर्ती 1988 को सार्वजनिक करते हुए कहा कि अनुवर्ती में नगर निगम के मेयर व महापौर को राज्य के उप मंत्री के बाद नौ वें स्थान, सांसद को 10 वें एवं विप व विस के सदस्य को 11 वें स्थान पर रखा गया है। इसके बाद मुख्यसचिव 12 वें स्थान पर आते हैं। लेकिन अक्सर सरकारी प्लेटफार्म पर भी इसका अनुपालन नहीं होता है। जहां मेयर ने कहा कि अब यदि सुधार नहीं हुआ तो सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ी जाएगी।

मुख्य पार्षदों के महासंघ की संगठन सचिव बनी रौनक: मेयर ने कहा बीते 31 जुलाई को विद्यापति भवन पटना में सभी नगर निकायों के मुख्य पार्षदों के महासंघ का गठन किया गया। इसमें उन्हें सर्वसम्मति से महासंघ का संगठन सचिव मनोनीत किया गया।

जहां नगर निकास संसोधित गजट 2024 में जन प्रतिनिधियों के अधिकारों की कटौती में आपत्ति को लेकर विभागीय मंत्री नीतीन नविन से मंत्री से भेंट कर अवगत कराया गया। जहां मंत्री ने गजट में सुधार का भरोसा दिया है। यदि सरकार के अधिनियम में सुधार नहीं किया गया तो संगठन लोकतांत्रिक तरीका से सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ेगी।

अधिकारी के उदासिनता के कारण ठोस अवशिष्ट प्रबंधन का नहीं हो पा रहा क्रियान्वयन:

रौनक ने कहीं कि सरकार ने शहरी क्षेत्र में नगर निकायों को स्ट्रीट लाइट लगाने से रोक लगा दी। अधिकारियों के उदासिनता के कारण शहर में ठोस अवशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। सरकार तो तीन वर्ष पूर्व जमीन क्रय करने के लिए 14 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवा दी। लेकिन टेंडर के बाद भी अधिकारी कार्य नहीं कर रहे हैं। न जमीन क्रय हो पा रहा है न ही इसका क्रियान्वयन हो पा रहा है। मेयर ने कहा कि नगर निगम बोर्ड ने काफी कम समय में शहर के जलजमाव से मुक्ति व शहरी विकास के लिए अथक प्रयास की है। सभी 46 वार्डों में 100 करोड़ रुपए से अधिक राशि का निविदा निकाली जा चुकी है। जिसमें जल जमाव वाले मुख्य समस्या रघुनाथपुरी से प्रतापनगर तक तीन करोड़ रुपए की राशि से सड़क व नाला का निर्माण है। जाम से निजात के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। भवदेपुर पुल से लेकर समस्त अस्पताल रोड का सड़क चौड़ीकरण किया गया। दो पार्किंग स्थल का निर्माण कर अन्य जगहों पर निर्माण के लिए प्रक्रिया बढ़ा दी गयी है। शहर के सभी बेघर वालों के भवन निर्माण के लिए आवेदन लिया जा रहा है। मौके पर मेयर प्रतिनिधि व जदयू नेता आरिफ हुसैन, मो.नौसाद, मो.हामिद रजा खान, मो.मुन्ने, सुरेश प्रसाद, रंजय सर्राफ आदि मौजूद थे।

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