चैती छठ: खरना के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू
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छठ महापर्व
चैती छठ: खरना के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने आज घाटों पर उमड़ेगा श्रद्धा का सैलाब
प्रसिद्ध सूर्यधाम बड़गांव और औंगारी में व्रत करने कई प्रदेशों से पहुंचे श्रद्धालु
फोटो
छठ01 – सूर्यनगरी बड़गांव में लोहंडा का प्रसाद बनातीं महिलाएं।
छठ02 – सूर्यपीठ बड़गांव में कष्टी देतीं छठव्रती।
छठ03 – बड़गांव तालाब के पास तम्बू लगाकर रह रहे श्रद्धालु।
छठ04 – चेवाड़ा में खरना का प्रसाद बनाने के लिए पानी ले जाते श्रद्धालु।
बिहारशरीफ/शेखपुरा, हिन्दुस्तान टीम।
लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने नहा-धोकर पवित्र तरीके से गन्ने के रस में बनी चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनायी। कुछ श्रद्धालुओं ने चने की दाल व अरवा चावल का प्रसाद भी बनाया। शाम में व्रतियों ने खरना (लोहंडा) किया। खरना करने के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। रविवार को डूबते तो सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्यदान देने के बाद ही व्रती अन्न-जल ग्रहण करेंगे।
ऐसे तो जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों के छठ घाटों पर अर्घ्य देने के लिए व्रती पहुंचते हैं। लेकिन, ऐतिहासिक सूर्यधाम बड़गांव और औंगारीधाम का नजारा अलग है। नहाय-खाय से ही व्रती सूर्यपीठों पर पहुंचे लगे थे। बड़गांव के सूर्य तालाब में स्नान करने के बाद श्रद्धालु कष्टी देते हुए सूर्य मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। कुछ ऐसा ही नजारा औंगारी धाम में भी दिखा। सूर्यनगरी में सूबे के अलावा देश के विभिन्न प्रदेशों से श्रद्धालु सूर्यदेव की उपासना करने पहुंचे हैं। पिरोजा, तेल्हाड़ा, ओप, अमनार, धुरगांव, दनियावां, हिलसा सूर्य मंदिर तालाब में स्नान कर व्रतियों ने प्रसाद तैयार किया और खरना किया।
औंगारी में व्रतियों के बीच दूध का वितरण:
औंगारी धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष रामभूषण दयाल व उपाध्यक्ष बीएन यादव के नेतृत्व में व्रतियों के बीच दूध का वितरण किया गया। प्रशासन द्वारा तालाब के चारो तरफ बैरिकेटिंग करायी गयी है। लाइटिंग और वाहन पार्किंग का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है। ट्रक के माध्यम से शौचालय, कपड़ा चेंजिग रूम बनाये गये हैं। व्रतियों के ठहरने के लिए धर्मशाला और आसपास के स्कूलों में बेहतर व्यवस्था की गयी है। सुरक्षा हेतु स्काउट एंड गाइड के सदस्यों को भी तैनात किया गया।
काफी ऊंचे दाम पर बिके फल
चेवाड़ा। छठ को लेकर चेवाड़ा बाजार में शनिवार काफी चहल-पहल रही। अन्य दिनों की तुलना में फलों के दाम दोगुने रहे। चिनिया केला 30 की जगह 60 रुपये दर्जन, सेव 60 की 120 रुपए किलो, अनार 140 से 220 रुपए किलो, नारियल 50 रुपये पीस, ईख का डार प्रति पीस 50 रुपए बिके।
तम्बुओं का शहर बन गया सूर्यधाम बड़गांव व औंगारी
फोटो
छठ05 : बड़गांव सूर्य तालाब के किनारे बसा तम्बुओं का शहर ।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम।
