चंबल को मिले 20 नए मेहमान: देवरी प्रजनन केंद्र से लाए गए 12 नर और 8 मादा घड़ियाल – Morena News h3>
मुरैना में वन विभाग ने गुरुवार को चंबल नदी की जैव विविधता को बचाने के लिए 20 घड़ियालों को नदी में छोड़ा गया है। देवरी स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र में पले इन घड़ियालों में 12 नर और 8 मादाएं शामिल हैं। सभी की उम्र दो वर्ष से अधिक है।
.
इस पुनर्वास कार्यक्रम के तहत इन घड़ियालों को विशेष बक्सों में रखकर दांतरदा घाट लाया गया और वहां सावधानीपूर्वक चंबल नदी में छोड़ दिया गया।
बता दें कि, चंबल नदी देश में घड़ियालों के प्राकृतिक आवासों में से एक है, लेकिन बीते कुछ सालों में इनके अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा था। इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने घड़ियालों के संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए यह प्रयास किया। अधिकारियों ने बताया कि इन घड़ियालों को चंबल नदी के उन स्थानों पर छोड़ा गया है, जहां पानी गहरा है और मानवीय दखल कम से कम हो, ताकि वे आसानी से प्राकृतिक माहौल में ढल सकें।
घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ते हुए
कैसे लाए गए घड़ियाल
देवरी स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र में जन्मे और पले-बढ़े इन घड़ियालों को लंबे लकड़ी के बक्सों में सुरक्षित रूप से रखकर दांतरदा घाट तक लाया गया। जब इन्हें नदी किनारे ले जाकर बक्सों के मुंह खोले गए, तो घड़ियाल तेजी से बाहर निकले और सीधे नदी में बह गए। कुछ घड़ियाल तुरंत पानी में गोता लगाकर दूर चले गए, जबकि कुछ कुछ देर तक किनारे पर रुके और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़े।
घड़ियालों को छोड़ते हुए
अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ पुनर्वासन
घड़ियालों को नदी में छोड़ने की इस प्रक्रिया के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी और वन विभाग के कर्मचारी मौजूद थे। इस मौके पर उप मंडल अधिकारी योगेंद्र कुमार पारधे, उपवनमंडल अधिकारी करहाल संजीव कुमार और अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चंबल नदी में जाते हुए घड़ियाल
चंबल नदी में घड़ियाल संरक्षण क्यों जरूरी
चंबल नदी घड़ियालों के लिए देश के कुछ बचे हुए प्राकृतिक आवासों में से एक है। लेकिन अवैध रेत खनन, जल प्रदूषण और भोजन की कमी के कारण इनकी संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसी कारण देवरी स्थित घड़ियाल संरक्षण केंद्र में इनका प्रजनन कराया जाता है और एक सुरक्षित उम्र तक पहुंचने के बाद इन्हें नदी में छोड़ दिया जाता है, ताकि इनकी आबादी को बढ़ाया जा सके।
बक्सों में से निकलते हुए घड़ियाल