घर के बाहर सो रहे 14 से ज्यादा लोगों पर जंगली जानवर का हमला, रेंजर बोले- कुत्ते ने काटा – Barwani News h3>
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जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर लिंबई, सनगांव व काकरिया गांव में सोमवार सुबह घर के बाहर सो रहे लोगों पर जंगली जानवर ने हमला कर घायल कर दिया। हमले के बाद लोगों को राजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां से गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। जंगली जानवर के हमले के बाद वन विभाग का अमला जांच के लिए पहुंचा। जहां पर लोगों के बयान व हमले में चोट के निशान देखने के बाद रेंजर ने कहा- यह वन्य प्राणी का हमला नहीं किसी कुत्ते ने हमला किया है। वन विभाग के दावे के बाद इलाज करा रहे लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि इलाज वन्य प्राणी का लें या कुत्ते के काटने का इलाज कराएं।
सोमवार सुबह करीब 4.30 बजे अज्ञात जंगली जानवर ने लिंबई गांव में घर के बाहर सो रहे लोगों पर हमला शुरू किया। जहां लोगों को घायल करने के बाद वह सनगांव व काकरिया गांव तक लोगों को काटते हुए पहुंचा। सुबह करीब 6 बजे तक यह सिलसिला चलता रहा। सभी घायलों को परिजन राजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने इलाज किया। एक गंभीर महिला रायली बाई को मुंह पर गंभीर चोट होने से जिला अस्पताल भेजा गया। बीएमओ डॉ. देवेंद्र रोमड़े ने बताया सुबह जंगली जानवर के हमले से घायल मरीज आए थे। सभी मुंह, हाथ व पैर पर काटने के निशान थे। कुल 9 मरीज थे। इसमें 6 लिंबई, 2 सनगांव व एक काकरिया का था। ग्रामीणों के बताए अनुसार व चोट के निशान देखकर किसी जंगली जानवर का हमला होना दिखाई दे रहा था।
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^ कोई भी पशु या जंगली जानवर के काटने पर खून निकलने पर इंफेक्शन फैलने का डर रहता है। इसे रोकने के लिए रैबीज के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। अस्पताल में आए सभी घायलों को रैबीज के इंजेक्शन लगाकर इसी का इलाज दिया गया है। -डॉ. देवेंद्र रोमड़े, बीएमओ
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लोगों पर हमले की सूचना के बाद वन विभाग का अमला मौके पर जांच के लिए पहुंचा। उन्होंने ग्रामीणों से बयान लेकर मौका मुआयना किया। रेंजर विकास जमरे ने बताया बयान व मौका मुआयना के बाद यह हमला किसी वन्य प्राणी का नहीं किसी कुत्ते का लग रहा है। मौका मुआयना करने पर वहां किसी जानवर के पगमार्क नहीं मिले हैं। जो घाव के निशान हैं, वह वन्य प्राणी के नहीं हैं। इसमें करीब 14 लोग घायल हुए। आसपास खोजबीन की लेकिन कुछ नहीं मिला है। ग्रामीणों को रात में घर के बाहर न सोने की हिदायत दी है। साथ ही रात के समय वन विभाग का अमला गश्त कर निगरानी करेगा।
हमले में यह 14 लोग हुए घायल रायली बाई पति लोबाज, सदी बाई पति झबरसिंह, चैनसिंह पिता उमराव, बद्री पिता जसू, बलिराम पिता शिवराम, जशोदा पति गंगाराम, महेश पिता जयसिंह, मंशाराम पिता छगन, सूरसिंह पिता मानसिंह, चैनसिंह पिता माणिया सभी निवासी लिंबई, रेमसिंह पिता केवसिंह, कालू पिता मयाराम, राजेश पिता रेवाराम, सुखलाल पिता घनश्याम सभी निवासी सनगांव घायल हुए हैं।
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जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर लिंबई, सनगांव व काकरिया गांव में सोमवार सुबह घर के बाहर सो रहे लोगों पर जंगली जानवर ने हमला कर घायल कर दिया। हमले के बाद लोगों को राजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां से गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। जंगली जानवर के हमले के बाद वन विभाग का अमला जांच के लिए पहुंचा। जहां पर लोगों के बयान व हमले में चोट के निशान देखने के बाद रेंजर ने कहा- यह वन्य प्राणी का हमला नहीं किसी कुत्ते ने हमला किया है। वन विभाग के दावे के बाद इलाज करा रहे लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि इलाज वन्य प्राणी का लें या कुत्ते के काटने का इलाज कराएं।
सोमवार सुबह करीब 4.30 बजे अज्ञात जंगली जानवर ने लिंबई गांव में घर के बाहर सो रहे लोगों पर हमला शुरू किया। जहां लोगों को घायल करने के बाद वह सनगांव व काकरिया गांव तक लोगों को काटते हुए पहुंचा। सुबह करीब 6 बजे तक यह सिलसिला चलता रहा। सभी घायलों को परिजन राजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने इलाज किया। एक गंभीर महिला रायली बाई को मुंह पर गंभीर चोट होने से जिला अस्पताल भेजा गया। बीएमओ डॉ. देवेंद्र रोमड़े ने बताया सुबह जंगली जानवर के हमले से घायल मरीज आए थे। सभी मुंह, हाथ व पैर पर काटने के निशान थे। कुल 9 मरीज थे। इसमें 6 लिंबई, 2 सनगांव व एक काकरिया का था। ग्रामीणों के बताए अनुसार व चोट के निशान देखकर किसी जंगली जानवर का हमला होना दिखाई दे रहा था।
^ कोई भी पशु या जंगली जानवर के काटने पर खून निकलने पर इंफेक्शन फैलने का डर रहता है। इसे रोकने के लिए रैबीज के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। अस्पताल में आए सभी घायलों को रैबीज के इंजेक्शन लगाकर इसी का इलाज दिया गया है। -डॉ. देवेंद्र रोमड़े, बीएमओ
लोगों पर हमले की सूचना के बाद वन विभाग का अमला मौके पर जांच के लिए पहुंचा। उन्होंने ग्रामीणों से बयान लेकर मौका मुआयना किया। रेंजर विकास जमरे ने बताया बयान व मौका मुआयना के बाद यह हमला किसी वन्य प्राणी का नहीं किसी कुत्ते का लग रहा है। मौका मुआयना करने पर वहां किसी जानवर के पगमार्क नहीं मिले हैं। जो घाव के निशान हैं, वह वन्य प्राणी के नहीं हैं। इसमें करीब 14 लोग घायल हुए। आसपास खोजबीन की लेकिन कुछ नहीं मिला है। ग्रामीणों को रात में घर के बाहर न सोने की हिदायत दी है। साथ ही रात के समय वन विभाग का अमला गश्त कर निगरानी करेगा।
हमले में यह 14 लोग हुए घायल रायली बाई पति लोबाज, सदी बाई पति झबरसिंह, चैनसिंह पिता उमराव, बद्री पिता जसू, बलिराम पिता शिवराम, जशोदा पति गंगाराम, महेश पिता जयसिंह, मंशाराम पिता छगन, सूरसिंह पिता मानसिंह, चैनसिंह पिता माणिया सभी निवासी लिंबई, रेमसिंह पिता केवसिंह, कालू पिता मयाराम, राजेश पिता रेवाराम, सुखलाल पिता घनश्याम सभी निवासी सनगांव घायल हुए हैं।