सूर्योपासना का प्रमुख केंद्र बड़गांव और औंगाधारी धाम की महत्ता किसी से छुपी नहीं हैं। दोनों सूर्यपीठ विश्व के 12 अर्कों (सूर्य मंदिर) में शामिल है। यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु छठव्रत करने आते हैं। नहाय-खाय के दिन से ही छठव्रतियों की भीड़ जुटने लगी है। व्रति और उनके परिजनों ने चार दिनों तक यहां रहकर उपासना करने के लिए अस्थायी रूप से डेरा डाल लिया है। तालाब के आसपास बांस, धोती व कपड़े से बने काफी संख्या में तम्बू नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि तम्बुओं का एक नया शहर ही बस गया है। कई श्रद्धालु आसपास के घरों में किराये पर कमरे लेकर भी रह रहे हैं। राहत यह भी कि इसबार जिला प्रशासन द्वारा बड़गांव में एक बड़ा सा टेंड लगाया गया है। इससे गर्मी से बचने में दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हो रही है।
हिलसा सूर्य मंदिर छठ : कैमरे से रखी जाएगी भीड़ पर नजर
फोटो
छठ06-हिलसा सूर्य मंदिर तालाब सज धज कर तैयार
हिलसा, निज प्रतिनिधि।
हिलसा सूर्य मंदिर तालाब घाट को सजा -संवारा गया है। घाट के चारों ओर लगे पेड़, बिजली खंभा व मंदिरों को रंग बिरंगी लाइट से सजाया गया है। शाम ढलते ही घाट का मनमोहक दृश्य देखते बन रहा है। भीड़ पर नजर रखने के लिये सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। छोटा-बड़ा मिलाकर कुल 32 कैमरे लगेंगे। दो जगहों पर बड़े स्क्रीन वाले एलईडी टीवी भी रहेगा। सुरक्षा के लिये पांच जगहों पर बाच टावर, दस जगहों पर चेंजिंग रूम, दो चलंत शौचालय, शुद्ध पेयजल के लिये दो पानी टैंकर, मेडिकल कैम्प, खोया-पाया केंद्र, कंट्रोल रूम एवं चिकित्सा शिविर की व्यवस्था की गई है। मुख्य पार्षद धनंजय कुमार ने कहा कि इस बार तालाब का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। फिर भी व्रतियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। तालाब के बीचोबीच में 300 वाय 300 फिट में दो फिट गहराई कर तालाब का रूप दिया गया है, जिसमे अर्घ्य देंगे।
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छठ महापर्व
चैती छठ: खरना के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने आज घाटों पर उमड़ेगा श्रद्धा का सैलाब
प्रसिद्ध सूर्यधाम बड़गांव और औंगारी में व्रत करने कई प्रदेशों से पहुंचे श्रद्धालु
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छठ01 – सूर्यनगरी बड़गांव में लोहंडा का प्रसाद बनातीं महिलाएं।
छठ02 – सूर्यपीठ बड़गांव में कष्टी देतीं छठव्रती।
छठ03 – बड़गांव तालाब के पास तम्बू लगाकर रह रहे श्रद्धालु।
छठ04 – चेवाड़ा में खरना का प्रसाद बनाने के लिए पानी ले जाते श्रद्धालु।
बिहारशरीफ/शेखपुरा, हिन्दुस्तान टीम।
लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को व्रतियों ने नहा-धोकर पवित्र तरीके से गन्ने के रस में बनी चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनायी। कुछ श्रद्धालुओं ने चने की दाल व अरवा चावल का प्रसाद भी बनाया। शाम में व्रतियों ने खरना (लोहंडा) किया। खरना करने के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। रविवार को डूबते तो सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्यदान देने के बाद ही व्रती अन्न-जल ग्रहण करेंगे।
ऐसे तो जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों के छठ घाटों पर अर्घ्य देने के लिए व्रती पहुंचते हैं। लेकिन, ऐतिहासिक सूर्यधाम बड़गांव और औंगारीधाम का नजारा अलग है। नहाय-खाय से ही व्रती सूर्यपीठों पर पहुंचे लगे थे। बड़गांव के सूर्य तालाब में स्नान करने के बाद श्रद्धालु कष्टी देते हुए सूर्य मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। कुछ ऐसा ही नजारा औंगारी धाम में भी दिखा। सूर्यनगरी में सूबे के अलावा देश के विभिन्न प्रदेशों से श्रद्धालु सूर्यदेव की उपासना करने पहुंचे हैं। पिरोजा, तेल्हाड़ा, ओप, अमनार, धुरगांव, दनियावां, हिलसा सूर्य मंदिर तालाब में स्नान कर व्रतियों ने प्रसाद तैयार किया और खरना किया।
