चंडीगढ़ में साइबर ठगी में 5 और गिरफ्तार: सुप्रीम कोर्ट जज और CBI अफसर बताकर ठगे 2.5 करोड़ रुपए; 3 को पहले पकड़ा – Chandigarh News

7
चंडीगढ़ में साइबर ठगी में 5 और गिरफ्तार:  सुप्रीम कोर्ट जज और CBI अफसर बताकर ठगे 2.5 करोड़ रुपए; 3 को पहले पकड़ा – Chandigarh News
Advertising
Advertising

चंडीगढ़ में साइबर ठगी में 5 और गिरफ्तार: सुप्रीम कोर्ट जज और CBI अफसर बताकर ठगे 2.5 करोड़ रुपए; 3 को पहले पकड़ा – Chandigarh News

चंडीगढ़ में 2.5 करोड़ की ठगी करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार।

Advertising

चंडीगढ़ पुलिस की साइबर सेल ने एक पूर्व महिला अधिकारी से 2.5 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। महिला को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर और खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज तथा CBI अफसर बताकर यह वारदात की गई थी। इससे पहले इस मामले

.

Advertising

साइबर सेल की इंचार्ज इंस्पेक्टर इरम रिज़वी के नेतृत्व में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के मनीष जायसवाल, चित्रांश चौरसिया, प्रिंस सिंह, मोहम्मद अजीत उल्लाह और जुब्बार अली के रूप में हुई है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 308, 319(2), 318(4), 338, 340(2), 61(2), 336(3) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

गिरफ्तारी वारंट दिखाकर बनाया दबाव

चंडीगढ़ के सेक्टर 10A निवासी पूर्व चीफ आर्किटेक्ट सुमित कौर को 3 मई 2025 को एक कॉल आई। ठगों ने खुद को दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताकर कहा गया कि उनकी सिम का दुरुपयोग हुआ है और उन पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसके बाद उन्हें एक वीडियो कॉल आया जिसमें खुद को पुलिस अधिकारी विजय खन्ना बताकर दो गिरफ्तारी वारंट दिखाए गए।

Advertising

लगातार दबाव बनाते हुए आरोपियों ने खुद को CBI के डीआईजी राजीव रंजन और सुप्रीम कोर्ट के जज तक बताया। फर्जी वारंट और झूठे आरोपों की आड़ में पीड़िता को गोपनीयता की शपथ दिलवाकर ₹2.5 करोड़ की रकम अलग-अलग फर्जी खातों में ट्रांसफर करवा ली गई।

आरोपियों को ले जाती पुलिस।

आरोपियों की भूमिका…

Advertising

1. मनीष जायसवाल: आरोपी ने अपने नाम पर बंधन बैंक में एक चालू खाता (Current Account) खुलवाया था। पीड़िता सुमित कौर ने 17 मई 2025 को इसी खाते में ₹20 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। पूछताछ में मनीष ने बताया कि लगभग 5-6 महीने पहले वह जयपुर गया था, जहाँ उसकी मुलाकात एक अज्ञात व्यक्ति से हुई। उस व्यक्ति ने मनीष को कम समय में मोटी कमाई का लालच दिया और सुझाव दिया कि वह कमीशन पर कॉर्पोरेट/चालू बैंक खाते खोल कर दे। इसके बाद मनीष असम गया, जहाँ उस अज्ञात व्यक्ति से दोबारा मिला और बैंक खातों की डिटेल्स सौंप दीं।वापस लौटने के बाद मनीष ने वाराणसी में चित्रांश चौरसिया से संपर्क किया और उसके कहने पर चालू खाते की डिटेल उसे 11 जून 2025 को लखनऊ स्थित SMS होटल में व्यक्तिगत रूप से सौंप दीं।

2. चित्रांश चौरसिया: 2-3 महीने पहले उसकी मुलाकात वाराणसी में प्रिंस सिंह से हुई थी। प्रिंस ने उसे बैंक खातों की व्यवस्था करने पर प्रति ट्रांजैक्शन 10% कमीशन देने का लालच दिया था। प्रिंस के कहने पर ही चित्रांश ने मनीष से संपर्क किया और उससे बैंक खाते प्राप्त किए, जिन्हें ठगों को भेजा गया।

3. प्रिंस सिंह: पुलिस पूछताछ में माना कि उसने असम में जुब्बार अली से मुलाकात की थी। जुब्बार ने उसे प्रति ट्रांजैक्शन 20% कमीशन देने की पेशकश की थी यदि वह कॉर्पोरेट बैंक अकाउंट्स की व्यवस्था कर सके। इसके बाद जुब्बार अली ने प्रिंस सिंह को अपने “बॉस” से मिलवाया, जिनकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है।

4. जुब्बार अली: प्रिंस सिंह ने आगे बताया कि उसे जुब्बार अली ने असम में 20% कमीशन का ऑफर दिया और जुब्बार ने उसे अपने “बॉस” से मिलवाया।

5. मोहम्मद अजीत उल्लाह: दोनों आरोपी असम से वाराणसी पहुंचे और वहीं अन्य आरोपियों से मुलाकात की। इनकी भूमिका मुख्यतः फर्जी बैंक खातों के संचालन व नेटवर्क से जोड़ने की थी। पूछताछ में इन दोनों ने स्वीकार किया कि वे इस साइबर फ्रॉड रैकेट का हिस्सा हैं और अन्य सदस्यों के संपर्क में भी हैं।

ठगों से ये हुआ बरामद

पुलिस ने गिरफ्तार ठगों से 10 मोबाइल फोन (एक्टिव सिम सहित), 5 चेक बुक, 12 एटीएम कार्ड, 8 बैंक पासबुक, 1 टैब और 1 लैपटॉप बरामद किया है। पुलिस अब बरामद डिवाइस की फोरेंसिक जांच भी कराएगी।

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News

Advertising