घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी; RERA सख्त, बिल्डर और प्रोजेक्ट की रैंकिंग इस बेवसाइट पर होगी

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घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी;  RERA सख्त,  बिल्डर और प्रोजेक्ट की रैंकिंग इस बेवसाइट पर होगी

घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी; RERA सख्त, बिल्डर और प्रोजेक्ट की रैंकिंग इस बेवसाइट पर होगी

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बिहार में घर खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें अब बिल्डर और प्रोजेक्ट को जानने-समझने का अवसर मिलेगा। रेरा बिहार निबंधित परियोजनाओं और निबंधित बिल्डर की रैंकिंग जारी करेगा। इसमें 2016 में रेरा अधिनियम लागू होने के बाद से शुरू हुई सभी परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा। कई बार बिल्डरों के झांसे में आम लोग फंस जाते हैं।

रेरा बिहार अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा, रैंकिंग जल्द वेबसाइट https//rera.bihar.gov.in पर जारी की जाएगी। इसपर आम लोगों से प्रतिक्रिया भी आमंत्रित की जाएगी। रेरा बिहार अध्यक्ष ने बताया कि घर खरीदार किसी भी परियोजना में निवेश से पहले सही निर्णय ले सकें, यही इसका मकसद है।

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रैंकिंग के लिए शब्द परियोजनाओं की रैंकिंग के लिए शब्द बिहार रेरा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट कोटिएंट (बीआरक्यू) का प्रयोग किया गया है। बिल्डर के लिए बिहार रेरा प्रोमोटर्स कोटिएंट (बीपीक्यू) का प्रयोग किया जा रहा है। अधिक बीआरक्यू का मतलब है कि परियोजना की प्रगति अच्छी है। अगर यह कम है तो परियोजना अच्छे ढंग से नहीं चल रही है। बीपीक्यू में बिल्डरों के सभी निबंधित परियोजनाओं के संपूर्ण प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा। उन सभी निबंधित परियोजनाओं की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिनका काम अभी पूरा नहीं हुआ है।

रैंकिंग के आधार

विवेक कुमार सिंह ने कहा कि परियोजनाओं की रैंकिंग में भौतिक प्रगति, आवंटकर्ताओं से जुटाए गए धन का उपयोग, शिकायतों की संख्या और परियोजना के प्रमोटर के खिलाफ दायर किए गए अन्य ऐसे मामलों को ध्यान में रखा जा रहा है। प्रोमोटरों की रैंकिंग में अनुभव, निबंधित परियोजनाओं की संख्या, समय पर परियोजनाओं का पूरा होना और कानूनी मामले आदि को ध्यान में रखा गया है। रैंकिंग गतिशील रहेगी। निबंधित परियोजनों के प्रमोटरों के द्वारा किए गए अनुपालनों के आधार पर यह बदलेगी।

निबंधित बिल्डरों से सुझाव भी मांगे गए

निबंधित बिल्डर को परियोजनाओं और बिल्डरों की रैंकिंग के लिए उपयोग किए गए मापदंडों के बारे में सूचित किया गया है। उनके सुझावों को आमंत्रित किया गया है ताकि जरूरत हो तो विचार करने के बाद ही आम लोगों के लिए रिपोर्ट जारी की जाए।

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