औंगारी में व्रतियों के बीच दूध का वितरण:
औंगारी धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष रामभूषण दयाल व उपाध्यक्ष बीएन यादव के नेतृत्व में व्रतियों के बीच दूध का वितरण किया गया। प्रशासन द्वारा तालाब के चारो तरफ बैरिकेटिंग करायी गयी है। लाइटिंग और वाहन पार्किंग का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है। ट्रक के माध्यम से शौचालय, कपड़ा चेंजिग रूम बनाये गये हैं। व्रतियों के ठहरने के लिए धर्मशाला और आसपास के स्कूलों में बेहतर व्यवस्था की गयी है। सुरक्षा हेतु स्काउट एंड गाइड के सदस्यों को भी तैनात किया गया।
काफी ऊंचे दाम पर बिके फल
चेवाड़ा। छठ को लेकर चेवाड़ा बाजार में शनिवार काफी चहल-पहल रही। अन्य दिनों की तुलना में फलों के दाम दोगुने रहे। चिनिया केला 30 की जगह 60 रुपये दर्जन, सेव 60 की 120 रुपए किलो, अनार 140 से 220 रुपए किलो, नारियल 50 रुपये पीस, ईख का डार प्रति पीस 50 रुपए बिके।
तम्बुओं का शहर बन गया सूर्यधाम बड़गांव व औंगारी
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छठ05 : बड़गांव सूर्य तालाब के किनारे बसा तम्बुओं का शहर ।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम।
सूर्योपासना का प्रमुख केंद्र बड़गांव और औंगाधारी धाम की महत्ता किसी से छुपी नहीं हैं। दोनों सूर्यपीठ विश्व के 12 अर्कों (सूर्य मंदिर) में शामिल है। यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु छठव्रत करने आते हैं। नहाय-खाय के दिन से ही छठव्रतियों की भीड़ जुटने लगी है। व्रति और उनके परिजनों ने चार दिनों तक यहां रहकर उपासना करने के लिए अस्थायी रूप से डेरा डाल लिया है। तालाब के आसपास बांस, धोती व कपड़े से बने काफी संख्या में तम्बू नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि तम्बुओं का एक नया शहर ही बस गया है। कई श्रद्धालु आसपास के घरों में किराये पर कमरे लेकर भी रह रहे हैं। राहत यह भी कि इसबार जिला प्रशासन द्वारा बड़गांव में एक बड़ा सा टेंड लगाया गया है। इससे गर्मी से बचने में दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हो रही है।
हिलसा सूर्य मंदिर छठ : कैमरे से रखी जाएगी भीड़ पर नजर
फोटो
छठ06-हिलसा सूर्य मंदिर तालाब सज धज कर तैयार
हिलसा, निज प्रतिनिधि।
हिलसा सूर्य मंदिर तालाब घाट को सजा -संवारा गया है। घाट के चारों ओर लगे पेड़, बिजली खंभा व मंदिरों को रंग बिरंगी लाइट से सजाया गया है। शाम ढलते ही घाट का मनमोहक दृश्य देखते बन रहा है। भीड़ पर नजर रखने के लिये सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। छोटा-बड़ा मिलाकर कुल 32 कैमरे लगेंगे। दो जगहों पर बड़े स्क्रीन वाले एलईडी टीवी भी रहेगा। सुरक्षा के लिये पांच जगहों पर बाच टावर, दस जगहों पर चेंजिंग रूम, दो चलंत शौचालय, शुद्ध पेयजल के लिये दो पानी टैंकर, मेडिकल कैम्प, खोया-पाया केंद्र, कंट्रोल रूम एवं चिकित्सा शिविर की व्यवस्था की गई है। मुख्य पार्षद धनंजय कुमार ने कहा कि इस बार तालाब का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। फिर भी व्रतियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। तालाब के बीचोबीच में 300 वाय 300 फिट में दो फिट गहराई कर तालाब का रूप दिया गया है, जिसमे अर्घ्य देंगे।
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