जज-सीबीआई चीफ बनकर 1 करोड़ 2 लाख ठगे: साइबर ठगों ने बनाया डिजिटल कोर्ट, वीडियो कॉल पर कराई पेशी – Shahjahanpur News h3>
शाहजहांपुर9 मिनट पहले
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शाहजहांपुर में एक व्यक्ति साइबर ठगों का शिकार होकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार हो गया। आरोपियों ने खुद को सीबीआई चीफ, जस्टिस खन्ना और एक आईपीएस अधिकारी बताकर उससे एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर डाली।
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फोन पर पीड़ित को बताया गया कि उसके बैंक खाते से 2.80 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। इंकार करने के बावजूद उससे कहा गया कि उसे जमानत लेनी होगी। वीडियो कॉल के जरिए ‘डिजिटल पेशी’ करवाई गई और फिर एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम ठग ली गई। फिलहाल साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
अब जानिए पूरा मामला…
चौक कोतवाली क्षेत्र निवासी पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 6 मई को उसके पास एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का अधिकारी बताया। साथ ही खुद को विजय खन्ना, आईपीएस अधिकारी के रूप में पहचान दी और कहा कि वित्त मंत्रालय से जुड़े एक केस में उससे पूछताछ होनी है।
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सेंट्रल बैंक मुंबई में 2.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए
कॉल करने वाले ने आरोप लगाया कि पीड़ित के खाते से सेंट्रल बैंक मुंबई में 2.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं। व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर पूछताछ के दौरान पीड़ित ने इनकार किया और बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से मुंबई नहीं गया है।
ठग बोला- जस्टिस खन्ना के समक्ष पेश होना होगा
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7 मई को एक अन्य कॉल में कॉलर ने खुद को सीबीआई चीफ बताया और कहा कि उसे जस्टिस खन्ना के समक्ष पेश होना होगा। उसे टेबलेट के माध्यम से वीडियो कॉल पर पेश किया गया। वहां एक व्यक्ति ने खुद को जस्टिस खन्ना बताया और कहा कि पीड़ित की एफडी 94 लाख रुपये की है, जिसे लिक्विडेट करके बताये गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दे।
पीड़ित को जमानत की बेल आर्डर की कापी भी भेजी
पीड़ित ने 14 मई को ठगों द्वारा बताए गए अकाउंट में 71 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। 14 मई को आरोपी विजय खन्ना ने पीड़ित को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की बेल आर्डर की कापी भी भेजी। उनके कहने पर उनके बताए अकाउंट में साढ़े 9 लाख रुपये फिर भेज दिए। एफआईआर के अनुसार, सात मई को चीफ जस्टिस बने खन्ना ने कहा था सारा पेमेंट करने पर उनकी जमानत देखी जाएगी।
23 लाख 45 हजार 130 रुपए अकाउंट में भेजे
पीड़ित ने 23 लाख 45 हजार 130 रुपए अकाउंट में भेजे और फिर 32 हजार रुपए फोन पे के माध्यम से भेजे। इस तरह कुछ एक करोड़ दो लाख रुपए की ठगी की गई। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट से एक पत्र पीड़ित के पास आया। इसमें उसको सभी चार्जेस से बरी करते हुए पीड़ित का सारा पैसा वापस भेजने के निर्देश दिए गए।
पुलिस ने ट्रांसफर की गई रकम के साक्ष्य मांगे
इसके बाद से पीड़ित का किसी से संपर्क नहीं हो रहा है। तब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। साइबर क्राइम थाना प्रभारी सर्वेश कुमार शुक्ला ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित से ट्रांसफर की गई रकम के साक्ष्य मांगे गए हैं। मामले की जांच की जा रही है।
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया- एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी की गई। एक करोड़ से ज्यादा की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर कराई गई। पीड़ित को बताया किसी अपराध में उसका नाम आ रहा है। मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस जांच कर रही है। घटना का जल्द खुलासा करने के लिए एसआईटी बनाई है। दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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शाहजहांपुर9 मिनट पहले
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शाहजहांपुर में एक व्यक्ति साइबर ठगों का शिकार होकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ का शिकार हो गया। आरोपियों ने खुद को सीबीआई चीफ, जस्टिस खन्ना और एक आईपीएस अधिकारी बताकर उससे एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर डाली।
फोन पर पीड़ित को बताया गया कि उसके बैंक खाते से 2.80 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। इंकार करने के बावजूद उससे कहा गया कि उसे जमानत लेनी होगी। वीडियो कॉल के जरिए ‘डिजिटल पेशी’ करवाई गई और फिर एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम ठग ली गई। फिलहाल साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
अब जानिए पूरा मामला…
चौक कोतवाली क्षेत्र निवासी पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 6 मई को उसके पास एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का अधिकारी बताया। साथ ही खुद को विजय खन्ना, आईपीएस अधिकारी के रूप में पहचान दी और कहा कि वित्त मंत्रालय से जुड़े एक केस में उससे पूछताछ होनी है।
सेंट्रल बैंक मुंबई में 2.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए
कॉल करने वाले ने आरोप लगाया कि पीड़ित के खाते से सेंट्रल बैंक मुंबई में 2.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं। व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर पूछताछ के दौरान पीड़ित ने इनकार किया और बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से मुंबई नहीं गया है।
ठग बोला- जस्टिस खन्ना के समक्ष पेश होना होगा
7 मई को एक अन्य कॉल में कॉलर ने खुद को सीबीआई चीफ बताया और कहा कि उसे जस्टिस खन्ना के समक्ष पेश होना होगा। उसे टेबलेट के माध्यम से वीडियो कॉल पर पेश किया गया। वहां एक व्यक्ति ने खुद को जस्टिस खन्ना बताया और कहा कि पीड़ित की एफडी 94 लाख रुपये की है, जिसे लिक्विडेट करके बताये गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दे।
पीड़ित को जमानत की बेल आर्डर की कापी भी भेजी
पीड़ित ने 14 मई को ठगों द्वारा बताए गए अकाउंट में 71 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। 14 मई को आरोपी विजय खन्ना ने पीड़ित को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की बेल आर्डर की कापी भी भेजी। उनके कहने पर उनके बताए अकाउंट में साढ़े 9 लाख रुपये फिर भेज दिए। एफआईआर के अनुसार, सात मई को चीफ जस्टिस बने खन्ना ने कहा था सारा पेमेंट करने पर उनकी जमानत देखी जाएगी।
23 लाख 45 हजार 130 रुपए अकाउंट में भेजे
पीड़ित ने 23 लाख 45 हजार 130 रुपए अकाउंट में भेजे और फिर 32 हजार रुपए फोन पे के माध्यम से भेजे। इस तरह कुछ एक करोड़ दो लाख रुपए की ठगी की गई। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट से एक पत्र पीड़ित के पास आया। इसमें उसको सभी चार्जेस से बरी करते हुए पीड़ित का सारा पैसा वापस भेजने के निर्देश दिए गए।
पुलिस ने ट्रांसफर की गई रकम के साक्ष्य मांगे
इसके बाद से पीड़ित का किसी से संपर्क नहीं हो रहा है। तब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। साइबर क्राइम थाना प्रभारी सर्वेश कुमार शुक्ला ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित से ट्रांसफर की गई रकम के साक्ष्य मांगे गए हैं। मामले की जांच की जा रही है।
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया- एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी की गई। एक करोड़ से ज्यादा की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर कराई गई। पीड़ित को बताया किसी अपराध में उसका नाम आ रहा है। मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस जांच कर रही है। घटना का जल्द खुलासा करने के लिए एसआईटी बनाई है। दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।