घर में अचानक आग लगने से 3 साल की दिव्यांशी जिंदा जली, मां का रो-रोकर बुरा हाल | 3 year old Divyanshi burnt alive due to sudden fire in house | News 4 Social

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घर में अचानक आग लगने से 3 साल की दिव्यांशी जिंदा जली, मां का रो-रोकर बुरा हाल | 3 year old Divyanshi burnt alive due to sudden fire in house | News 4 Social

घर में अचानक आग लगने से 3 साल की दिव्यांशी जिंदा जली, मां का रो-रोकर बुरा हाल | 3 year old Divyanshi burnt alive due to sudden fire in house | News 4 Social

घटना के दौरान मृतक बालिका व उसकी तीन बहनें अकेली थी। हादसे से मृतका के माता-पिता बेसुध हो गए। पुलिस ने चौमूं के उपजिला अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजन के सुपुर्द किया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। पुलिस जांच में जुटी है।

पुलिस ने बताया कि बृसिंहपुरा गांव निवासी गिरधारीलाल मीणा दिहाड़ी मजदूरी करने राधाकिशनपुरा गया था। उसकी पत्नी संजू देवी, अपनी चारों बेटी दिव्या (7), अनुष्का (5), दिव्यांशी (3) और रुचिता (डेढ़ साल) को कच्चे घर पर ही छोड़कर घर से एक किलोमीटर दूर मनरेगा में मजदूरी चली गई। दोपहर 2.30 बजे अचानक कच्चे घर में आग लग गई।

इस दौरान दिव्या और अनुष्का घर से बाहर निकल गई, जिससे वह बच गई, लेकिन दिव्यांशी और रुचिता बाहर नहीं निकल पाई, जिससे गंभीर रूप से झुलसी दिव्यांशी की मौत हो गई और रुचिता गंभीर रूप से झुलस गई, जिसे चौमूं के निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। हादसे से परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। आग में घर समेत सामान भी जल गया। पीडि़त परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है।

आग की लपटें देखकर दौड़े लोग
दोपहर में अचानक उठे धुआं के गुब्बार और आग की लपटें देखकर आसपास से दौड़कर पहुंचे लोगों ने आग पर मिट्टी वगैरह फेंककर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग बेकाबू हो गई। हालांकि बाद में नलकूप चलाकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक आग में एक मासूम बच्ची जिंदा जल चुकी थी व उससे छोटी बच्ची झुलस गई।

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रोजाना बेटी साथ ले जाती थी
पड़ोस में रहने वाली आंची देवी ने बताया कि संजू देवी की बेटी दिव्या (7) तीसरी कक्षा और अनुष्का (6) दूसरी कक्षा में पढ़ती है। इनके स्कूल जाने के कारण संजू दोनों छोटी बेटियों को साथ ले जाती थी, लेकिन शुक्रवार को दिव्या और अनुष्का नहीं गई तो इन दोनों छोटी बेटियों को भी वह घर पर छोड़ गई। घर पर धुआं और आग की लपटें देखकर वह घर की तरफ दौड़ी भी, लेकिन बेटी को नहीं बचा सकी।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
आग में मासूम बच्ची के जिंदा जलने की घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मां संजू देवी की आंखों से रुलाई थमने का नाम नहीं ले रही थी। बेटी को खोने का दर्द उसकी आंखों में साफ दिखाई दे रहा था। बार-बार बेटी को पुकार कर बेसुध होती रही। मृतका के पिता गिरधारी के आंखों से भी रुलाई फूट रही थी।

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विधायक व अधिकारी भी पहुंचे
हादसे के बाद आमेर विधायक प्रशांत शर्मा, तहसीलदार जालसू रामधन विश्नोई, सरपंच प्रभा, पूर्व सरपंच रतन शर्मा, गिरदावर कृष्ण यादव, रतनलाल शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि पहुंचे। विधायक शर्मा ने दूरभाष पर जिला कलक्टर को पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की। सरपंच प्रभा ने पीडि़त परिवार को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी है।

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